Wednesday 25 January 2017

तो आपके पीएफ खाते से
ऐसे किया जा रहा है खिलवाड़


आप भी किसी संगठित क्षेत्र में काम करते हैं और आपका पीएफ काटा जाता है तो यह पोस्ट आपके लिए विशेष महत्व रखती है। आपके पीएफ खाते में जमा हो रही राशि के साथ कंपनियां ऐसा खिलवाड़ कर रहीं है जिसकी हानि शायद आज आपको अनुभव न हो लेकिन लंबी अवधि में जरूर महसूस होगी। आपको जानकर आश्चर्य होगा लेकिन यह सच है कि इन सभी बातों को सरकार भी जानती है कि कंपनियों में चलाए जा रहे वर्तमान सैलरी स्‍ट्रक्‍चर से कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा कवर उपलब्ध करवाने का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है पर सरकार इस ओर कोई उचित निर्णय नहीं ले पा रही है।  
आपको बता दें कि ईपीएफओ यानि कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन के इंप्‍लाइज पेंशन स्‍कीम के लगभग 4 करोड़ सक्रिय सदस्य (एक्टिव मेंबर) हैं। कुछ वर्ष पूर्व ईपीएफओ ने अपने सदस्यों के लिए न्यूनतम 1,000 रुपए प्रति माह पेंशन निश्चित की थी। फिलहाल इस मिनिमम पेंशन को बढ़ा कर 3,000 रुपए करने की मांग हो रही है।

पूरे वेतन पर नहीं बेसिक सैलरी पर काटा जा रहा है पीएफ   
फिलहाल कंपनियां अपने कर्मचारियों का पीएफ पूरे वेतन पर काटने के बजाय बेसिक सैलरी और महंगाई भत्‍ते को मिलाकर काट रही हैं। इससे कर्मचारियों के इन हेड वेतन में जरूर वृद्धि होती है पर इससे पीएफ का कंट्रीब्यूशन कम हो जाता है। इसलिए पीएफ फंड में इतनी रकम नहीं जमा होती है जोकि कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद उनकी आवश्यकताओं को पूरा कर सके।

भत्‍तों में बांटा जा रहा है वेतन
आजकल कंपनियां सीटीसी यानि कास्‍ट टू कंपनी स्‍ट्रक्‍चर के अंतर्गत कर्मचारियों के वेतन को भत्‍तों में बांट देती हैं ताकि कर्मचारियों का बेसिक वेतन कम हो सके जबकि कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (ईपीएफओ) पहले से ही सर्कुलर जारी करके कह चुका है कि कर्मचारियों का वेतन भत्‍तों में बांटना गलत है एवं पीएफ बेसिक की अपेक्षा पूरे वेतन पर काटा जाना चाहिए। यह बात दूसरी है कि इंडस्‍ट्री के दबाव से सरकार स्वयं ही अपने इस सर्कुलर को लागू नहीं कर पा रही है।

सरकारी पैनल भी कर चुका है पूरी सैलरी पर पीएफ काटे जाने की सिफारिश   
लेबर मिनिस्‍ट्री द्वारा भी कुछ वर्ष पूर्व इस बारे में एक सरकारी पैनल का संगठन किया गया था। इस सरकारी पैनल द्वारा भी कर्मचारियों के पूरे वेतन पर पीएफ काटे जाने की सिफारिश की गई थी पर सरकार द्वारा अभी तक इस पैनल की सिफारिशों को स्‍वीकृत नहीं किया गया है।

पूरा नहीं हो पा रहा है ईपीएफओ की स्‍कीम का लक्ष्य   
ईपीएफओ के एक वरिष्‍ठ अधिकारी की माने तो कर्मचारियों के पूरे वेतन पर पीएफ न काटने से पीएफ फंड में इतनी रकम जमा नहीं हो पाती है जिससे कि कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके। इसलिए ईपीएफओ अपने कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पा रहा है।



Tuesday 24 January 2017

अब आयी नई रिसर्च
मिर्च खाने वाले लोग जीते हैं ज्यादा जीवन


भारतीय भोजन में मिर्च-मसालों का विशेष महत्व है। यह मसाले ही थे जोकि विदेशियों को भी हिंदुस्तान तक ले आए। यह बात दूसरी है कि आजकल यह माना जाने लगा है कि मिर्च-मसाले का इस्तेमाल कम करके हम अपनी सेहत को अच्छा रख सकते हैं परंतु इसके उल्ट एक अमेरिकी यूनिवर्सिटी की रिसर्च में दावा किया गया है कि मिर्च खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। इस शोध ने लोगों की इस सामान्य सोच को चैलेज कर दिया हैं कि ‘‘स्पाइसी है तो खराब है।’’ चूंकि यह अनुसंधान बताता है कि थोड़ा चटक भी हमारे लिए उतना ही लाभकारी होता है जितना मीठा और दूसरी चीजें।

