गाय के दूध के इन फायदों को जानते हैं आप?
हमारी संस्कृति में गाय को माता माना जाता है और उसके दूध को अमृत। प्राकृतिक चिकित्सा विज्ञान की माने तो शुद्ध आहार खाने वाली गाय का दूध यौवन को बनाएं रखता है। इसके अलावा भी गाय के दूध के अनेक लाभ हैं चलिए जानते हैं इन्हें
1. ताइवान में हुए एक शोध में माना गया है कि गाय के दूध के नियमित सेवन से पेट के कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोका जा सकता है। अनुसंधानकर्ताओं की माने तो गाय के दूध में मौजूद लैक्टोफेरिसिन बी25 (लेफसिन बी25) गैस्ट्रिक कैंसर की कोशिकाओं को रोकने में मदद करता हैं। यह तत्व गाय के दूध की खुशबू में होता है। गाय के दूध में उपस्थित यह तत्व शरीर में कैंसर अथवा ट्यूमर बढ़ाने हेतु उत्तरदायी प्रोटीन बेसलिन 1 को रोकने में भी बहुत प्रमुख हो सकता है। शोधकर्ता वे-जुंग चेन का कहना है कि ‘‘विश्व में, विशेषरूप से एशियाई देशों में गैस्ट्रिक कैंसर से मरने वाले रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस दिशा में हमारी यह खोज एक बड़ी उपलब्धि है।’’
2. गाय के दूध के सेवन से शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है और पेट में गैस भी नहीं बनती।
3. देसी गाय के दूध में ए-2 प्रोटीन पाया जाता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, दिल की बीमारी के खतरे को कम करता है, कैंसर रोग से बचाता है व पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है आदि। आप सोच रहे होंगे कि यह ए-2 प्रोटीन क्या है तो चलिए आपको बता दें कि गाय के दूध में बीटाकेजिन व बीटा कैरोटिन नामक प्रोटीन होते है जिससे गाय का दूध पीला होता है। यह सभी गायों के दूध में पाया जाता है जोकि विटामिन का स्रोत है। बीटाकेजिन प्रोटीन दो तरह का होता है। पहला ए-1 व दूसरा ए-2। ए-1 प्रोटीनयुक्त दूध मनुष्य के लिए हानिकारक है जबकि ए-2 दूध मानव के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। ए1 प्रोटीन विदेशी प्रजाति की गायों में पाया जाता है जबकि ए-2 देसी गायों के दूध में किंतु कोई तकनीक नहीं है जिससे पता लग सके कि देसी गाय में भी कौन सी गाय के दूध में ए-2 पाया जाता है। लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा अब ऐसी तकनीकी विकसित की गई है जिससे पता लग सकेगा कि कौन सी गाय ए-2 दूध देती है और कौन सी नहीं। इसके लिए ए-2 दूध देने वाली गाय के खून का सैंपल लिया जाएगा जिसको पीसीआर तकनीकी से जांचा जाएगा।
4. गाय के दूध में सन ग्लैंडस पाया जाता है जोकि शरीर को मजबूत करता है व आंतों के रोगों में फायदा पहुंचाता है।
5. नए शोध में कहा गया है कि एच1 एन1 वायरस से बचाने में गाय का प्रथम दूध सबसे महत्वपूर्ण है। गाय के दूध के प्रयोग से बन रही एंटीबायोटिक्स द्वारा स्वाइन फ्लू वायरस को भी समाप्त किया जा सकता है।
6. गाय की 50 ग्राम दही में 10 ग्राम हल्दी पाउडर मिलाकर रोज सुबह खाली पेट खाएं, इससे पीलिया में आराम मिलेगा।
7. गाय के दूध में मसूर दाल व बेसन भिगोकर पूरी रात रखें। सुबह उठकर इन्हें पीसकर पेस्ट बनाएं। इसको रेगुलर लगाने से चेचक दाग, मुंहासे, चेहरे के बाल और झाइयां समाप्त हो जाएगीं।
8. गाय के घी में जायफल को घिसें। इस मिक्सचर को बबासीर के मस्सों पर लगाएं, दर्द खत्म हो जाएगा। आयुर्वेद की माने तो गाय की छाछ में मसूर की दाल का उबला पानी मिलाकर पीने से बवासीर में रक्तस्राव में आराम मिलता है।
9. गाय का मट्ठा कुछ दिन पड़ा रहने दें फिर इससे बाल धोएं, इससे
झड़ते बाल व गंजेपन की समस्या दूर हो जाएगी।
10. प्रातःकाल गाय के दही के साथ पका हुआ केला खाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
11. गाय के दूध में सूती कपड़े की पट्टी को भिगोएं। अब इसे एक्जीमा वाली जगह पर दस मिनट के लिए बांधें। एक सप्ताह तक इसी प्रकार पट्टी करने से एक्जीमा और उसकी खुजली गायब हो जाती है।
13. 250 मि.ली. गाय की ताजी छाछ के साथ लगभग 5 ग्राम अजवाइन चूर्ण मिलाकर प्रातः खाली पेट लेने से कब्ज में आराम होगा।
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