जाने इस गांव को जहां का हर नागरिक है करोड़पति
पर गांव छोड़ते है हो जाता है गरीब
जी हां, आपने जो भी शीर्षक में पढ़ा यह बिल्कुल सच है। यकीन नहीं होता न। कोई बात नहीं, हो जाएगा। चलिए आपको विश्व के बड़े-बड़े आधुनिक और मैट्रो शहरों को मात देने वाले इस गांव की जानकारी दिए देते हैं, जहां का प्रत्येक वासी करोड़पति है। 2000 आबादी वाले इस गांव में प्रकाशमय सड़के, आकाश में उड़ते हैलिप्काॅटर, बेहतरीन माॅल्स और बढ़िया होटल भी मौजूद हैं। प्रत्येक व्यक्ति कार और बंगला रखता है। साथ ही प्रत्येक वह सुविधा, जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते इस गांव में मौजूद है। गांव में स्थित इंटरनेशल होटल में एक गोल्ड सुइट है, जिसका एक रात का किराया 10 लाख के लगभग है। गांव में एक थीम पार्क बनाया गया है। इस पार्क में विश्व के सभी फेमस मॉन्युमेंट्स देखने को मिल जाएंगे, पर मजे की बात तो है कि इस इस गांव से बाहर निकलते ही आप अमीर से गरीब हो जाते हैं।
वास्तव में यह चीन के जिंयाग्सू प्रांत का हुआक्जी गांव है, जोकि अपने यहां रहने वाले हर नागरिक को अमीर बनाने के लिए बहुत अधिक पैसा खर्चा करता है। इसका सबूत यह है कि यदि आप इस गांव में रहने जाते हैं तो अथॉरिटी आपको कार और बंगला दे देती है। आप गांव सैर के लिए हैलिकॉप्टर या टैक्सी ले सकते हैं। इतना ही नहीं, यहां के प्रत्येक नागरिक के खाते में 85 लाख रुपये राशि जमा है।
हुआक्जी गांव शंघाई से दो घंटे की दूरी पर स्थित है। वर्ष 2003 में इस गांव ने अपनी कमाई 9 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक बताई थी। यहां पर स्टील प्रोडक्शन और टैक्सटाइल कारोबार बड़े पैमाने पर चलता है। इस गांव का निवासी बनने के जरूरी है कि आप ग्रामीण फार्मिंग कंपनियों में नौकरी प्राप्त कर लें। नौकरी मिलते ही आपको सभी प्रकार की आरामदायक साधन मिल जाते हैं। कर्मचारियों की तनख्वाह दस लाखों से भी अधिक होती है। साथ ही सैलरी से कई गुना ज्यादा बोनस कर्मचारियों को दिया जाता है, लेकिन यह नकद नहीं दिया जा सकता। इस गांव का सैलरी और बोनस सिस्टम ऐसा है कि गांव छोड़ने पर कुछ नहीं मिलता। निवासी वेतन का मात्र 30 प्रतिशत ही कैश करा पाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि लोगों के पैसे को अथॉरिटी नियंत्रित करती है। यहां पत्रकारों और एजेंसियों को बिना अनुमति प्रवेश नहीं करने दिया जाता।
ऐसा कहा जाता है कि इस गांव को चीनी सरकार अपने विकास का प्रतीक के रूप में प्रदर्शित करती है। यानि इसे सरकार का प्रोपेगेंडा भी कहा जाता है, जिसके द्वारा वह विश्व को चीनी विकास की गति को दिखाना चाहते हैं। निवासी को अथॉरिटी की ओर से अनेक लाभ मिलते हैं, पर ये लाभ तभी तक रहते हैं जब तक कोई इस गांव में रहता है।
सबसे अमीर गांव की दौड़ में सबसे आगे बने रहने के लिए हुआक्जी प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाता है। साल 2011 में 29 अरब रुपए खर्च कर हैगिंग विलेज आॅफ हुआक्जी नामक स्काईसक्रैप बनाया गया, जोकि 328 मीटर का है और एफिल टाॅवर (324) से 4 मीटर अधिक लंबा है। इसके 60वें फ्लोर पर प्योर सोने से बना बैल का स्टैच्यू भी है।
इकोनॉमिक स्ट्रैटजिस और प्रैक्टिस ऑफ मॉडर्न चाइना पुस्तक की माने तो सन् 1970 में चीन में कल्चर रेवोल्यूशन होने के बाद एक ऐसा फैसला किया गया, जिसने इस गांव के हालात बदल दिए। वर्ष 1970 में प्रांतीय सरकार द्वारा अपने 30 गांवों को मात्र फार्मिंग करने के लिए प्रतिबद्ध कर दिया और अन्य लेबर्स को उभर रहे मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में लगा दिया गया। मैन्युफैक्चर सेक्टर का हब बनने के बाद हुआक्जी दूसरे गांवों और शहरों से आगे बढ़ गया और ये गांव सबसे अमीर बन गया।
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