अमेरिकी वरमोंट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने भोजन की आदतों को लेकर 16,000 अमेरिकयों पर 23 वर्ष तक अध्ययन किया और पाया कि जो लोग मिर्च खाते हैं वह दूसरों की तुलना में अधिक स्वस्थ रहते हैं। मिर्च खाने वालों की आयु औसतन 13 प्रतिशत अधिक होती है।
इस अनुसंधान की माने तो अधिक मिर्च खाने वाले अधिक दिनों तक जीवित रहते हैं। मिर्च चाहे तीखी लाल हो या फिर हरी अथवा काली सभी मिर्च स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। इसे भोजन में अवश्य सम्मिलित करना चाहिए पर यह भी स्मरण रखना चाहिए कि अति हर चीज की बुरी भी होती है।

Saturday 21 January 2017

आपके तनाव को दूर 
कर देगा एक पत्ता


आधुनिक जीवन की भागदौड़ ने हमे मशीन का सा बना दिया है। ऐसे में हमारे जीवन में कब तनाव नामक दानव प्रवेश कर जाता है, हमे पता नहीं चलता। इसीलिए इसे आजकल की आम समस्या कहा जाए तो गलत न होगा। तनाव से परेशान अनेक लोग स्पा का सहारा लेते हैं तो कुछ रिलीफ एक्टिविटी करते दिखते हैं। ऐसे लोगों के लिए ही है हमारी यह पोस्ट। ऐसे लोगों को अब इन चीजों का सहारा लेने की कोई जरूरत नहीं रहेगी।

रश्यिा के एक वैज्ञानिक की माने तो एक पता यानि तेजपत्ता आपके तनाव को दूर करने में बेहद कारगर साबित हो सकता है। आपको बता दे कि तेजपत्ते का इस्तेमाल अरोमाथेरेपी में भी किया जाता है। साथ ही शरीर की त्वचा के रोगों, श्वास संबंधी समस्याओं को भी ठीक करने और तनाव दूर करने में भी यह कारगर है।

उपर्युक्त समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए ताजा अथवा सूखा तेजपत्ता लेकर किसी बड़े कटोरे में जलाएं। इसके बाद इसको घर में ले जाकर 15 मिनट के लिए रखें। कुछ समय बाद आप स्वयं ही इसकी खुश्बू से बहुत सुकून अनुभव करेंगे। यह पावरफुल स्पा एक्सपीरियंस की तरह आपको लगेगा। इसके साथ-साथ यह आपके शरीर को एनर्जी भी देता है।

आपको बता दें कि तेजपत्ता पाचन से जुड़ी समस्याएं में बेहद कारगर है। चाय में तेज पत्ते का प्रयोग कब्ज, एसिडिटी एवं मरोड़ आदि समस्याओं से राहत दिलाता हैं। रात को सोने से पहले तेजपत्ते के तेल की कुछ बूंदों को पानी में मिलाकर पीने से अच्छी नींद आती है।  किडनी स्टोन एवं किडनी से संबंधित अधिकांश समस्याओं के लिए तेजपत्ते का उपयोग बेहद फायदेमंद साबित होता है।

Friday 20 January 2017

बढ़ रही है उम्र और पड़ रही है 
आराम की आदत तो हो जाए सावधान 


महिलाओं के लिए एक दिलचस्प शोध सामने आया है जिसे जानकर शायद आप हैरान हो जाए। इस अनुसंधान में जो बात आई है उसके अनुसार अगर आपकी आयु बढ़ रही है और आप अधेड़ उम्र की ओर बढ़ रही हैं लेकिन आराम-तलबी की आदत आपको अधिक पसंद आने लगी है तो सावधान हो जाए चूंकि ऐसे में आप बुढ़ापे की ओर तेजी से बढ़ सकती हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे यह कहना है अमेरिका में सेन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं का जिन्होंने एक शोध में कहा है कि वह स्त्रियां जो दिन में 10 घंटे से अधिक समय तक कम शारीरिक श्रम वाला कार्य करती हैं उनकी कोशिकाएं जैविक रूप से आठ वर्ष ज्यादा बूढ़ी हो जाती हैं।

रिसर्च बताती है कि ऐसी औरते जो रोज 40 मिनट से कम समय तक हल्की से भारी शारीरिक श्रम का काम करती हैं तो उनके शरीर में टेलोमीरिज छोटे होते हैं। टेलोमीरिज गुणसूत्रों को नष्ट होने से बचाने वाले डीएनए स्ट्रेंड्स के अंतिम भागों पर लगे छोटे-छोटे कैप होते हैं। आयु बढ़ने के साथ ये तेजी से और छोटे होते जाते हैं। जैसे-जैसे आयु बढ़ती जाती है, ये टेलोमीरिज प्राकृतिक रूप से छोटे और नाजुक होते जाते हैं परंतु स्वास्थ्य एवं जीवनशैली जैसे कि मोटापा और धूम्रपान से यह प्रक्रिया और तेज हो जाती है।

अनुसंधानकर्ता ने पाया कि जो स्त्रियां अधिक समय तक बैठी रहती हैं परंतु यदि वे प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक कसरत करती हैं तो उनके टेलोमीरिज छोटे नहीं होते। यह शोध अध्ययन 64-95 साल की 1500 स्त्रियों पर किया गया। इसके बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर आराम-तलब जीवनशैली है तो कोशिकाएं तेजी से बूढ़ी होती हैं। वास्तविक आयु हमेशा जैविक उम्र के बराबर नहीं होती।

