Saturday 29 October 2016

इन छोटी-छोटी बातों को करके पा सकते हैं
इस दीपावली पर आप मां लक्ष्मीजी की अपार कृपा


दीपावली का त्यौहार आपके द्वार पर दस्तक दे चुका है। हमारी ओर से आपको एवं आपके समस्त परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभ एवं मंगलकामनाएं। दीपावली पर मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए हर व्यक्ति लालयित रहता है। हम कुछ छोटी-छोटी बातों को करके इस दीपावली बड़े लाभ ले सकते हैं। चलिए जानते हैं कैसे।
वास्तु के अनुसार घर और दुकान के मुख्य द्वार का विशेष महत्व होता है। इसीलिए इस दीपावली पर मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए मुख्य द्वार पर साफ-सफाई से उससे सजाने का विशेष ध्यान देना चाहिए। वास्तु की माने तो मुख्य द्वार पर ये छः चीजें रखकर समृद्धि से लेकर पैसा, वैभव एवं स्वास्थ्य तक सभी चीजें हम लक्ष्मी मां की विशेष कृपा से प्राप्त कर सकते हैं।

1. पानी और फूल से भरा बर्तन
दीपावली पर घर अथवा दुकान के मुख्य द्वार पर किसी साफ बर्तन में पानी भरकर उसमें फूल डालें। इसे घर के पूर्व अथवा उत्तर दिशा में रखने से परिवार के मुखिया को बहुत लाभ होता है।

2. द्वार पर मां लक्ष्मी के पद चिह्न बनाना
दीपावली पर मुख्य द्वार पर मां लक्ष्मी के पद चिह्न बनाना बहुत शुभ तथा धन-धान्य लगाने वाला माना जाता है, पर ध्यान रहे कि पैरों के निशानों की दिशा अंदर की ओर होनी चाहिए।

3. द्वार पर तोरण बांधे
दीपावली से पहले मुख्य द्वार पर सुंदर और रंग बिरंगा तोरण, जोकि यदि आम, पीपल या अशोक के पेड़ के पत्तों सहित हो तो बहुत ही अच्छा रहेगा, बांधे। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाएगी।

4. कमल के फूल पर विराजित मां लक्ष्मी
दीपावली पर मुख्य द्वार पर कमल के फूल पर विराजित मां लक्ष्मी की तस्वीर लगाएं। इससे परिजनों को अनेक शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

5. चांदी का स्वस्तिक
मुख्य द्वार पर चांदी का स्वस्तिक लगाना बहुत ही शुभदायक माना जाता है। वास्तु की माने तो इससे घर में रोग प्रवेश नहीं कर पाते। आप लाल कुमकुम से भी स्वस्तिक बना सकते हैं।

6. ओम चिह्न
मुख्य द्वार के पूर्व या उत्तर दिशा में ओम का चिह्न बनाएं। इससे कोई भी रोग घर में अधिक समय तक नहीं रहता। 

Friday 28 October 2016

जाने धनतेरस के महत्व को


किसी ने सच ही कहा है कि भारत त्यौहारों का देश है। यहां अनेक धर्म और जाति के लोग रहते हैं इसलिए भांति-भांति के त्यौहार और पर्व भी बनाएं जाते हैं। इसी श्रृंखला में, आज धनतेरस का पवित्र महापर्व है, जिसे ब्रह्माण्ड के प्रथम चिकित्सक और देवताओं के वैद्य “धन्वन्तरी” की याद में मनाया जाता है।

जैसाकि हम बचपन से ही पढ़ते आ रहे हैं कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा और अमूल्य धन है। अब पूछेंगे कि फिर आज धातु की खरीददारी ही क्यों की जाती है, तो यहां स्पष्ट करना जरूरी है कि आज के ही दिन यानि आश्विन महीने के 13वें दिन समुद्र मंथन के दौरान ब्रह्माण्ड के प्रथम चिकिसक भगवान् धन्वन्तरी हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसीलिए ऐसी मान्यता है कि आज के दिन धातु घर लाने से उसके साथ ही अमृत के अंश भी घर आते हैं। और भई अमृत तो अच्छे स्वास्थ्य की गारंटी है। अगर अमृत घर आएगा तो बीमारी नहीं आएगी।
मजे की बात तो यह है कि आज भी बिहार राज्य के भागलपुर के “मंदारहिल” पर्वत पर समुद्र मंथन के दौरान हुए रस्सी के (शेषनाग) रगड़ के चिह्न मौजूद हैं।

