सभी परेशानियों का है एक यही इलाज
फिर क्यों न आजमाएं
आधुनिक युग कड़े श्रम का नहीं वरन् स्मार्ट तरीके से काम करने का है। स्मार्ट तरीके से काम करना है तो हमारे सामने अनेक परेशानियां आती हैं और समय के साथ-साथ अपने में बदलाव करने होते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हों। इसके लिए जरूरी है लाइफस्टाइल में बदलाव लाया जाए। चाहे वह खाने की थाली से शुरू करके प्रातः की नींद में भी बदलाव हो या फिर रोज कसरत करना। इस दिशा में जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते है वैसे-वैसे हम अपने आपको स्वस्थ महसूस करने लगते हैं पर इतना ही काफी नहीं होता हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ-साथ मानसिक रूप से भी स्ट्रांग होना होगा। इसके लिए जरूरी है कि हम तनाव को बढ़ने न दें और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं ताकि बार-बार रोग न पकड़े। इसके लिए आज हम आपको ऐसी चीज बताने जान रहे हैं जोकि आपके लिए रामबाण का कमा करेगी। वह है त्रिफला।
त्रिफला एक आयुर्वेदिक पारंपरिक दवा है जोकि रसायन अथवा कायाकल्प के नाम से भी जानी जाती है। यह तीन जड़ी-बूटियों - अमलकी ( एमबलिका ऑफीसीनालिस ), हरीतकी ( टरमिनालिया छेबुला ) और विभीतकी ( टरमिनालिया बेलीरिका ) का मिश्रण है।
आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन यह सच है कि त्रिफला एक चमत्कारी आयुर्वेदिक दवा है। आयुर्वेदिक डॉक्टरों की यह सबसे पंसदीदा दवा है। इसकी सहायता से वह किसी भी रोग के लिए दवाईयां बना सकते है। चरक सहिंता के पहले अध्याय में ही त्रिफला के बारे में उल्लेख मिलता है। यह मिश्रण किसी भी रोग से लड़ने वाली दवा का निर्माण करती है और यह दवा उस रोग को दूर भगाने की क्षमता रखती है। चलिए जानते हैं इसके फायदों को
1. त्रिफला, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है जिससे शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता मिलती है। त्रिफला, शरीर में एंटीबॉडी के उत्पादन को बढ़ावा देता है जोकि शरीर में एंटीजन के खिलाफ लड़ते है और बॉडी को बैक्टीरिया मुक्त रखते है। त्रिफला शरीर में टी- हेल्पर कोशिकाओं के उत्पादन को भी बढ़ावा देकर शरीर की रक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बना देता है।
2. त्रिफला में भरपूर एंटी-ऑक्सीडेंट होते है जोकि सेल्स के मेटाबोल्जिम को नियमित रखते है और उनकी प्रक्रिया को बनाएं रखते है। त्रिफला से उम्र बढ़ाने वाले कारक भी कम होते है, इसी कारण इसके सेवन से उम्र कम दिखती है।
3. पाचन समस्याओं को दूर करने में त्रिफला सफल है। हल्के दस्त आने पर ही नहीं बल्कि गैस्ट्रो आंत्र पथ में परेशानी होने पर भी त्रिफला खाने से काफी राहत मिलती है। शरीर में जी. आई. ट्रेक्ट के पीएच लेवल को भी त्रिफला बनाए रखता है। त्रिफला से शरीर में डीटॉक्सीफिकेशन में मदद मिलती है।
4. पेट में वॉर्म/कीड़े या संक्रमण होने पर त्रिफला से राहत मिलती है। शरीर में रिंगवॉर्म या टेपवॉर्म होने पर त्रिफला कारगर है। त्रिफला, शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में बढ़ावा देती है जोकि किसी भी संक्रमण से लड़ने में सक्षम होती है।
5. एनीमिया यानि हीमोग्लोबिन की मात्रा में आई कमी होने पर त्रिफला का सेवन फायदेमंद होता है। त्रिफला शरीर में रेड ब्लड़ सेल्स को बढ़ा देता है जिससे शरीर में एनीमिया की दिक्कत कम हो जाती है।
6. मधुमेह के उपचार में त्रिफला काफी प्रभावी है। यह पेन्क्रियाज को उत्तेजित करने में मदद करता है जिससे इंसुलिन की मात्रा उत्पन्न होती है। शरीर में इंसुलिन की उचित मात्रा शर्करा के स्तर को बनाएं रखती है।
7. अधिक मोटे लोगों को त्रिफला खाने की सलाह दी जाती है। चूंकि यह शरीर से वसा को कम करता है।
8. त्वचा सम्बंधी समस्या होने पर त्रिफला काफी मददगार होता है। त्रिफला, बॉडी से विषाक्त पदार्थो को बाहर निकाल देता है और खून को साफ कर देता है। यह शरीर में किसी प्रकार के संक्रमण को होने से भी रोकता है।
9. त्रिफला, साइनस और श्वांस रोगों में लाभकारी होता है। इसके सेवन से सांस लेने में होने वाली असुविधा भी दूर हो जाती है और फेफडों में होने वाला संक्रमण भी समाप्त हो जाता है।
10. सिरदर्द की समस्या अधिक रहने पर डॉक्टर की सलाह से त्रिफला का नियमित सेवन करना चाहिए। सिरदर्द विशेष रूप से मेटाबोलिक गड़बड़ी के कारण होता है। इसके सेवन से जड़ से समस्या का निदान होता है।
11. जेएनयू के अध्ययन की माने तो त्रिफला से कैंसर का इलाज संभव है। त्रिफला में एंटी-कैंसर गतिविधियां पाई गई है। इसकी मदद से शरीर की कैंसर कोशिकाओं के विकास को कम किया जा सकता है और बीमारी को घटाया जा सकता है।
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