Wednesday 18 January 2017

पीएफ खाताधारक दें ध्यान 
ऐसे बन सकते हैं करोड़पति


प्रत्येक व्यक्ति का सपना होता है कि वह धनवान बने और मजे की जिंदगी जीए। इसके लिए वह तरह-तरह के प्रयास भी करता दिखता है परंतु यह इतना आसान नहीं है लेकिन अब आप सरलता से अपने इस सपने को पूरा कर सकते हैं। जानना चाहेंगे कैसे तो चलिए आपको बताते हैं कि यदि आप संगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं तो आप करोड़पति बन सकते है। इन कर्मचारियों का पीएफ प्रबंधन कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन यानि ईपीएफओ करता है। ईपीएफओ पीएफ पर 8.65 प्रतिशत ब्याज देता है।
चलिए जानते हैं कि आप कैसे बन सकते हैं करोड़पति। ईपीएफ में आपके बेसिक वेतन का 12 प्रतिशत पीएफ अकाउंट में जाता है। साथ ही बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत राशि का योगदान कंपनी द्वारा आपके अकाउंट में किया जाता है।

चलिए मान लेते हैं कि आप 25 वर्ष की आयु से 60 वर्ष की उम्र तक नौकरी करते हैं। आपकी बेसिक सैलरी 15,000 रुपए है तो 30 वर्ष की आयु में पीएफ फंड 2.15 लाख रुपए हुआ। वार्षिक इन्‍क्रीमेंट 10 प्रतिशत रहा। औसत रिटर्न ईपीएफ पर वर्तमान रिटर्न 8.65 प्रतिशत माना जाए तो 60 वर्ष की आयु में कुल राशि 2 करोड़ रुपए हुई। यद्यपि ईपीएफ रिटर्न में प्रतिवर्ष बदलाव होता है। सबसे आकर्षक तो यह है कि ईपीएफ में जमा राशि, इंटरेस्‍ट एवं ईपीएफ फंड से निकाली जाने वाली रकम पर टैक्‍स नहीं लगता है। अगर आप टैक्‍स छूट को भी जोड़ें तो ईपीएफ पर रिटर्न काफी बेहतरीन बन जाता है।
आपको करोड़पति बनने के लिए सुनिश्चित करना होगा कि आप रिटायरमेंट से पहले अपने ईपीएफ खाते से पैसा न निकालें। बीच में ही पैसा निकालने पर आपको कंपाउंडिंग का लाभ नहीं मिल पाएगा। यदि आप नौकरी बदल रहे हैं तो भी पीएफ अकाउंट ट्रांसफर करवाएं। वैसे भी आजकल नौकरी बदलने पर पीएफ खाता ट्रांसफर कराना आसान हो गया है। इसलिए आपके लिए अच्छा रहेगा कि आप नौकरी बदलने पर अपना पीएफ खाता नई कंपनी में ट्रांसफर करा लें।

बढ़ रही है असमानता की खाई
विश्व की आधी संपत्ति पर है केवल आठ लोग की पकड़


आज अमीर और ज्यादा अमीर तो गरीब और ज्यादा गरीब होता जा रहा हैं। विशेषकर भारत का हाल तो शेष विश्व से भी बुरा है। गरीबी मिटाने पर काम करने वाली संस्था ‘ऑक्सफैम’ की रिपोर्ट ‘ऐन इकॉनमी फॉर द 99 परसेंट’ के अनुसार संसार की एक प्रतिशत सबसे अमीर जनसंख्या की संपत्ति का आंकड़ा शेष 99 प्रतिशत आबादी की कुल संपत्ति से भी अधिक है। गिनती के आठ सुपर अमीरों के पास विश्व की आधी जनसंख्या के बराबर की संपत्ति है। भारत की कुल संपत्ति का 58 प्रतिशत भाग एक प्रतिशत सबसे अमीर जनसंख्या की झोली में है। अध्ययन बताता है कि विश्व की आधी निर्धन जनसंख्या की संपत्ति पूर्व अनुमानों से भी कम हुई है। चीन, इंडोनेशिया, लाओस, भारत, बांग्लादेश एवं श्रीलंका में 10 फीसदी अमीरों की आय में 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है वहीं सबसे गरीब 10 प्रतिशत जनसंख्या की आय में 15 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है। वास्तव में, ऑक्सफैम की रिपोर्ट उदारीकरण एवं भूमंडलीकरण पर आई टिप्पणी भी कही जा सकती है।

निर्धनता उन्मूलन के लिए काम करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था ऑक्सफैम ने फोर्ब्स मैगजीन के आंकलन के आधार पर बताया है कि विश्व के आठ लोगांें की कुल संपदा विश्व की आधी आबादी (आर्थिक स्थिति से नीचे से ऊपर की ओर वाली) की सारी संपत्ति के बराबर है। ये सभी आठ लोग पुरुष हैं साथ ही तकनीक के व्यवसाय से जुड़े हैं जिससे उन्होंने बड़ी संपत्ति इकट्ठी की है। इनमें 6 अमेरिकी, एक यूरोपीय और एक मेक्सिको निवासी है। इनमें से कुछ ने तो परोपकार के लिए अपनी सारी संपदा दान करने का भी निर्णय ले लिया है। चलिए जानते हैं इन 8 धनकुबेरों को।