धनतेरस की एक बहुत ही प्रचलित किवदंती है कि राजा हिमा का एक 16 वर्ष का पुत्र था जोकि कुंडली के अनुसार अल्पायु था। कुंडली के अनुसार शादी के चैथे दिन उसकी मृत्यु सर्पदंश से होनी थी पर शादी के चैथे दिन उसकी युवा एवं चतुर पत्नी ने राजकुमार को कहानियां एवं गीत सुनाकर रात भर सोने नहीं दिया। राजकुमार के चारो ओर दीप प्रज्ज्वलित कर दिये। साथ ही साथ शयनकक्ष के बाहर सोने-चाँदी के सिक्कों की ढेर लगाकर रख दिये। विधि विधान के अनुसार समय पर नागिन के रूप में यमदूत आए पर सोने-चाँदी के सिक्कों की चमक से नागिन की आँखें चैंधिया गयी और वो आगे नहीं बढ़ पाई। वहीं बैठ गयी (यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि सांप बहुत तेज रोशनी में नहीं देख पाते हैं) और अगली सुबह वापस लौट गयी। इस प्रकार राजकुमार की धर्मपत्नी ने अपने चातुर्य और कौशल से उस मनहूस घड़ी को टालकर पति को बचा लिया। इसीलिए आज की रात को “यमदीपदान” के रूप में भी मनाने की परंपरा है। रात भर दीप जलाकर बाहर जल रखा जाता है।

सभी मित्रो एवं उनके परिजनों को अच्छे स्वास्थ्य एवं ढेर सारे धन प्राप्ति की कामनाओं के साथ आज धनतेरस और आगामी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ।

Wednesday 26 October 2016

पीएफ एकाउंट रखते हैं
तो जान लें इसके पांच प्रमुख लाभ


आप अगर कर्मचारी हैं और ईपीएफ यानि इंप्‍लाइज प्रॉविडेंट फंड रखते हैं इसके लाभों को तो जानते ही होंगे। जब हमारा पैसा इस खाते में काटा जाता है तो यह रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सहायता के साथ-साथ हमें सोशल सिक्‍युरिटी भी देता है। और फिर यदि आप पीएफ की रकम को बीच में नहीं निकालते हैं तो ब्‍याज और कंपाउं‍डिंग की शक्ति से जुड़ा फंड आपकी रिटायरमेंट के बाद की अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकता है। इसके साथ ही कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन ईपीएफओ अपने सदस्यों को दूसरे अनेक लाभ भी उपलब्ध करवाता है। चलिए जानते हैं ऐसे ही पांच प्रमुख फायदों के बारे में।
पेंशन 
कंपनी अपने कर्मचारी के वेतन से एक भाग काटकर पीएफ फंड में जमा कराती है। साथ ही कंपनी भी उतना ही हिस्सा आपके पीएफ फंड में कंट्रीब्यूट करती है। इस राशि में से एक निश्चित रकम कर्मचारी पेंशन योजना में चली जाती है। यदि आप निरंतर दस वर्षों तक इस स्‍कीम में कंट्रीब्‍यूट करते हैं तो आप पेंशन के हकदार बन जाते हैं। दस वर्ष बाद ईपीएफओ आपसे पूछता है कि आप पेंशन लेना चाहते हैं अथवा नहीं यदि आप पेंशन लेना चाहते हैं तो आपकी पेंशन निश्चित कर दी कर जाती है। हालांकि पेंशन आपको रिटायरमेंट के बाद ही मिलती है। यह बात दूसरी है कि यदि आप नौकरी नहीं कर रहे हैं तो पचास वर्ष की आयु के बाद भी भी पेंशन ले सकते हैं।

जीवन बीमा 
इंप्‍लाई डिपॉजिट लिंक्‍ड इन्‍श्‍योरेंस योजना के अंतर्गत ईपीएफओ सदस्यों को जीवन बीमा कवर भी देता है। ईपीएफओ ने अब इसकी राशि को बढ़ाकर छः लाख रुपए कर दिया है। किसी सदस्य की मृत्यु पर नॉमिनी को जीवन बीमा कवर राशि छः लाख रुपए मिल जाती है।
बच्‍चों की शादी या एजुकेशन के लिए पैसा
पैसे के जरूरत पड़ने पर आप बच्‍चों की शादी या एजुकेशन के लिए भी अपने पीएफ फंड का एक हिस्‍सा निकाल सकते हैं। आप इस सुविधा का इस्‍तेमाल तीन बार कर सकते हैं पर इसके लिए जरूरी है कि आपकी नौकरी कम से कम सात वर्ष की हो चुकी हो। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए शादी का कार्ड और संस्‍थान की फीस का सबूत देने वाला जरूरी दस्‍तावेज देेना पड़ता है।

