शनिवार, 11 मार्च 2017


सिगरेट के टु़कड़ोें से ऐसे हो रही कमाई


आपके स्वास्थ्य और जेब पर भारी पड़ने वाली सिगरेट आज भी हमारे देश में लोगों द्वारा बहुत अधिक पी जाती है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों की माने तो वर्ष 2014-15 में 9300 करोड़ सिगरेट प्रयोग हुई। वहीं दूसरी ओर, विश्व में लगभग 110 करोड़ जनता सिगरेट पीती है, जिनमें 80 करोड़ पुरुष शामिल हैं। ये आंकड़े बयां करते हैं कि बड़ी मात्रा में जले हुए सिगरेट के टुकड़े अथवा बट फेंके जाते होंगे। एक अध्ययन बताता है कि विश्व में औसत प्रतिवर्ष लगभग 1.69 बिलियन पौंड वजन के सिगरेट-बट फेंके जाते हैं।  

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अनेक ऐसे लोग भी हैं, जोकि इस कचरे से भी कमाई ही नहीं बिजनेस भी कर रहे हैं। इतना ही नहीं यह पर्यावरण हितैषी व्यवसाय 200 से ज्यादा लोगों को रोजगार भी दे रहा है। इस व्यवसाय का आइडिया दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक 23 वर्षीय नमन गुप्ता और उनके मित्र विशाल को आया।
नमन का कहना है कि पीजी में लोगों की सिगरेट की लत और उसके बचे टुकड़ों से मुझे यह आइडिया आया। हमारे व्यवसाय से निरंतर लोग जुड़ रहे हैं और आगामी वर्षों में यह एक मिसाल बनेगा। नमन के दोस्त विशाल (केमिकल साइंस से शिक्षित) का कहना है कि हमने अपने यूनिक आइडिया से 200 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार भी प्रदान किया। जुलाई 2016 में बिजनेस कोड इंटरप्राइजेज एलएलपी नामक स्टार्टअप काम सिगरेट-वेस्ट अर्थात् फेंके गए सिगरेट-बटों को रिसाइकिल करना है, जोकि प्रत्येक तरह के रिसाइक्लिंग का वन-स्टॉप सोल्यूशन देता है।

इस व्यवसाय में ग्राहक को बची हुई सिगरेट के बदले पैसे दिए जाते हैं। कंपनी प्रति 100 ग्राम सिगरेट-बट के बदले 80 रुपए एवं एक किलोग्राम सिगरेट-बट के लिए 700 रुपए देती है। इससे ग्राहक और वेंडर दोनों को ही फायदा होता है। सिगरेट बट को ट्रीटमेंट करके फिल्टर किया जाता है। यह 99 प्रतिशत तक उपयोग हेतु सुरक्षित होता है। इसे केमिकल से ट्रीट करके बाइप्रोडक्ट की जांच की जाती है। विशेषतः सिगरेट-बट के कूड़े को एकत्र करने के लिए वीबिन तैयार किया गया है। ‘कोड’ हेतु कूड़ा एकत्र करनेवाला प्रति पंद्रह दिनों में एक बार कस्टमर के पास से सिगरेट-बट लाता है।

नमन का कहना है कि अभी हम दिल्ली-एनसीआर में यह काम कर रहे हैं परंतु भविष्य में हमारी मंशा देश के दूसरे राज्यों तक पहुंचने की है विशेषकर दक्षिण भारतीय राज्यों तक। नमन की माने तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वच्छ भारत मिशन’ में भी सहयोगी व्यवसाय साबित होगा।

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