बुधवार, 25 जनवरी 2017

तो आपके पीएफ खाते से
ऐसे किया जा रहा है खिलवाड़


आप भी किसी संगठित क्षेत्र में काम करते हैं और आपका पीएफ काटा जाता है तो यह पोस्ट आपके लिए विशेष महत्व रखती है। आपके पीएफ खाते में जमा हो रही राशि के साथ कंपनियां ऐसा खिलवाड़ कर रहीं है जिसकी हानि शायद आज आपको अनुभव न हो लेकिन लंबी अवधि में जरूर महसूस होगी। आपको जानकर आश्चर्य होगा लेकिन यह सच है कि इन सभी बातों को सरकार भी जानती है कि कंपनियों में चलाए जा रहे वर्तमान सैलरी स्‍ट्रक्‍चर से कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा कवर उपलब्ध करवाने का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है पर सरकार इस ओर कोई उचित निर्णय नहीं ले पा रही है।  
आपको बता दें कि ईपीएफओ यानि कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन के इंप्‍लाइज पेंशन स्‍कीम के लगभग 4 करोड़ सक्रिय सदस्य (एक्टिव मेंबर) हैं। कुछ वर्ष पूर्व ईपीएफओ ने अपने सदस्यों के लिए न्यूनतम 1,000 रुपए प्रति माह पेंशन निश्चित की थी। फिलहाल इस मिनिमम पेंशन को बढ़ा कर 3,000 रुपए करने की मांग हो रही है।

पूरे वेतन पर नहीं बेसिक सैलरी पर काटा जा रहा है पीएफ   
फिलहाल कंपनियां अपने कर्मचारियों का पीएफ पूरे वेतन पर काटने के बजाय बेसिक सैलरी और महंगाई भत्‍ते को मिलाकर काट रही हैं। इससे कर्मचारियों के इन हेड वेतन में जरूर वृद्धि होती है पर इससे पीएफ का कंट्रीब्यूशन कम हो जाता है। इसलिए पीएफ फंड में इतनी रकम नहीं जमा होती है जोकि कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद उनकी आवश्यकताओं को पूरा कर सके।

भत्‍तों में बांटा जा रहा है वेतन
आजकल कंपनियां सीटीसी यानि कास्‍ट टू कंपनी स्‍ट्रक्‍चर के अंतर्गत कर्मचारियों के वेतन को भत्‍तों में बांट देती हैं ताकि कर्मचारियों का बेसिक वेतन कम हो सके जबकि कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (ईपीएफओ) पहले से ही सर्कुलर जारी करके कह चुका है कि कर्मचारियों का वेतन भत्‍तों में बांटना गलत है एवं पीएफ बेसिक की अपेक्षा पूरे वेतन पर काटा जाना चाहिए। यह बात दूसरी है कि इंडस्‍ट्री के दबाव से सरकार स्वयं ही अपने इस सर्कुलर को लागू नहीं कर पा रही है।

सरकारी पैनल भी कर चुका है पूरी सैलरी पर पीएफ काटे जाने की सिफारिश   
लेबर मिनिस्‍ट्री द्वारा भी कुछ वर्ष पूर्व इस बारे में एक सरकारी पैनल का संगठन किया गया था। इस सरकारी पैनल द्वारा भी कर्मचारियों के पूरे वेतन पर पीएफ काटे जाने की सिफारिश की गई थी पर सरकार द्वारा अभी तक इस पैनल की सिफारिशों को स्‍वीकृत नहीं किया गया है।

पूरा नहीं हो पा रहा है ईपीएफओ की स्‍कीम का लक्ष्य   
ईपीएफओ के एक वरिष्‍ठ अधिकारी की माने तो कर्मचारियों के पूरे वेतन पर पीएफ न काटने से पीएफ फंड में इतनी रकम जमा नहीं हो पाती है जिससे कि कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके। इसलिए ईपीएफओ अपने कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करवाने के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पा रहा है।



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