घर बनाने या खरीदने के लिए 
आप घर बनवाने, उसकी मरम्‍मत करवाने अथवा नया घर खरीदने के लिए पीएफ फंड से पैसा निकाल सकते हैं। यह बात दूसरी है कि ईपीएफओ ने इसकी भी एक सीमा निश्चित की है कि आप कितना पैसा निकाल सकते हैं। नया घर खरीदने या मरम्मत के लिए पैसा निकालने लिए जरूरी है कि आप नौकरी में पांच साल की अवधि पूरी कर चुके हों। अगर आप रिपेयरिंग के लिए पैसा निकालना चाहते हैं तो इसके लिए नौकरी में दस वर्ष की अवधि पूरी करना जरूरी है।
मेडिकल इमरजेंसी 
यदि आपको या आपके परिवार में किसी को मेडिकल इमरजेंसी होती है या कोई गंभीर बीमारी हो जाती है तो आप पीएफ के पैसे का उपयोग कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में ईपीएफओ सदस्यों को पीएफ फंड से निश्चित रकम निकालने की अनुमति देता है। 

Tuesday 25 October 2016

30 लाख का पैकेज छोड़
खोल ली चाय की दुकान 


किसी ने सच ही कहा है कि वही करें जो मन कहे और वही माने तो दिल कहे। इसी को आधार बनाकर लाखों लोगों ने अपने दिल की आवाज सुनी और बड़ी-बड़ी कामयाबियों के मुकाम भी हासिल किए। इन्हीं में शामिल हैं मधुर मल्होत्रा। मधुर ने भी अपने मन की बात को रखते हुए आस्ट्रेलिया में 30 लाख के पैकेज वाली नौकरी को छोड़कर भारत में चाय की दुकान खोल ली।

हुआ यूं कि मधुर के माता-पिता भारत में थे जबकि नौकरी ऑस्ट्रेलिया में ऐसे में उनका मन बहुत ही अशांत रहता था। वह केवल यही सोचते रहते थे कि किसी तरह से देश वापिसी का बहाना मिल जाए। सब फिर क्या था ईश्वर ने उनके मन की मुराद पूरी कर दी। मां के बीमार होने का समाचार सुनते ही वे नौकरी छोड़ भोपाल लौट आए। कुछ दिनों तक मधुर ने अपने दादा के साथ उनकी कंस्ट्रक्शन कंपनी का काम देखा और परिवार का रियल इस्टेट का व्यवसाय संभाला।

इसके बावजूद, मधुर का मन इसमें नहीं लग रहा था। ऐसे में, उन्हे चाय की दुकान खोलने का आइडिया आया। यह बात दूसरी है कि उनके पास बहुत सी बड़ी-बड़ी कंपनियों के जॉब ऑफर भी आ रहे थे। वर्ष 2011 में मधुर ने ‘चाय-34’ नामक दुकान की शुरूआत की। मधुर की माने तो ‘हमने यहां चाय के लगभग 20 फ्लेवर्स रखे हैं। इनमें हमारे पास 50 लीटर का स्टोरेज है, जो एक ही घंटे में खत्म हो जाता है। इनमें तुलसी-इलाइची, तुलसी-अदरक, मसाला चाय जैसे देसी वैराइटीज के साथ ही लेमन-हनी, लेमन-तुलसी और रॉ टी फ्लेवर्स भी शामिल हैं। यही वजह है कि बीस से भी अधिक फ्लेवर वाली चाय की दुकान, ‘चाय-34’ का पूरे भोपाल में बोलबाला है। आज भोपाल स्थित एमपी नगर जोन-2 स्थित ‘चाय-34’ ने अपनी अलग ही पहचान बना ली 

Friday 21 October 2016

अब नहीं रहेगी समय की कमी
अपनाएं टाइम मैनेजमेंट के ये टिप्स


हमें बचपन से ही समझाया जाता रहा है कि समय का चक्र निरंतर अपनी गति से घूमता रहता है। वह किसी के लिए भी कभी रुकता नहीं है। इसे हम ऐसे समझ सकते हैं कि जिस प्रकार मुट्ठी में बंधी हुई रेत को हाथ से फिसलने से अधिक समय तक ‍नहीं रोका जा सकता है, ठीक उसी प्रकार समय का चक्र भी गतिमान रहता है। जबकि आज के गलाकाट प्रतियोगिता युग में समय के साथ चलना बहुत जरूरी है। यही कारण है कि प्रायः अधिकांश लोग समय न होने की बात कहते पाये जाते हैं। विशेषकर ऐसे लोग जोकि व्यर्थ कामों में अपना समय खोने के बाद अपने महत्वपूर्ण काम को नजरअंदाज करते हैं। फिर शिकायत करते हैं कि हमारे पास समय नहीं है।

