तीसरी कक्षा की छात्रा ने
डाबर इंडिया को बताई उसकी गलती
किसी ने सच ही कहा है कि अनुभव एवं शिक्षा तो जरूरी है लेकिन साथ ही तेज दिमाग भी अपना अलग ही महत्व रखता है। ऐसा ही एक मामला हाल ही सामने आया जबकि एक नौ वर्षीय तीसरी कक्षा की छात्रा ने डाबर इंडिया को उसकी कमी से अवगत करवाया। असल में हमसे से कम लोग ही बाजार में उपलब्ध सामान पर लिखी बातों को ध्यान से पढ़ते हैं, अगर पढ़ते भी हैं तो शायद अधिक गहराई से समझने का प्रयास नहीं करते पर सभी ऐसे हो ऐसा नहीं होता।
हाल ही में एक तीसरी कक्षा की छात्रा ने डाबर जूस पीने से इसलिए मना कर दिया चूंकि उसपर केवल एक ही लिंग यानि जेंडर को डिफाइन करने वाला शब्द लिखा हुआ था। जूस पैक पर अंकित टैगलाइन थी, "Something that is good for your child should also make him smile." इसे पढ़कर बच्ची ने अपने पिता से कहा कि मैं इस जूस को इसलिए नहीं पी सकती क्योंकि ये लड़कियों के लिए तो है ही नहीं। ये तो लड़कों के लिए है बस। अंग्रेजी ग्रामर के अनुसार अंग्रेजी में मेल के लिए 'him' का उपयोग होता है और फीमेल के लिए 'her' का।
बच्ची के पिता ने इस बाबत डाबर इंडिया को शिकायती मेल लिखा। कोई उत्तर न आने पर पिता ने वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट मंत्री मेनका गांधी को पत्र लिखा। इसपर मंत्रालय ने डाबर इंडिया से उत्तर मांगा, जिसका जवाब 15 फरवरी 2017 को मिला। डाबर इंडिया की ओर से कहा गया कि हमने 'him' का इस्तेमाल जनरल टर्म में किया था लेकिन अब हम इसे बदलेंगे। टैगलाइन में ये शब्द किसी खास जेंडर के लिए नहीं है। इसे गलत समझा जा रहा है। ये जेनरल सेंस में इस्तेमाल किया गया वर्ड है। कंपनी की ओर से कहा गया कि वे इस बात के लिए आवश्यक कदम भी उठाएंगे जिससे कि भविष्य में इस तरह की गलतफहमी ना हो।
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