शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2016

अब नहीं रहेगी समय की कमी
अपनाएं टाइम मैनेजमेंट के ये टिप्स


हमें बचपन से ही समझाया जाता रहा है कि समय का चक्र निरंतर अपनी गति से घूमता रहता है। वह किसी के लिए भी कभी रुकता नहीं है। इसे हम ऐसे समझ सकते हैं कि जिस प्रकार मुट्ठी में बंधी हुई रेत को हाथ से फिसलने से अधिक समय तक ‍नहीं रोका जा सकता है, ठीक उसी प्रकार समय का चक्र भी गतिमान रहता है। जबकि आज के गलाकाट प्रतियोगिता युग में समय के साथ चलना बहुत जरूरी है। यही कारण है कि प्रायः अधिकांश लोग समय न होने की बात कहते पाये जाते हैं। विशेषकर ऐसे लोग जोकि व्यर्थ कामों में अपना समय खोने के बाद अपने महत्वपूर्ण काम को नजरअंदाज करते हैं। फिर शिकायत करते हैं कि हमारे पास समय नहीं है।

ऐसे लोगों के लिए पूर्व राष्ट्रपति एवं मिसाल मैन डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से टाइम मैनेजमेंट गुणों को सीखना चाहिए ताकि वे जान सके कि कैसे डाॅ. कलाम घंटों काम में व्यस्त रहने के बाद भी पढ़ने-लिखने और लोगों से मिलने का समय भी निकाल लेते थे। डाॅ. कलाम काम और जीवन के संतुलन यानि वर्क एंड लाइफ बैलेंस को बहुत महत्व देते थे। उनकी सोच थी कि हमें अपने समय को इस प्रकार व्यवस्थित करना करना चाहिए कि काम के साथ-साथ जीवन का भी आनंद लिया जा सके। चूंकि जिंदगी हमें समय का महत्व समझाती है तो समय हमें जीवन की अहमियत सिखाता है। डाॅ. कलाम बचपन से ही बहुत मेहनती थे। प्रतिदिन प्रातः चार बजे उठकर गणित की ट्यूशन जाते थे। 5 बजे अपने पिता के साथ नमाज पढ़ते। इसके बाद तीन किलोमीटर दूर धनुषकोड़ी रेलवे स्टेशन से समाचार-पत्र लाकर पैदल चलकर उन्हें बेचते थे। फिर 8 बजे तैयार होकर स्कूल चले जाते। स्कूल से वापिस लौटकर शाम को वे अखबार के पैसे इकट्ठे करते थे। वे कहते थे कि प्रत्येक काम के लिए समय रहता है, आवश्यकता है तो बस अनुशासन में रहने की।

डाॅ. कलाम की सोच थी कि मनोरंजन, मिलने-जुलने और व्यायाम के लिए समय निकालें। केवल मशीन की तरह काम करने से कभी सफलता नहीं मिलती। जो लोग आॅफिस में देर तक बैठकर काम करते हैं वे अपना निजी समय ही नहीं खराब करते बल्कि अपना टाइम मैनेजमेंट भी बिगाड़ लेते हैं। अपने काम से सदैव प्यार करें। चंूकि जिस काम से हम प्रेम करते हैं उसे करने के लिए हमारे पास कभी समय की कमी नहीं होती और इसीलिए उसके लिए हमेशा हमारे पास समय रहता है। सबसे पहले प्रातः उठकर अपनी दिनचर्या बनाएं और उसे फाॅलो करें। इससे आपका समय और जीवन दोनों प्रबंधित होंगे। साथ ही सबसे जरूरी है अनुशासन में सारे काम करें।

चलिए जानते हैं कुछ अन्य टिप्सः
1. आपको सबसे पहले देखना है कि आपका सबसे अधिक समय कहां खराब होता है। इन कामों का समय निश्चित करके आप अपना काफी समय बचा सकते हैं।
2. अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित कीजिए। जरूरी कामों को पहले ‍कीजिए और जो बाद में हो सकता है, उसके लिए समय निश्चित करें। गैर जरूरी काम को छोड़कर भी आप अपने वर्कलोड को कम कर सकते हैं।

3. समय प्रबंधन टूल्स जैसेकि मोबाइल, कैलेंडर अथवा चार्ट आदि की मदद से काम को समय पर पूरा करें। हां, रिमांडर को अवॉइड करने की आदत को बदलना होगा।
4. काम की आउटसोर्सिंग करें। विद्यार्थी, व्यवसायी या गृहिणियां अपने बहुत-से कामों को दूसरों से करवा सकते हैं। इससे जहां एक ओर आपका वर्कलोड कम होगा तो वहीं दूसरी ओर आप बेहतर काम कर पाएंगे।
5. प्रतीक्षा में समय खराब न करें। अनेक बार हम इंतजार करते हुए बहुत समय बर्बाद कर देते हैं। इस समय कुछ छोटे-मोटे काम किए जा सकते हैं जैसेकि ईमेल देखना, नोट्‍स बनाना इत्यादि।

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