ऐसे लोगों के लिए पूर्व राष्ट्रपति एवं मिसाल मैन डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से टाइम मैनेजमेंट गुणों को सीखना चाहिए ताकि वे जान सके कि कैसे डाॅ. कलाम घंटों काम में व्यस्त रहने के बाद भी पढ़ने-लिखने और लोगों से मिलने का समय भी निकाल लेते थे। डाॅ. कलाम काम और जीवन के संतुलन यानि वर्क एंड लाइफ बैलेंस को बहुत महत्व देते थे। उनकी सोच थी कि हमें अपने समय को इस प्रकार व्यवस्थित करना करना चाहिए कि काम के साथ-साथ जीवन का भी आनंद लिया जा सके। चूंकि जिंदगी हमें समय का महत्व समझाती है तो समय हमें जीवन की अहमियत सिखाता है। डाॅ. कलाम बचपन से ही बहुत मेहनती थे। प्रतिदिन प्रातः चार बजे उठकर गणित की ट्यूशन जाते थे। 5 बजे अपने पिता के साथ नमाज पढ़ते। इसके बाद तीन किलोमीटर दूर धनुषकोड़ी रेलवे स्टेशन से समाचार-पत्र लाकर पैदल चलकर उन्हें बेचते थे। फिर 8 बजे तैयार होकर स्कूल चले जाते। स्कूल से वापिस लौटकर शाम को वे अखबार के पैसे इकट्ठे करते थे। वे कहते थे कि प्रत्येक काम के लिए समय रहता है, आवश्यकता है तो बस अनुशासन में रहने की।

डाॅ. कलाम की सोच थी कि मनोरंजन, मिलने-जुलने और व्यायाम के लिए समय निकालें। केवल मशीन की तरह काम करने से कभी सफलता नहीं मिलती। जो लोग आॅफिस में देर तक बैठकर काम करते हैं वे अपना निजी समय ही नहीं खराब करते बल्कि अपना टाइम मैनेजमेंट भी बिगाड़ लेते हैं। अपने काम से सदैव प्यार करें। चंूकि जिस काम से हम प्रेम करते हैं उसे करने के लिए हमारे पास कभी समय की कमी नहीं होती और इसीलिए उसके लिए हमेशा हमारे पास समय रहता है। सबसे पहले प्रातः उठकर अपनी दिनचर्या बनाएं और उसे फाॅलो करें। इससे आपका समय और जीवन दोनों प्रबंधित होंगे। साथ ही सबसे जरूरी है अनुशासन में सारे काम करें।

चलिए जानते हैं कुछ अन्य टिप्सः
1. आपको सबसे पहले देखना है कि आपका सबसे अधिक समय कहां खराब होता है। इन कामों का समय निश्चित करके आप अपना काफी समय बचा सकते हैं।
2. अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित कीजिए। जरूरी कामों को पहले ‍कीजिए और जो बाद में हो सकता है, उसके लिए समय निश्चित करें। गैर जरूरी काम को छोड़कर भी आप अपने वर्कलोड को कम कर सकते हैं।

3. समय प्रबंधन टूल्स जैसेकि मोबाइल, कैलेंडर अथवा चार्ट आदि की मदद से काम को समय पर पूरा करें। हां, रिमांडर को अवॉइड करने की आदत को बदलना होगा।
4. काम की आउटसोर्सिंग करें। विद्यार्थी, व्यवसायी या गृहिणियां अपने बहुत-से कामों को दूसरों से करवा सकते हैं। इससे जहां एक ओर आपका वर्कलोड कम होगा तो वहीं दूसरी ओर आप बेहतर काम कर पाएंगे।
5. प्रतीक्षा में समय खराब न करें। अनेक बार हम इंतजार करते हुए बहुत समय बर्बाद कर देते हैं। इस समय कुछ छोटे-मोटे काम किए जा सकते हैं जैसेकि ईमेल देखना, नोट्‍स बनाना इत्यादि।

