इस औषधीय पौधे की खेती दे सकती है
कम समय और पैसे में लाखों की कमाई
आज समय बदल रहा है या यूं कहे तो गलत नहीं होगा कि हम मूल की ओर लौटते दिख रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं अपनी पुरानी परंपराओं और पद्धतियों के बारे में, जिसके बारे में लोगों का रूझान अब बदल रहा है।
लोग अब एलोपैथिक दवाइयों से फिर से आयुर्वेदिक दवाइयों और चीजों की ओर अधिक आकर्षित होते दिख रहे हैं। इसलिए अगर आप व्यवसाय करना चाहते हैं तो औषधीय पौधे यानि मेडिसिनल प्लांट फार्मिंग एक अच्छा बिजनेस साबित हो सकता है। इसके अंतर्गत केवल 1 हेक्टेयर कृषि भूमि पर इसबगोल खेती करके आरंभ में 10-15 हजार रुपए लगाकर आप केवल तीन माह में 2-2.5 लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं। हां यदि आप एक हेक्टेयर से अधिक खेती करते हैं तो आय कई गुना बढ़ सकती है।
आपको बता दें कि औषधीय पौधे ईसबगोल के बीजों का उपयोग आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दवाओं में किया जाता है। संसार के कुल उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत हमारे देश में ही उत्पन्न होता है। आरंभ में इसकी खेती केवल राजस्थान और गुजरात में होती थी पर अब हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब एवं उत्तराखंड आदि उत्तर भारतीय राज्यों में भी यह बड़ी मात्रा में होने लगी है। हमारे देश में लगभग तीन प्रकार के ईसबगोल होते हैं। विशेषज्ञों की माने तो केवल 110 से 140 दिनों में इसकी फसल पक जाती है। विशेषकर हरियाणा-2 किस्म की फसल 100 से 115 दिनों में पक जाती है, जिसे काटकर इसके बीजों को बाजार में बेचा जा सकता है।
हम अगर एक हेक्टेयर को आधार बनाकर कृषि गणना करें तो इससे लगभग 15 क्विंटल बीज पैदा होते हैं। हाल फिलहाल इसकी दर लगभग 12,500 रुपए प्रति क्विंटल है। इस हिसाब से बीज-बीज ही मात्र 1,90,000 रुपए के बैठते हैं। शीत ऋतु में तो दाम बढ़ जाने पर आय और भी अधिक हो सकती है।
इतना ही नहीं, यदि आप ईसबगोल के बीज को प्रोसेस करवाते हैं तो आपको अधिक लाभ हो सकता है। वास्तव में, प्रोसेसिंग होने के बाद इसके बीज में लगभग 30 प्रतिशत भूसी निकलती है, जोकि इसका सबसे अधिक महंगा भाग है। हमारे देश के थोक बाजार में भूसी का भाव लगभग 25 हजार रुपए प्रति क्विंटल है। ऐसे में, एक हेक्टेयर भूमि में पैदा फसल की भूसी का दाम करीब 1.25 लाख रुपए तक बैठता है। साथ ही बचती है खली, गोली आदि अलग, जोकि लगभग डेढ़ लाख रुपए तक बिक सकती है।