मंगलवार, 18 अक्टूबर 2016

सिगरेट के इन बुरे प्रभावों को जानेगे तो
छोड़ देगे स्मोकिंग करना


इंसान की कुछ आदतें स्वाभाविक होती हैं तो कुछ वातावरण की देन होती हैं। इसीलिए कहा जाता है कि जैसी संगत वैसी रंगत। बहराल हमारा यहां उद्देश्य किसी आदत की बुराइयां निकालना नहीं है बल्कि आदतों से आपके शरीर के अंगों पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों के बारे में जानकारी देना है। अब आप कहेंगे कि आप यह कैसे कह सकते हैं तो यह कहना हमारा नहीं, बल्कि अमेरिकन लंग एसोसिएशन की अनुसंधान से यह बात निकलकर सामने आई है कि सिगरेट को जलाने पर इसमें से 7000 से अधिक रसायन निकलते हैं। इनमें से 69 भीषण रूप से खतरनाक केमिकल्स होते हैं जो कैंसर की संभावना को बढ़ा देते हैं। साथ ही शरीर के भिन्न-भिन्न भागों को प्रभावित करके आपके स्वास्थ्य को हानि पहुंचाते हैं।

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सिगरेट में आर्सेनिक रसायन होता है जोकि चूहे मारने के जहर बनाने में प्रयोग किया जाता है, जोकि फेफड़ों में जाकर उन्हें बुरी तरह से प्रभावित करता है। सिगरेट में अमोनिया भी होता है जोकि ड्रायक्लिनिंग तथा टाॅयलेट क्लीनर में उपयोग होता है। सिगरेट में उपस्थित बेंजीन ब्लड कैंसर की संभावना को बढ़ा देता है तो निकोटिन सीधे दिमाग को प्रभावित करता है। सिगरेट कार्बन मोनोआक्साइड जैसी जहरीली गैस देती है। साथ ही फाॅर्महिल्डहाइड जहरीला रसायन है जोकि कैंसर की संभावना बढ़ता है।
नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट, सेंटर्स ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की शोध बताती है कि

1. मस्तिष्क
स्मोकिंग से मस्तिष्क का काॅर्टक्स वाला भाग कमजोर हो जाता है जोकि आपकी मेंटल पाॅवर को भी कमजोर कर देता है।
2. मुंह
सिगरेट के रसायन मंुह की लार को सूखा देते हैं, कैविटी तथा दांत को क्षीण कर देते हैं। साथ ही मुंह के कैंसर की संभावना को जन्म देते हैं।
3. फेफड़े
नियमित स्मोकिंग से फेफड़ों में टार एकत्र हो जाता है जिससे फेफड़ों के कैंसर होने की संभावना 90 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
4. दिल
रोज सिगरेट पीने से बी.पी. बढ़ने लगता है जोकि स्ट्रोक और हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा देता है।
5. आंखें
सिगरेट के तंबाकू में अनेक आॅक्सीडेंट्स होते हैं जोकि आंखों को हानि पहुंचाते हैं। इससे आंखों की नमी समाप्त हो जाती है, मोतियाबिंद, मेक्यूलर डीजनरेशन तथा आॅप्टिक न्यूरोपैथी की समस्या होने की संभावना रहती है।

6. हड्डियां
सिगरेट में निकोटिन होता है जोकि शरीर में एस्ट्रोजन हाॅर्मोन के प्रभाव को कम करके हड्डियों को कमजोर करता है।
7. किडनी
स्मोकिंग से निकलने वाला धुंआ शरीर में रक्त के प्रवाह को कम करके किडनी को खराब करने की संभावना को 51 प्रतिशत तक बढ़ा देता है।
8. डी.एन.ए.
अनुसंधान से पता चला है कि सिगरेट में उपस्थित फेनानथरेन तत्व खून में मिलकर डीएनए को प्रभावित करता है। साथ ही कैंसर की संभावना को भी बढ़ा देता है।

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