Wednesday 19 October 2016

रिसर्च से सामने आई ये दस बातें
रात में एक गिलास से हों सकते हैं यह लाभ


हमें बचपन से ही बताया जाता रहा हैं कि दूध पीना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। दूध पीने से  शरीर को शक्ति के साथ-साथ ताजगी और आराम भी मिलता है। चूंकि दूध में लगभग वह सभी तत्व जैसे कि विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन, नियासिन, फॉस्फोरस और पोटैशियम आदि रहते हैं जोकि हमारे शरीर के लिए जरूरी होते है। डॉ. ब्रियान रॉय (ब्रॉक यूनिवर्सिटी, कनाडा) की स्टडी बताती है कि अगर आप रोज रात को कम कैलोरी वाला एनर्जी ड्रिंक लेना चाहते हैं तो दूध से बेहतर विकल्प कोई नहीं हो सकता है। दूध शीघ्र एनर्जी देने के साथ ही न्यूट्रिएंट्स भी देता हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग तथा जॉन हॉपकिंग यूनिवर्सिटी ने अपनी भिन्न-भिन्न अनुसंधानों में पाया कि दूध पीने से ये दस प्रमुख फायदे हो सकते हैंः
1. शरीर और त्वचा का निखार
दूध के सेवन से शरीर और त्वचा हाइड्रेट रहती है जिससे शरीर में निखार आता है।
2. मधुमेह से बचाव
दूध के सेवन से ब्लड शुगर का लेवल नियंत्रित रहता है जिससे मधुमेह से बचाव होता है।
3. मसल्स होगे मजबूत
दूध के सेवन से शरीर में प्रोटीन की आपूर्ति होती है जोकि मसल्स की मजबूती में सहयोग करता है।
4. आर्थराइटिस से बचाव
दूध में उपस्थित कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करके आर्थराइटिस रोग से बचाव करता है।
5. दांत होंगे मजबूत
दूध में फास्फोरस होने से दांत मजबूत होते हैं तथा मसूड़ों की समस्याओं से भी निजात मिलती है।

6. दिल रहता है स्वस्थ
दूध पीने से कोलेस्ट्राॅल लेवल कम होता है जिससे हाॅर्ट समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
7. कैंसर से बचाव
दूध में लिनोलिक एसिड होता है जोकि कैंसर से बचाव में मदद करता है।
8. आंखों का प्रकाश रहता है कायम
दूध में विटामिन ए होता है जोकि आंखों के प्रकाश को कायम रखता है।
9. एनीमिया से बचाव
दूध में आयरन होता है जोकि ब्लड की कमी या एनीमिया रोग से बचाव करता है।
10. कमजोरी नहीं रहती
दूध में राइबोफ्लेविन होता है जोकि कमजोरी को दूर करता करके भरपूर एनर्जी देता है।

 

Tuesday 18 October 2016

सिगरेट के इन बुरे प्रभावों को जानेगे तो
छोड़ देगे स्मोकिंग करना


इंसान की कुछ आदतें स्वाभाविक होती हैं तो कुछ वातावरण की देन होती हैं। इसीलिए कहा जाता है कि जैसी संगत वैसी रंगत। बहराल हमारा यहां उद्देश्य किसी आदत की बुराइयां निकालना नहीं है बल्कि आदतों से आपके शरीर के अंगों पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों के बारे में जानकारी देना है। अब आप कहेंगे कि आप यह कैसे कह सकते हैं तो यह कहना हमारा नहीं, बल्कि अमेरिकन लंग एसोसिएशन की अनुसंधान से यह बात निकलकर सामने आई है कि सिगरेट को जलाने पर इसमें से 7000 से अधिक रसायन निकलते हैं। इनमें से 69 भीषण रूप से खतरनाक केमिकल्स होते हैं जो कैंसर की संभावना को बढ़ा देते हैं। साथ ही शरीर के भिन्न-भिन्न भागों को प्रभावित करके आपके स्वास्थ्य को हानि पहुंचाते हैं।

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सिगरेट में आर्सेनिक रसायन होता है जोकि चूहे मारने के जहर बनाने में प्रयोग किया जाता है, जोकि फेफड़ों में जाकर उन्हें बुरी तरह से प्रभावित करता है। सिगरेट में अमोनिया भी होता है जोकि ड्रायक्लिनिंग तथा टाॅयलेट क्लीनर में उपयोग होता है। सिगरेट में उपस्थित बेंजीन ब्लड कैंसर की संभावना को बढ़ा देता है तो निकोटिन सीधे दिमाग को प्रभावित करता है। सिगरेट कार्बन मोनोआक्साइड जैसी जहरीली गैस देती है। साथ ही फाॅर्महिल्डहाइड जहरीला रसायन है जोकि कैंसर की संभावना बढ़ता है।
नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट, सेंटर्स ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की शोध बताती है कि

1. मस्तिष्क
स्मोकिंग से मस्तिष्क का काॅर्टक्स वाला भाग कमजोर हो जाता है जोकि आपकी मेंटल पाॅवर को भी कमजोर कर देता है।
2. मुंह
सिगरेट के रसायन मंुह की लार को सूखा देते हैं, कैविटी तथा दांत को क्षीण कर देते हैं। साथ ही मुंह के कैंसर की संभावना को जन्म देते हैं।
3. फेफड़े
नियमित स्मोकिंग से फेफड़ों में टार एकत्र हो जाता है जिससे फेफड़ों के कैंसर होने की संभावना 90 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
4. दिल
रोज सिगरेट पीने से बी.पी. बढ़ने लगता है जोकि स्ट्रोक और हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा देता है।
5. आंखें
सिगरेट के तंबाकू में अनेक आॅक्सीडेंट्स होते हैं जोकि आंखों को हानि पहुंचाते हैं। इससे आंखों की नमी समाप्त हो जाती है, मोतियाबिंद, मेक्यूलर डीजनरेशन तथा आॅप्टिक न्यूरोपैथी की समस्या होने की संभावना रहती है।