बिल गेट्स- 75 डाॅलर बिलियन यानि लगभग 5 लाख करोड़ रुपये
1970 के मध्य में माइक्रोसॉफ्ट की नींव रखने वाले अरबपति बिल गेट्स की सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट आज विश्व की सबसे बड़ी कंपनी है। कंप्यूटर को घर-घर तक पहुंचाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। वर्ष 2000 में गेट्स ने कंपनी के सीईओ के पद को त्यागकर परोपकारी संस्था बिल ऐंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन में अपने को लगा लिया। वह माइक्रोसॉफ्ट में अपने स्वामित्व को धीरे-धीरे 3 प्रतिशत से भी कम पर ले आए हैं।

अमांसियो ऑर्तेगा- 67 बिलियन डाॅलर यानि लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये
वर्ष 1975 में प्रथम जारा फैशन शॉप से शुरूआत करने वाले सबसे अधिक धनाढ्य यूरोपीय ऑर्तेगा की आज इंडिटेक्स ग्रुप के अंतर्गत जारा फैशन की विश्व में 7,000 शॉप्स हैं। इसके तेजी से विस्तार का कारण एचऐंड जैसी प्रतिस्पर्धी कंपनियों की तुलना में बहुत किफायती मॉडल है। जारा और इंडिटेक्स के प्रगति के बाद ऑर्तेगा की कंपनी में भागीदारी 59 प्रतिशत हो गयी। फिलहाल कंपनी का बाजार मूल्य 97 बिलियन यूरोज यानि लगभग 7 लाख करोड़ रुपये है।

वॉरेन बफेट- 60.8 बिलियन डाॅलर यानि लगभग 4.14 लाख करोड़ रुपये
ऑरकल ऑफ ओमहा नाम से पहचान बनाने वाले प्रसिद्ध 86 वर्षीय अमेरिकी बिजनसमैन वाॅरेन बफेट ने किशोरावस्था में ही निवेश करने की शुरूआत कर दी थी। धीरे-धीरे उन्होंने प्रसिद्ध बर्कशियर हैथवे कंपनी बनाई। बफेट स्वयं के खर्चों को लेकर बहुत किफायती हैं। वह नए उद्योगों की तुलना में प्रतिष्ठित व्यवसाय मॉडल में निवेश को प्राथमिकता देते हैं। वह अपनी संपत्ति का बड़ा भाग परोपकारी कार्यों में लगाने के लिए कृतसंकल्प हैं इसलिए इन्होंने वर्ष 2006 से ही बर्कशियर हैथवे में अपने शेयर को बिल ऐंड मिलिंडा फाउंडेशन को दान कर रहे हैं।

कार्लोस एजलिम हेलू- 50 बिलियन डाॅलर यानि लगभग 3.40 लाख करोड़ रुपये
मेक्सिको के कार्लोस का 42 डाॅलर बिलियन यानि लगभग 2.86 लाख करोड़ रुपये वाली बहुराष्ट्रीय टेलिकम्यूनिकेश कंपनी अमेरिका मोविल में बड़ा स्वामित्व है। वे कंपनी के 7 प्रतिशत शेयर रखते हैं यद्यपि इसमें उनके परिवार की 37 प्रतिशत भागीदारी है। तीन वर्ष पूर्व वे विश्व के अमीरों की सूची में प्रथम थे पर लैटिन अमेरिकी देशों में आर्थिक मंदी से हेलू की संपत्ति में कमी आई। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की मुक्त व्यापार समझौते को समाप्त कर अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर दीवार खड़ा करने की धमकी से भी हेलू की कंपनियों के शेयर कमजोर पड़े हैं। फोर्ब्स की माने तो चुनाव में ट्रंप की जीत की घोषणा के चार दिनों में ही हेलू का नेट वर्थ 5 बिलियन डाॅलर यानि लगभग 34 हजार करोड़ रुपये घट गया।

जेफ बेजोस-45.2 डाॅलर बिलियन यानि लगभग 3.07 लाख करोड़ रुपये
ऑनलाइन शॉपिंग को लोकप्रिय बनाकर रिटेल इंडस्ट्री में क्रांति लाने वाले ऐमजॉन के संस्थापक एवं सीईओ जेफ बेजोस ने शुरूआत मात्र पुस्तकों की ऑनलाइन बिक्री की थी जोकि आज लाखों उत्पाद बेचता है। बेजोस ऐमजॉन में 17 प्रतिशत शेयर रखते हैं। वह ऐमजॉन के अलावा दूसरे व्यवसाय में भी उतर चुके हैं। वह प्रतिष्ठित अमेरिकी समाचार-पत्र वॉशिंगटन पोस्ट को भी खरीद चुके हैं। उन्होंने ब्ल्यू ऑरिजिन नामक एयरोस्पेस कंपनी भी बनाई है जोकि लोगों को अंतरिक्ष यात्रा सुलभ करवाएगी।

