काम करें लेकिन ऐसे नहीं की
काम बन जाए जान का खतरा
यदि आप भी अपने काम को पूरा करने एवं सीनियर्स को खुश करने या प्रमोशन के लिए ऑफिस में लंबे समय तक काम करते हुए लगातार बैठे रहते हैं तो सतर्क हो जाएं। चूंकि ऐसा करना आपके दिल और शरीर के लिए ठीक नहीं है। हाल ही में ब्रिटिश वैज्ञानिकों द्वारा उन लोगों को चेतावनी जारी की गई है जोकि लंबे समय तक लगातार बैठकर काम करते हैं। उनके अनुसार वह रोगों को न्यौता देते हैं। एक दूसरे शोध की माने तो लंबे समय तक बैठकर काम करने के बीच प्रतिघंटे उठकर चहलकदमी करने से नकारात्मक प्रभाव कम होता है। सौरभ तोसार (शोधकर्ता, ओरेगोन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी) ने तो यहां तक दावा किया है कि ‘हमने शोध में पाया कि पांच मिनट की चहलकदमी मात्र से लंबे समय तक बैठने से पैरों की धमनियों पर पड़ने वाला कुप्रभाव कम हो जाता है।...हमने देखा कि लंबे समय तक बैठे रहने का संबंध एंडोथेलियल प्रक्रिया से है, जो दिल संबंधी रोगों का मुख्य कारक है। लंबे समय तक बैठने के दौरान बीच-बीच में चहलकदमी करते रहने से एंडोथेलियल प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है।...एंडोथेलियल प्रक्रिया एक घंटे तक लगातार बैठे रहने से प्रभावी होती है।’
कुछ इसी तरह की बात एक इंटरनैशनल मैगजीन में भी कही गई है कि जितनी हानि स्मोकिंग से होता है, उससे कहीं अधिक सेडेंटरी लाइफस्टाइल से होती है। स्मोकिंग कैंसर व हार्ट के रोग पैदा करती है तो लगातार बैठे रहने से इन रोग के अतिरिक्त अनेक दूसरी बीमारियां होने का खतरा भी रहता है। इंटरनैशनल जरनल में प्रकाशित यह स्टडी बताती है कि कुर्सी पर बैठे रहने से विभिन्न रोगों से मृत्यु के खतरे को 27 प्रतिशत और टी.वी. देखने से होने वाली बीमारियों से मौत होने का खतरा 19 प्रतिशत होता है।
डॉ. सी. एस. यादव (ऑर्थोपेडिक सर्जन, एम्स) के अनुसार सेडेंटरी लाइफस्टाइल एक साथ कई रोगों की जड़ है। सेडेंटरी लाइफस्टाइल का अर्थ है ऐसा रुटीन, जिसमें लोग काफी लंबे समय तक बैठे रहते हैं।...मेट्रो शहरों में सेडेंटरी लाइफस्टाइल की वजह से बच्चों से लेकर बड़ों तक पर असर हो रहा है। लंबे समय तक बैठ रहने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है व कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। इससे हार्ट पर भी असर होता है। अगर आप ऑफिस में भी हैं तो लगातार बैठे नहीं रहें, बीच-बीच में उठकर टहलें, बॉडी स्ट्रेच करें। अगर दिन में एक घंटा भी कोई इंसान फिजिकल ऐक्टिविटी करता है तो उनमें यह परेशानी उतनी नहीं होती।
डॉ. यश गुलाटी (ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट, अपोलो) भी इस बात से इतफाक रखते हुए कहते हैं कि लंबे समय तक कुर्सी पर बैठने से सबसे अधिक परेशानी कमर व बॉडी के मसल्स को होती है। शुरुआत में कमर में दर्द होता है। बाद में इसका असर बॉडी के मसल्स पर भी पड़ता है। बैठे रहने की वजह से बॉडी में कोई एक्टिविटी नहीं होती, बंद कमरे में लंबे समय तक लोग रहते हैं तो सनलाइट नहीं मिलती, विटामिन डी की कमी होने लगती है, वजन बढ़ने लगता है।
लगातार बैठकर काम करने नुकसान
एक ही मुद्रा में लंबे समय तक बैठेने से शरीर के प्रत्येक हिस्से को नुकसान होता है।रक्त के थक्के जमने लगते हैं जोकि मस्तिष्क में पहुंचकर स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं।
पूरे दिन बैठे रहने से पल्मोनरी एम्बोलिज्म अर्थात् फेफड़ों में रक्त के थक्के जमने की संभावना बढ़ जाती है।
घंटों बैठने से शरीर के अंगों के सुन्न होने अर्थात् हाई ब्लडप्रेशर की आशंका बढ़ती है।
लगातार बैठने से कोलोन कैंसर, मोटापा आदि रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
शरीर की रक्त धमनियों में चर्बी जमने न देने वाले एंजाइम काम करना बंद कर देते हैं।
शरीर की गतिविधियां कम होती जाती हैं।
गर्दन की मांसपेशियां दर्द करने लगती हैं। रक्त का सही संचार न होने से सुन्नता व नसों को नुकसान होने का खतरा बढ़ जाता है।
रीढ़ की हड्डी पर जोर पड़ती है व उसमें दर्द या इंजरी आ सकती है।
बैठे रहने से पैरों में एकत्र तरल रात को सोते समय गर्दन तक आ जाते है जिससे स्लीप एप्नीया यानी सोते समय सांस में रुकावट हो सकती है। खड़े होने, टहलते आदि से तरल शरीर में चारों ओर फैले रहते हैं।
लंबे समय तक बैठने से मांसपेशियां सुस्त पड़ जाती हैं व दिल को खून का संचार नहीं कर पातीं। इससे धमनी द्वारा ब्लड सर्कुलेशन क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे पैर की धमनियों में खून का संचार रुक जाता है।
बचाव
बैठे-बैठे लंबे समय तक काम करने के बीच-बीच में तीन से चार घंटे खड़े रहने या टहलने का प्रयास करेंदो-तीन घंटे लगातार काम के बीच में पांच से दस मिनट तक अवश्य टहलें।
ऑफिस की अपेक्षा सीढिय़ों का प्रयोग करें।
कुर्सी पर बैठे-बैठे ही हाथों व पैरों को हिलाकर हल्की एक्सरसाइज करें ताकि खून का संचार सही से बना रहे।
फोन, चाय, सहयोगी से सामान लेने आदि के लिए स्वयं जाएं।