6. हड्डियां
सिगरेट में निकोटिन होता है जोकि शरीर में एस्ट्रोजन हाॅर्मोन के प्रभाव को कम करके हड्डियों को कमजोर करता है।
7. किडनी
स्मोकिंग से निकलने वाला धुंआ शरीर में रक्त के प्रवाह को कम करके किडनी को खराब करने की संभावना को 51 प्रतिशत तक बढ़ा देता है।
8. डी.एन.ए.
अनुसंधान से पता चला है कि सिगरेट में उपस्थित फेनानथरेन तत्व खून में मिलकर डीएनए को प्रभावित करता है। साथ ही कैंसर की संभावना को भी बढ़ा देता है।

Monday 17 October 2016

साइकिल के पंक्चर लगाने वाले इंसान ने खड़ी की
2200 करोड़ की कंपनी


इकबाल ने एक जगह लिखा है ‘‘खुदी को कर बुलंद इतना के हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है अर्थात् अपनी संकल्प शक्ति को इतना दृढ़ बनाओ कि नियति के प्रत्येक मोड़ पर स्वयं ईश्वर तुम्हारे जैसे नश्वर प्राणी से भी यह पूछने को विवश हो जाए कि बताओ तुम्हारा इरादा क्या है या तुम्हें क्या चाहिए। ऐसी ही मिसाल अनेक लोगों ने अपने जीवन में उतार कर दिखाई है इनमें से ही एक ऐसे शख्स है जिनकी जानकारी हम आपको आज देने वाले हैं। यह छत्तीसगढ़ निवासी कभी साइकिल की दुकान पर पंक्चर लगाया करते थे लेकिन एक आइडिया ने उनका जीवन बदल दिया। 100 मुर्गियों से उन्होंने व्यवसाय शुरू किया जोकि आज 2200 करोड़ तक पहुंच चुका है। चलिए जानते हैं कैसे।

यह शख्स है बहादुर अली जिसे फर्श से अर्श तक पहुंचने में एड़ी चोटी का दम लगाना पड़ा। बचपन से ही पिता और भाई के साथ साइकिल की दुकान पर पंक्चर लगाने का काम करने वाले बहादुर अली का कहना है कि ‘‘अगर आप यह सोचकर पैसा कमाते हैं कि आपको आराम की जिंदगी चाहिए तो यह आपकी सोच हो सकती है, लेकिन मैं आराम की जिंदगी उसको समझता हूं जो आपको काम करने से मिलती है।”
हुआ यों कि वर्ष 1978 में पिता की मृत्यु के पश्चात् परिवार की जिम्मेदारी बहादुर अली पर आ पड़ी। बड़े भाई सुल्तान अली ने विरासत में मिली साइकिल की दुकान संभाली। उसी समय बहादुर अली की मुलाकात एक डाॅक्टर से हुई। डॉक्टर ने उन्हें पोल्ट्री बिजनेस के बारे में समझाया। बहादुर अली को काम समझ मंे आया और उन्होंने वर्ष 1984 में मात्र 100 मुर्गियों से काम की शुरूआत की।

मुर्गी पालन से बढ़कर था उसे बेचना। सौ मुर्गियां बेचने में बहुत कठिनाई हुई। बहादुर अली ने इसे चुनौती बनाकर स्वयं ही इसकी मार्केटिंग करने का निश्चय किया। मार्केट रिसर्च किया फिर रिटेल आउटलेट खोलने की योजना बनाई। कहते हैं न नीयत साफ हो और हौंसले बुलंद हो तो मंजिल अपने आप चलकर पास आ जाती है तो कुछ ऐसा ही हुआ। वर्ष 1996 के आते-आते आइबी ग्रुप का टर्न ओवर 5 करोड़ रु. तक पहुंच चुका था पर तब भी बहादुर अली को संतुष्टि नहीं थी। इसी बीच दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित वल्र्ड पोल्ट्री कांग्रेस ने जीवन में बड़ा बदलाव ला दिया। अंग्रेजी भाषा में कमजोर बहादुर अली ने बेटों और बहनोई की मदद से अनेक स्टॉलों से जानकारी इकट्ठा की। इसी बीच एक अमेरिकन कंसल्टेंट ने उन्हें बेहतरीन तकनीकों के साथ-साथ बिजनेस के गुण सिखाए। फिर अली ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