मार्क जकरबर्ग-44.6 बिलियन डाॅलर यानि लगभग 3.03 लाख करोड़ रुपये
हार्वर्ड के छात्रों को आपस में जोड़ने के उद्देश्य से जकरबर्ग ने कॉलेज के साथियों के साथ मिलकर वर्ष 2004 में फेसबुक बनाई। वर्ष 2012 में इसने अपने शेयर सार्वजनिक किए। फिर तो 32 वर्षीय जकरबर्ग अरबपति बन गए। उन्होंने फेसबुक को लाभकारी बनाकर प्रतिस्पर्धी कंपनी ट्विटर को काफी पीछे छोड़ दिया। जकरबर्ग एवं उनकी धर्मपत्नी ने फेसबुक में अपने 40 करोड़ से अधिक शेयरों के साथ 99 प्रतिशत भागीदारी यानि लगभग 3.40 लाख करोड़ रुपये परोपकारी कार्यों में लगाने का कृतसंकल्प लिया हैं।

लेरी एलिसन-43.6 डाॅलर बिलियन यानि लगभग 2.96 लाख करोड़ रुपये
वर्ष 1970 में एक युवा प्रोग्रामर को अपना पहला बड़ा ग्राहक मिला सीआईए जिसका प्रॉजेक्ट था-ऑरकल। 1977 में एलिसन एवं सहयोगियों ने इस प्रॉजेक्ट के नाम पर ही अपनी कंपनी बना ली, जोकि डेटाबेस मैनेज करने में सहायता करने वाला सॉफ्टवेयर तैयार करती थी। एलिसन ऑरकल में 27 प्रतिशत शेयर रखते हैं। अभी कंपनी की वेल्यू 160 बिलियन डाॅलर यानि लगभग 10.89 लाख करोड़ रुपये है।

माइकल ब्लूमबर्ग-40 बिलियन डाॅलर यानि लगभग करीब 2.72 लाख करोड़ रुपये
इन्वेस्टमेंट बैंक से निकाले जाने के बाद माइकल ब्लूमबर्ग ने वर्ष 1981 में अपने नाम से वित्तीय जानकारियां देने वाली कंपनी बना ली। इन्होंने विशेषकर वित्तीय सेवाओं वाली कंपनियों को डेटा टर्मिनल्स बेचकर पैसे कमाए। इसमें रियल टाइम मार्केट इन्फर्मेशन एवं न्यूज सर्विस भी होती है। कंपनी में माइकल के 88 प्रतिशत शेयर हैं। वह वर्ष 2001 में राजनीति में उतरे और न्यूयॉर्क शहर के तीन बार मेयर रे।

Tuesday 17 January 2017

एक रिपोर्ट-विश्व के सीईओज की नजर में कमजोर पड़ा भारत 
दूसरी रिपोर्ट में भारत चीन और पाकिस्तान से भी नीचे 60वें स्थान पर


देश के हालात पर अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। कोई देश को प्रगति की राह पर निरंतर बढ़ता हुआ बता रहा है तो कोई नोटबंदी के बाद की स्थिति को विकास के पहिये को रोकने वाला। हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व के सीईओ मानते हैं कि गत बारह माह में सकल वृद्धि की दृष्टि से भारत प्रमुख छः देशों में शामिल है। यह बात दूसरी है कि उनका कहना है कि तीन वर्ष पहले भारत में निवेश को लेकर पहले जैसे उत्साह में अब कमी आई है।

वैश्विक परामर्शक संस्था पीडब्ल्यूसी की हाल ही की वार्षिक वैश्विक सीईओ सर्वेक्षण के अनुसार वृद्धि के हिसाब से विश्व के शीर्ष दो बाजारों में 43 प्रतिशत सीईओ ने प्रथम स्थान पर अमेरिका को, 33 प्रतिशत सीईओ ने चीन को दूसरे स्थान पर, जर्मनी को तीसरे स्थान पर, ब्रिटेन को चैथे स्थान पर, जापान को पांचवें स्थान पर और भारत को छठे स्थान पर रहने की संभावना जताई है। गत वर्ष ऐसे सर्वे में सर्वाधिक बेहतरीन संभावनाओं वाले बाजारों में भारत प्रमुख पांच देशों में शामिल था। सर्वे की माने तो कुछ समय से सीईओ में भारत के प्रति उत्साह घटा है। शायद इसका कारण भारत में ढांचागत सुधारों का धीमा होना है। साथ ही गत माह मुद्रा में बदलाव को लेकर भी कुछ अल्पकालिक समस्याएं खड़ी होने से ऐसा हुआ है।

