बढ़ रही है असमानता की खाई
विश्व की आधी संपत्ति पर है केवल आठ लोग की पकड़
आज अमीर और ज्यादा अमीर तो गरीब और ज्यादा गरीब होता जा रहा हैं। विशेषकर भारत का हाल तो शेष विश्व से भी बुरा है। गरीबी मिटाने पर काम करने वाली संस्था ‘ऑक्सफैम’ की रिपोर्ट ‘ऐन इकॉनमी फॉर द 99 परसेंट’ के अनुसार संसार की एक प्रतिशत सबसे अमीर जनसंख्या की संपत्ति का आंकड़ा शेष 99 प्रतिशत आबादी की कुल संपत्ति से भी अधिक है। गिनती के आठ सुपर अमीरों के पास विश्व की आधी जनसंख्या के बराबर की संपत्ति है। भारत की कुल संपत्ति का 58 प्रतिशत भाग एक प्रतिशत सबसे अमीर जनसंख्या की झोली में है। अध्ययन बताता है कि विश्व की आधी निर्धन जनसंख्या की संपत्ति पूर्व अनुमानों से भी कम हुई है। चीन, इंडोनेशिया, लाओस, भारत, बांग्लादेश एवं श्रीलंका में 10 फीसदी अमीरों की आय में 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है वहीं सबसे गरीब 10 प्रतिशत जनसंख्या की आय में 15 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। वास्तव में, ऑक्सफैम की रिपोर्ट उदारीकरण एवं भूमंडलीकरण पर आई टिप्पणी भी कही जा सकती है।
निर्धनता उन्मूलन के लिए काम करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था ऑक्सफैम ने फोर्ब्स मैगजीन के आंकलन के आधार पर बताया है कि विश्व के आठ लोगांें की कुल संपदा विश्व की आधी आबादी (आर्थिक स्थिति से नीचे से ऊपर की ओर वाली) की सारी संपत्ति के बराबर है। ये सभी आठ लोग पुरुष हैं साथ ही तकनीक के व्यवसाय से जुड़े हैं जिससे उन्होंने बड़ी संपत्ति इकट्ठी की है। इनमें 6 अमेरिकी, एक यूरोपीय और एक मेक्सिको निवासी है। इनमें से कुछ ने तो परोपकार के लिए अपनी सारी संपदा दान करने का भी निर्णय ले लिया है। चलिए जानते हैं इन 8 धनकुबेरों को।
बिल गेट्स- 75 डाॅलर बिलियन यानि लगभग 5 लाख करोड़ रुपये
1970 के मध्य में माइक्रोसॉफ्ट की नींव रखने वाले अरबपति बिल गेट्स की सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट आज विश्व की सबसे बड़ी कंपनी है। कंप्यूटर को घर-घर तक पहुंचाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। वर्ष 2000 में गेट्स ने कंपनी के सीईओ के पद को त्यागकर परोपकारी संस्था बिल ऐंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन में अपने को लगा लिया। वह माइक्रोसॉफ्ट में अपने स्वामित्व को धीरे-धीरे 3 प्रतिशत से भी कम पर ले आए हैं।
अमांसियो ऑर्तेगा- 67 बिलियन डाॅलर यानि लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये
वर्ष 1975 में प्रथम जारा फैशन शॉप से शुरूआत करने वाले सबसे अधिक धनाढ्य यूरोपीय ऑर्तेगा की आज इंडिटेक्स ग्रुप के अंतर्गत जारा फैशन की विश्व में 7,000 शॉप्स हैं। इसके तेजी से विस्तार का कारण एचऐंड जैसी प्रतिस्पर्धी कंपनियों की तुलना में बहुत किफायती मॉडल है। जारा और इंडिटेक्स के प्रगति के बाद ऑर्तेगा की कंपनी में भागीदारी 59 प्रतिशत हो गयी। फिलहाल कंपनी का बाजार मूल्य 97 बिलियन यूरोज यानि लगभग 7 लाख करोड़ रुपये है।
वॉरेन बफेट- 60.8 बिलियन डाॅलर यानि लगभग 4.14 लाख करोड़ रुपये
ऑरकल ऑफ ओमहा नाम से पहचान बनाने वाले प्रसिद्ध 86 वर्षीय अमेरिकी बिजनसमैन वाॅरेन बफेट ने किशोरावस्था में ही निवेश करने की शुरूआत कर दी थी। धीरे-धीरे उन्होंने प्रसिद्ध बर्कशियर हैथवे कंपनी बनाई। बफेट स्वयं के खर्चों को लेकर बहुत किफायती हैं। वह नए उद्योगों की तुलना में प्रतिष्ठित व्यवसाय मॉडल में निवेश को प्राथमिकता देते हैं। वह अपनी संपत्ति का बड़ा भाग परोपकारी कार्यों में लगाने के लिए कृतसंकल्प हैं इसलिए इन्होंने वर्ष 2006 से ही बर्कशियर हैथवे में अपने शेयर को बिल ऐंड मिलिंडा फाउंडेशन को दान कर रहे हैं।
