मंगलवार, 17 जनवरी 2017

एक रिपोर्ट-विश्व के सीईओज की नजर में कमजोर पड़ा भारत 
दूसरी रिपोर्ट में भारत चीन और पाकिस्तान से भी नीचे 60वें स्थान पर


देश के हालात पर अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। कोई देश को प्रगति की राह पर निरंतर बढ़ता हुआ बता रहा है तो कोई नोटबंदी के बाद की स्थिति को विकास के पहिये को रोकने वाला। हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व के सीईओ मानते हैं कि गत बारह माह में सकल वृद्धि की दृष्टि से भारत प्रमुख छः देशों में शामिल है। यह बात दूसरी है कि उनका कहना है कि तीन वर्ष पहले भारत में निवेश को लेकर पहले जैसे उत्साह में अब कमी आई है।

वैश्विक परामर्शक संस्था पीडब्ल्यूसी की हाल ही की वार्षिक वैश्विक सीईओ सर्वेक्षण के अनुसार वृद्धि के हिसाब से विश्व के शीर्ष दो बाजारों में 43 प्रतिशत सीईओ ने प्रथम स्थान पर अमेरिका को, 33 प्रतिशत सीईओ ने चीन को दूसरे स्थान पर, जर्मनी को तीसरे स्थान पर, ब्रिटेन को चैथे स्थान पर, जापान को पांचवें स्थान पर और भारत को छठे स्थान पर रहने की संभावना जताई है। गत वर्ष ऐसे सर्वे में सर्वाधिक बेहतरीन संभावनाओं वाले बाजारों में भारत प्रमुख पांच देशों में शामिल था। सर्वे की माने तो कुछ समय से सीईओ में भारत के प्रति उत्साह घटा है। शायद इसका कारण भारत में ढांचागत सुधारों का धीमा होना है। साथ ही गत माह मुद्रा में बदलाव को लेकर भी कुछ अल्पकालिक समस्याएं खड़ी होने से ऐसा हुआ है।

सर्वे आगे कहता है कि इसके बावजूद भारत अपनी तीव्र वृद्धि और मौद्रिक तथा वित्तीय सुधारों के मामले में अलग से पहचान रखता है। सर्वे के परिणाम संकेत देते हैं कि बाजारों में यह परिवर्तन देशों की मुद्राओं में होने वाले उतार-चढ़ाव के कारण भी हुआ है। इसलिए कंपनियों के सीईओज ने भिन्न देशों का रुख कर लिया है। इस वर्ष का अध्ययन बताता है कि अमेरिका, जर्मनी एवं ब्रिटेन अब सीईओज की बड़ी प्राथमिकताओं में आ पहुंचे हैं जबकि ब्राजील, भारत, रूस एवं अर्जेंटिना की ओर उनका आकर्षण तीन वर्ष पूर्व की तुलना में कम हुआ है।

एक दूसरी रिपोर्ट में समावेशी विकास सूचकांक में भारत को 60वां स्थान दिया है जोकि चीन और पाकिस्तान से भी नीचे है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की समावेशी वृद्धि एवं विकास रिपोर्ट 2017 में कहा गया है कि समावेशी विकास सूचकांक में भारत 60वें स्थान पर है। यह सूचकांक 12 संकेतकों पर आधारित है। इसमें 79 विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में लिथुआनिया पहले, अजरबाइजान दूसरे व हंगरी तीसरे स्थान पर हैं। चीन को 15वें, नेपाल को 27वें, बांग्लादेश को 36वें व पाकिस्तान को 52वें स्थान पर रखा है अर्थात् इनका प्रदर्शन भारत से उत्कृष्ट हैं। इसमें कहा गया है कि अधिकांश देश आर्थिक वृद्धि सुदृढ़ करने व असमानता कम करने के महत्वपूर्ण अवसरों से चूके हैं। चूंकि नीति निर्धारक वर्षों से जिस वृद्धि मॉडल व आंकलन उपकरणों का अनुपालन कर रहे हैं उनमें महत्वपूर्ण परिवर्तन की जरूरत है।

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