सर्वे आगे कहता है कि इसके बावजूद भारत अपनी तीव्र वृद्धि और मौद्रिक तथा वित्तीय सुधारों के मामले में अलग से पहचान रखता है। सर्वे के परिणाम संकेत देते हैं कि बाजारों में यह परिवर्तन देशों की मुद्राओं में होने वाले उतार-चढ़ाव के कारण भी हुआ है। इसलिए कंपनियों के सीईओज ने भिन्न देशों का रुख कर लिया है। इस वर्ष का अध्ययन बताता है कि अमेरिका, जर्मनी एवं ब्रिटेन अब सीईओज की बड़ी प्राथमिकताओं में आ पहुंचे हैं जबकि ब्राजील, भारत, रूस एवं अर्जेंटिना की ओर उनका आकर्षण तीन वर्ष पूर्व की तुलना में कम हुआ है।

एक दूसरी रिपोर्ट में समावेशी विकास सूचकांक में भारत को 60वां स्थान दिया है जोकि चीन और पाकिस्तान से भी नीचे है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की समावेशी वृद्धि एवं विकास रिपोर्ट 2017 में कहा गया है कि समावेशी विकास सूचकांक में भारत 60वें स्थान पर है। यह सूचकांक 12 संकेतकों पर आधारित है। इसमें 79 विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में लिथुआनिया पहले, अजरबाइजान दूसरे व हंगरी तीसरे स्थान पर हैं। चीन को 15वें, नेपाल को 27वें, बांग्लादेश को 36वें व पाकिस्तान को 52वें स्थान पर रखा है अर्थात् इनका प्रदर्शन भारत से उत्कृष्ट हैं। इसमें कहा गया है कि अधिकांश देश आर्थिक वृद्धि सुदृढ़ करने व असमानता कम करने के महत्वपूर्ण अवसरों से चूके हैं। चूंकि नीति निर्धारक वर्षों से जिस वृद्धि मॉडल व आंकलन उपकरणों का अनुपालन कर रहे हैं उनमें महत्वपूर्ण परिवर्तन की जरूरत है।

Friday 13 January 2017

अगर है आपका भी पीएफ खाता 
तो पीएफ के नए नियम हैं आपको जानना


अगर आप भी प्रॉविडेंट फंड यानि पीएफ के सदस्य हैं तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो सकती है। ईपीएफओ द्वारा संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए पीएफ निकालने के नियमों में बदलाव लाया गया है, जिन्हें आपको जान लेना जरूरी है। नए नियमों के अनुसार अब आपको पीएफ विदड्रॉल फॉर्म भरने के साथ-साथ अपनी पर्सनल जानकारी से संबंधित कागजात यानि डाक्‍युमेंट्स की फोटोकॉपी देनी जरूरी कर दी गई है। अब इनके बिना आप अपना पीएफ नहीं विद्ड्राॅअल कर पाएंगे। चलिए जानते हैं कि पीएफ निकालने के लिए अब आपको किन-किन चीजों की जरूरत होेगी।

1. यूनिवर्सल अकाउंट नंबर की फोटो कॉपी
नए नियमों के अनुसार अब आपको पीएफ विद्ड्रॉल करने के लिए पीएफ विदड्रॉल फार्म के साथ यूनिवर्सल अकाउंट (यूएएन) नंबर की जगह यूनिवर्सल अकाउंट नंबर की फोटोकॉपी देना जरूरी होगा।

2. आधार नंबर की फोटोकॉपी   
नए नियमों के अनुसार अब आपको पीएफ विद्ड्रॉल के फार्म के साथ आधार कार्ड की फोटोकॉपी देनी भी जरूरी होेगी। केवल आधार नंबर देने से अब पीएफ नहीं निकलेगा। हाल ही में ईपीएफओ ने पीएफ एवं पेंशन के फायदों को उठाने के लिए आधार मैंडेटरी कर दिया है।

3. पैन काॅर्ड की फोटोकॉपी 
नए नियमों की माने तो पीएफ विद्ड्रॉल के लिए अब परमानेंट अकाउंट नंबर अर्थात् पैन कार्ड की फोटोकॉपी भी देनी होगी। इससे पहले विद्ड्रॉल फार्म में मात्र पैन नंबर देने भर से ही काम चल जाता था पर अब आपको पैन कार्ड की फोटोकॉपी भी देनी होगी।

4. अपनी कंपनी से बनाएं रखे संपर्क
पीएफ विद्ड्रॉल फार्म को समिट करने से पूर्व कंपनी के एचआर से अवश्य वेरीफाई करा लें। फार्म जमा करने के बाद भी अपनी कंपनी के एचआर विभाग से संपर्क बनाएं रखें। चूंकि अनेक बार किसी डिटेल के छूट जाने से अगर आपका फार्म ईपीएफओ ऑफिस से वापस आ जाएं तो एचआर विभाग के संपर्क में रहने से प्रॉसेस पूरा होना आसान हो जाता है।

5. प्रोसेसिंग होगी अधिक फास्ट  
पीएफ विद्ड्रॉल प्रक्रिया अब पहले के मुकाबले अधिक फास्ट हो गई है। अब पीएफ विद्ड्रॉल फार्म जमा होने के 15 दिन में पैसा आपके अकाउंट में आ जाता है।