वर्ष 1999 में अली ने प्रथम पोल्ट्री प्लांट की शुरूआत की। इसके बाद वर्ष 2006 में पहली साॅल्वेंट एक्सट्रैक्शन प्लांट का आरंभ हुआ। आज अली के आइबी ग्रुप में आठ हजार से भी अधिक कर्मचारी काम करते हैं जिनकी गिनती प्रतिवर्ष 10 फीसदी की दर से बढ़ रही है। इतना ही नहीं हर वर्ष 30 प्रतिशत की कंपनी की ग्रोथ भी हो रही है। आज इंडियन ब्रायलर गु्रप की कुक्कुट पालन क्षमता 50 लाख से अधिक है। साथ ही कंपनी के उत्पादों में पैकेज्ड दूध, खाद्य तेल, मछली के फीड, सोयाबीन मील आदि शामिल हैं। कंपनी का व्यवसाय छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, विदर्भ और उड़ी में फैला हुआ है पर उनका अधिकांश काम गांवों में होने से 90 फीसदी गांव वाले ही कर्मचारी है। अली तकनीक के साथ उत्पादों के उत्पादन और उनको बेचने की रणनीति बताते हैं ताकि वह सरप्लस न हो।

Saturday 15 October 2016

बाल झड़ने से हैं अगर परेशान तो
प्राचीन ग्रंथों में बताएं गए ये उपाय आएंगे आपके काम


आजकल बच्चों से लेकर बूढ़े और पुरुष से लेकर महिलाएं बालों को लेकर चिंतित नजर आते हैं। कारण निरंतर झड़ते बालों के कारण वह गंजेपन का शिकार हो सकते हैं। वास्तव में अव्यवस्थित रहन-सहन, खान-पान, दूषित वातावरण, तनाव एवं हार्मोन्स में बदलाव से छोटी आयु में ही बाल झड़ने लगते हैं। क्या आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो चलिए आपको बताते हैं कि हमारे प्राचीन ग्रंथों ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद में इसके लिए अनेक आयुर्वेदिक सिद्धांत दिए गए हैं। अधिकांशतः अथर्ववेद में सर्वाधिक औषधियों के बारे में जानकारी दी गई है। यहां तक कि इस ग्रंथ में बाल झड़ने से लेकर गंजेपन तक से बचने की जानकारी भी मिल जाती है। आयुर्वेदाचार्य सुश्रुत ने इसके लिए सिर पर तेल की मसाज को महत्व दिया। उनकी माने बालों की मसाज से बाल एवं स्कल्प नरम रहता है, डैंड्रफ की समस्या नहीं होती, बालों की वृद्धि तेजी से होती है और छोटी आयु में ही बाल सफेद नहीं होते। आचार्य चरक ने इसके लिए पगड़ी को महत्व दिया है और उसे पहनने के महत्व को बताया है कि पगड़ी पहनने से बालों का धूल, धूप और प्रदूषण से बचाव होता है जिससे बाल झड़ने की समस्या नहीं रहती। चलिए जानते हैं आयुर्वेद में बालों को स्वस्थ रखने के बताएं गए कुछ प्रमुख उपायः

दही/छाछ से बालों की करे मालिश
नहाने से पहले दही या छाछ से बालों की हल्के हाथ से अच्छे से मसाज करें। आधे घंटे बाद सिर पर शैम्पू करें। जल्द ही बाल झड़ने और डैंड्रफ की समस्याएं दूर हो जाएंगी।

नीम के पानी से बाल धोएं
अगर आपके बाल फंगल इन्फेक्शन अथवा डैंड्रफ के कारण झड़ते हो तो बालों को नीम के पानी से धोएं। संभव हो तो सरसों के तेल में नीम का तेल मिलाकर बालों की मालिश करें काफी लाभ होगा।

प्रतिदिन सोने से पहले लें एक गिलास दूध
रात को सोने से पहले रोज एक गिलास दूध लेने से शरीर को कैल्शियम और प्रोटीन मिलता है जिससे बाल झड़ना बंद हो जाते हैं।

बालों पर काली मिट्टी लगाएं 
अपने बालों को गिला करके उसपर काली मिट्टी लगाएं और आधे घंटे बाद धो लें। बाल कोमल होने के साथ-साथ झड़ने बंद हो जाएंगे।

त्रिफला का उपयोग
दो चम्मच त्रिफला पाउडर को एक गिलास पानी में घोल लें और बालों पर अच्छे से लगाएं। लगभग आधे घंटे के बाद इसे सादे और स्वच्छ जल से धो लें। बाल कोमल हो जाएंगे साथ ही बालों की बढ़ोत्तरी भी तेजी से होगी।