कार्लोस एजलिम हेलू- 50 बिलियन डाॅलर यानि लगभग 3.40 लाख करोड़ रुपये
मेक्सिको के कार्लोस का 42 डाॅलर बिलियन यानि लगभग 2.86 लाख करोड़ रुपये वाली बहुराष्ट्रीय टेलिकम्यूनिकेश कंपनी अमेरिका मोविल में बड़ा स्वामित्व है। वे कंपनी के 7 प्रतिशत शेयर रखते हैं यद्यपि इसमें उनके परिवार की 37 प्रतिशत भागीदारी है। तीन वर्ष पूर्व वे विश्व के अमीरों की सूची में प्रथम थे पर लैटिन अमेरिकी देशों में आर्थिक मंदी से हेलू की संपत्ति में कमी आई। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की मुक्त व्यापार समझौते को समाप्त कर अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर दीवार खड़ा करने की धमकी से भी हेलू की कंपनियों के शेयर कमजोर पड़े हैं। फोर्ब्स की माने तो चुनाव में ट्रंप की जीत की घोषणा के चार दिनों में ही हेलू का नेट वर्थ 5 बिलियन डाॅलर यानि लगभग 34 हजार करोड़ रुपये घट गया।
जेफ बेजोस-45.2 डाॅलर बिलियन यानि लगभग 3.07 लाख करोड़ रुपये
ऑनलाइन शॉपिंग को लोकप्रिय बनाकर रिटेल इंडस्ट्री में क्रांति लाने वाले ऐमजॉन के संस्थापक एवं सीईओ जेफ बेजोस ने शुरूआत मात्र पुस्तकों की ऑनलाइन बिक्री की थी जोकि आज लाखों उत्पाद बेचता है। बेजोस ऐमजॉन में 17 प्रतिशत शेयर रखते हैं। वह ऐमजॉन के अलावा दूसरे व्यवसाय में भी उतर चुके हैं। वह प्रतिष्ठित अमेरिकी समाचार-पत्र वॉशिंगटन पोस्ट को भी खरीद चुके हैं। उन्होंने ब्ल्यू ऑरिजिन नामक एयरोस्पेस कंपनी भी बनाई है जोकि लोगों को अंतरिक्ष यात्रा सुलभ करवाएगी।
मार्क जकरबर्ग-44.6 बिलियन डाॅलर यानि लगभग 3.03 लाख करोड़ रुपये
हार्वर्ड के छात्रों को आपस में जोड़ने के उद्देश्य से जकरबर्ग ने कॉलेज के साथियों के साथ मिलकर वर्ष 2004 में फेसबुक बनाई। वर्ष 2012 में इसने अपने शेयर सार्वजनिक किए। फिर तो 32 वर्षीय जकरबर्ग अरबपति बन गए। उन्होंने फेसबुक को लाभकारी बनाकर प्रतिस्पर्धी कंपनी ट्विटर को काफी पीछे छोड़ दिया। जकरबर्ग एवं उनकी धर्मपत्नी ने फेसबुक में अपने 40 करोड़ से अधिक शेयरों के साथ 99 प्रतिशत भागीदारी यानि लगभग 3.40 लाख करोड़ रुपये परोपकारी कार्यों में लगाने का कृतसंकल्प लिया हैं।
लेरी एलिसन-43.6 डाॅलर बिलियन यानि लगभग 2.96 लाख करोड़ रुपये
वर्ष 1970 में एक युवा प्रोग्रामर को अपना पहला बड़ा ग्राहक मिला सीआईए जिसका प्रॉजेक्ट था-ऑरकल। 1977 में एलिसन एवं सहयोगियों ने इस प्रॉजेक्ट के नाम पर ही अपनी कंपनी बना ली, जोकि डेटाबेस मैनेज करने में सहायता करने वाला सॉफ्टवेयर तैयार करती थी। एलिसन ऑरकल में 27 प्रतिशत शेयर रखते हैं। अभी कंपनी की वेल्यू 160 बिलियन डाॅलर यानि लगभग 10.89 लाख करोड़ रुपये है।
माइकल ब्लूमबर्ग-40 बिलियन डाॅलर यानि लगभग करीब 2.72 लाख करोड़ रुपये
इन्वेस्टमेंट बैंक से निकाले जाने के बाद माइकल ब्लूमबर्ग ने वर्ष 1981 में अपने नाम से वित्तीय जानकारियां देने वाली कंपनी बना ली। इन्होंने विशेषकर वित्तीय सेवाओं वाली कंपनियों को डेटा टर्मिनल्स बेचकर पैसे कमाए। इसमें रियल टाइम मार्केट इन्फर्मेशन एवं न्यूज सर्विस भी होती है। कंपनी में माइकल के 88 प्रतिशत शेयर हैं। वह वर्ष 2001 में राजनीति में उतरे और न्यूयॉर्क शहर के तीन बार मेयर रे।