Thursday 12 January 2017

जाने इन पांच सफेद चीजों को
जोकि पहुंचा सकते हैं आपको नुकसान


मनुष्य काम करता है, खाने के लिए लेकिन आपको यह भी जानना जरूरी है कि आपको क्या-क्या खाना चाहिए और किन-किन चीजों से परहेज करना चाहिए ताकि आप स्वस्थ रह सके। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल की अनुसंधान की माने तो अधिक सफेद चावल खाने से शुगर की संभावना बढ़ सकती है। सफेद चावल के अलावा भी अनेक सफेद फूड हैं जिन्हें साइलेंट किलर की संज्ञा दी जाती है। इनका अधिक सेवन रोगों को न्यौता देता है। चलिए जानते हैं ऐसे ही 5 फूड एवं उनके खतरों को।

1. चावल में कैलोरी 129 और कार्बोहाइड्रेट 27 ग्राम होती है। इसे अधिक खाने से वजन तो बढ़ ही सकता है साथ ही कोलेस्ट्राॅल लेबल बढ़ने से हार्ट प्राॅब्लम की संभावना भी बनी रहती है।

2. मैदा में कैलोरी 364, कार्बोहाइड्रेट 76 ग्राम और फाइबर 0 होता है। इसके अधिक सेवन से इनडाइजेशन हो सकता है साथ ही मोटापा अधिक बढ़ने की संभावना भी बनी रहती है।

3. नमक में कैलोरी 2 प्रतिशत और सोडियम 38 ग्राम होता है। इसमें सोडियम अधिक होता है। इसके अधिक सेवन से बी.पी. अधिक होने की संभावना भी रहती है।

4. चीनी में कार्बोहाइड्रेट 100 ग्राम और फाइबर 0 होता है। इसके अधिक सेवन से यूरिक एसिड लेवल बढ़ सकता है साथ ही किडनी प्राॅब्लम की संभावना रहती है।

5. पनीर में कोलेस्ट्राॅल 09 मिग्रा और कैलोरी 80 होता है। इसके अधिक सेवन से शरीर में सोडियम लेवल बढ़ सकता है साथ ही हार्ट प्राॅब्लम की संभावना रहती है।

Monday 9 January 2017

संसार की सबसे महंगी जमीन 4 स्क्वेयर मीटर 
जमीन की कीमत है दो अरब पचास करोड़


आज हम आपको ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं जिसे पढ़कर आपके रोंगटे खड़े हो सकते हैं। चूंकि अब हम आपको संसार की सबसे महंगी भूमि के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी कीमत दो अरब पचास करोड़ है वो भी केवल 4 स्क्वेयर मीटर जमीन की है।  फतेहगढ़ साहब जिले में स्थित ‘‘सरहिंद’’ नामक यह जमीन पंजाब में स्थित है।
चलिए आपको बताते हैं कि यह छोटी सी जमीन इतनी महंगी कैसे हो गई। इसके पीछे एक ऐतिहासिक कारण है। वास्तव में इस जमीन पर श्री गुरुगोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों का अंतिम संस्कार किया गया था। सेठ दीवान टोंडर मल ने इस जगह को 78000 सोने की मोहरों यानि सिक्कों को जमीन पर फैलाकर मुस्लिम बादशाह से खरीदा था। सोने की कीमत के अनुसार इस 4 स्कवेयर मीटर जमीन का मूल्य 2500000000 (दो अरब पचास करोड़) बनता है।

विश्व के इतिहास में इतनी महंगी जगह अभी तक कही पर भी नही खरीदी गयी। इतना ही नहीं संसार के इतिहास में ‘‘चमकौर’ नामक युद्ध भी दुबारा नहीं लड़ा गया होगा, जिसमें 10 लाख की सेना का मुकाबला मात्र 42 लोगों ने 6 दिसम्बर 1704 को किया और जीत हासिल की। इससे मुगल हुकूमत की नीव जड़ से उखाड़ गई और भारत को आजाद भारत का दर्जा मिला। उस समय औरंगजेब ने गुरु गोबिंद सिंह जी के आगे घुटने टेकते हुए प्रश्न किया यह कैसी फौज तैयार की आपने जिसने 10 लाख की फौज को उखाड़ फेंका तब गुरु गोबिंद सिंह जी ने जवाब दिया
‘‘चिड़ियों से मैं बाज लड़ाऊं, गीदड़ों को मैं शेर बनाऊ।’’
‘‘सवा लाख से एक लडाऊं तभी गोबिंद सिंह नाम कहाउँ!!’’