गुड़हल के लाल फूल
इन्हें पीसकर बालों में लगाकर आधे घंटे बाद धो लें। इसके तेल की सिर पर मालिश से भी बहुत लाभ होता है।

रोज खाएं नारियल या पीएं नारियल पानी
प्रतिदिन नारियल के 2-3 टुकड़े खाएं अथवा एक गिलास नारियल पानी पिएं। इससे जहां बाल चमकदार होंगे तो झड़ने भी बंद हो जाएंगे तथा तेजी से नए बाल भी आएंगे।

मेथी दाने पाउडर से धोएं बाल
दो चम्मच मेथी दाना पाउडर एक गिलास पानी में रात को भिगोकर रखें। प्रातः इसे अच्छे से पीस लें और बालों में हल्के हाथ से अच्छे से लगाएं। लगभग आधे घंटे के बाद सिर को धो लें।

मुलेठी और दूध की पेस्ट का इस्तेमाल 
दो चम्मच मुलेठी पाउडर को आधा कटोरी दूध में मिलाकर अच्छे से पेस्ट बना लें। इसे हल्के हाथ से सिर पर लगाएं और आधे घंटे बाद धो लें। इससे बाल झड़ने बंद हो जाएंगे और तेजी से नए बाल आएंगे।

शिकाकाई और नागरमोथा से सिर धोएं
यदि आप सिर के बाल झड़ने के साथ-साथ सिर में खुजली की समस्या से भी परेशान हैं तो सप्ताह में दो बार शिकाकाई और नागरमोथा पाउडर का एक-एक चम्मच लेकर 10 मिनट पानी में उबालें। पानी के ठंडा होने पर सिर को धो लें।

ब्राह्मी खाएं
प्रतिदिन प्रातः एक चम्मच ब्राह्मी पानी के साथ लें। इससे जहां नए बाल तेजी से आएंगे वही बाल झड़ना भी रूक जाएगा।

भृंगराज तेल से बालों की करें मसाज
रात को सोने से पहले गुनगुने भृंगराज के तेल से बालों और सिर की मालिश करें। प्रातः बाल धो लें। नए बाल आने के साथ-साथ बाल तेजी से बढ़ने लगेगे।

Monday 10 October 2016

प्रतिदिन एक लौंग खाने के इन फायदों को जानते हैं आप


हमारी रसोईघर में पाया जाने वाला लौंग बहुत ही काम की चीज है। शायद कोई इसके महत्व को नकारे। इसमें उपस्थित यूजेनॉल साइनस और दांत दर्द आदि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को सुधारने में सहायक होता है। लौंग की तासीर गर्म होने से सर्दी की शिकायत पर लौंग खाने अथवा चाय में डालकर पीने से लाभ होता है। चलिए जानते हैं लौंग के ये फायदेः

1. पाचन क्रिया दुरुस्त

लौंग का उपयोग करने से मुंह में सलाइवा अधिक बनता है जिससे पाचन क्रिया दुरुस्त होती है और एसिडिटी नहीं होती।

2. घाव भरने में सहायक

लौंग का एंटीबैक्टीरियल गुण घाव को भरने में सहायक होता है।

3. रोगों से बचाव

लौंग खाने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जोकि रोगों से बचाव में सहायक होता है।

4. चेहरे पर निखार

अगर आप दिन में दो बार लौंग पीते/खाते हैं तो शरीर के टाॅक्सिन्स दूर करके चेहरे पर निखार लाता है।

5. दिल रखता है दुरुस्त

लौंग कोलेस्ट्राॅल लेवल को कम करके दिल से जुड़ी समस्याओं को मदद करता है।

6. शुगर में लाभकारी

लौंग ब्लड शुगर लेबल को सामान्य रखकर शुगर में लाभकारी होता है।

7. त्वचा को कोमल और चमकदार

लौंग के एंटीआॅक्सीडेट्स तत्व शरीर को कोमल और चमकदार बनाता है।

8. शरीर की कमजोरी दूर 

लौंग में उपस्थित पोटेशियम शरीर की कमजोरी को दूर करके तुरंत ऊर्जा देता है।

9. नजर बनाता है तेज 

इसमें विटामिन ए होता है जोकि आंखों की रोशनी को बढ़ाता है।

10. दांत दर्द में लाभकारी

लौंग का एंटी इंफ्लेमेटरी गुण दांत दर्द दूर करके मसूड़ों की समस्या से बचाव करता है।

11. साइनस से बचाव

लौंग का यूजेनाॅल साइनस से बचाता है।

12. मुंह की बदबू दूर करना

लौंग मुंह के बैक्टीरिया को समाप्त कर मुंह की बदबू को दूर करने में मदद करता है।