ऐसी रही है हमारे भारत की अनमोल विरासत हमें इसे न केवल स्वयं जानना चाहिए बल्कि ऐसे प्रयास करने चाहिए कि इस गौरवशाली इतिहास के बारे में विश्व भी जाने। इसी चमकौर साहिब की जमीन आगे चलकर एक सिख परिवार ने खरीदी जब उस परिवार को पता चला के यहाँ गुरु गोबिंद सिंह के दोनों बेटे शहीद हुए थे तो उन्होंने इस जमीन पर गुरुदेव के बेटों की यादगार में गुरुद्वारा साहिब को देने का मन बनाया। अरदास के समय उस सिख से पूछा गया कि अरदास में उनके लिए गुरु साहिब से क्या विनती करें तो उस सिख ने कहा कि गुरु जी से विनती करनी है के मेरे घर कोई औलाद न हो ताकि मेरे वंश में कोई भी यह कहने वाला ना हो कि यह जमीन मेरे बाप दादा ने दी है। यही अरदास हुई और बिल्कुल ऐसा ही हुआ उन सिख के घर कोई औलाद नहीं हुई। है न रोचक जानकारी लेकिन है सत्य।

Wednesday 4 January 2017

है अगर इस बैंक में आपका एकाउंट तो अब 
नहीं कर पाएंगे पैसा मोबाइल वाॅलेट में ट्रांसफर


नोटबंदी के बाद कैश की किल्लत में सहारा देने वाले ई-वाॅलेट पर भी गाज गिरती दिख रही है। हिंदुस्तान के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसबीआई यानि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने पेटीएम, मोबीक्विक और एयरटेल मनी आदि ई-वॉलिट्स को ब्लॉक कर दिया है। इसके बाद अब आप एसबीआई की नेट बैंकिंग से इन वॉलिट्स में राशि ट्रांसफर नहीं की कर पाएगे। हां, डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड्स के द्वारा इन वॉलिट्स में पैसे पहले की ही तरह ट्रांसफर किए जा सकेंगे। एसबीआई ने इस निर्णय को लेकर आरबीआई को दी गई सफाई में सुरक्षा और व्यापारिक हित की बात कही है। सीएनबीसी आवाज की माने तो आरबीआई ने ई-वॉलिट्स को ब्लॉक करने पर बैंक से उत्तर जानना चाहता था।

इस पर एसबीआई ने कहा कि पेटीएम को ब्लॉक इसलिए किया गया क्योंकि सुरक्षा के उल्लंघन का खतरा था। बैंक का कहना है कि अनेक ग्राहक फिशिंग के शिकार हुए थे, जिससे यह फैसला लिया गया। बैंक की माने तो पेटीएम पर लगी यह रोक अस्थायी है और सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने के बाद इसको हटाने पर विचार किया जा सकता है।

पेटीएम के प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा के उल्लंघन का भी मामला सामने आया था। इसके अलावा इन ई-वॉलिट्स को ब्लॉक करने की वजह प्रतिस्पर्धा भी है। बैंक अपने एसबीआई बडी ऐप को प्रमोट कर ग्राहकों को दूसरे ई-वॉलिट्स पर ट्रांसफर नहीं होने देना चाहता। फिलहाल पेटीएम एवं एयरटेल मनी की ओर से इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

Tuesday 3 January 2017

आ रही हैं सोलर सड़कें
ऐसे बनाएंगी बिजली


सोलर पैनल की लोकप्रियता को देखते हुए ऐसा प्रयास किया जा रहा है कि अब सोलर सड़कों को भी आपकी सेवा में हाजिर किया जाए, जोकि सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके आपके शहर को जगमगा सके। एक फ्रांसीसी कंपनी सोलर पैनल वाली इस तरह की सड़कें बनाने की दिशा में काम कर रही है। 5 वर्ष की रिसर्च और टेस्टिंग के पश्चात् कंपनी 100 आउटडोर टेस्ट साइट बनाने में लगी हुई है, जहां इसका टेस्ट होगा। कंपनी की योजना इसे वर्ष 2018 के आरंभ में व्यावसायिक रूप से शुरू करना है।

सोलर रोशनी को विद्युत में बदलने वाली इलेक्ट्रॉनिक एवेन्यू शीघ्र ही शहरों में वास्तविकता का रूप ले सकती हैं। बूइख इंजिनियरिंग ग्रुप (फ्रांस) की सब्सिडियरी कोलास एसए ने एक ऐसा ही सोलर पैनल डिजाइन कर दिया है, जोकि 18 पहियों वाले ट्रक का वजन तक उठा सकती हैं। अभी पैनल को सड़क पर प्रयोग योग्य बनाया जा रहा है, जिसके लिए शीघ्र ही परीक्षण शुरु किए जाएंगे। फिलिप हर्ले (मुख्य तकनीकी अधिकारी, कोलास एसए) की माने तो सोलर फर्में फिलहाल ऐसी जमीन का इस्तेमाल करती हैं, जिनका उपयोग खेती के लिए भी हो सकता है। वहीं सड़क का प्रयोग आसान है।

टूरोवूर गांव (नोर्वांडी, फ्रांस) में परीक्षण साइट के लिए निर्माण गत माह आरंभ भी हो चुका है। 2,800 स्क्वेयर मीटर के सोलर पैनल से लगभग 280 किलोवाट बिजली उत्पन्न होने की संभावना है। कंपनी का कहना है कि इस बिजली से 5,000 तक की जनसंख्या वाले शहर की सभी सार्वजनिक जगहों को पूरे वर्ष बिजली दी जा सकती है। अभी तक इसकी लागत अधिक होने से इसे केवल कुछ परियोजनाओं तक ही सीमित रखा गया है।