क्या आप जानते हैं इस शख्स को
मोदीजी ने इससे प्रभावित होकर किए 500-1000 रुपए के नोट बंद
नकद के अलावा दूसरे विकल्पों को भी जानें
बीता कल यानि मंगलवार सभी दिनों की तरह सामान्य-सा था। यकायक शाम को समाचार आने लगा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित करेंगे। लोगों को लगने लगा कि शायद वह कोई बड़ी घोषणा करने वाले हैं या फिर पाक के साथ तनाव के बारे में कोई बात। पर हुआ बिल्कुल अलग, मोदीजी ने 500-1000 के पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा कर दी। अचम्भित लोग पुराने नोटों को ठिकाने लगाने रातभर घूमते रहे, परेशान-हैरान पर क्या आप जानते हैं कि इस निर्णय के लिए किस व्यक्ति ने पीएम को प्रभावित किया, यह योजना कितने समय में तैयार हुई और कैसे क्रियान्वित की गई क्या कहा नहीं तो चलिए जानते हैं इसे।
मोदी सरकार द्वारा 500-1000 के नोट बंद करने की योजना छः माह पहले ही बनानी शुरू कर दी थी। द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित समाचार की माने तो सरकार के इस फैसले की जानकारी कुछ मुट्ठी भर लोगों जैसेकि प्रिंसिपल सेक्रटरी नृपेंद्र मिश्रा, पूर्व और वर्तमान आरबीआई गवर्नर, वित्त सचिव अशोक लवासा, आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास और वित्त मंत्री अरुण जेटली को थी। बताया जा रहा है कि योजना को लागू करने की प्रक्रिया दो महीने पहले शुरू हुई। ऐसी कवायद लगाई जा रही है कि मोदीजी को यह निर्णय लेने के लिए प्रभावित करने वाला कोई भी नहीं बल्कि इंजीनियर अनिल बोकिल हैं। वास्तव में हुआ यूं कि अर्थक्रांति संस्थान द्वारा यह प्रपोजल राहुल गांधी, नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेताओं को दिया था, जिस संबंध में संस्थान के सदस्य अनिल बोकिल ने मोदीजी के साथ मीटिंग की थी। हैरानी की बात तो यह है कि बोकिल को मोदी से मिलने के लिए केवल 9 मिनट दिये गये थे, परंतु बड़े नोट बंद करने के प्रस्ताव पर रुचि लेते हुए पूरे 2 घंटे तक बात की। इससे पहले भी मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि बोकिल और उनकी टीम लगभग डेढ़ वर्ष पहले राहुल गांधी से भी मिली थी, जिसके लिए उसे सिर्फ 10-15 सेकंड दिये गए थे।
क्या आप जानते हैं रुपये का अर्थ
हमारे देश के साथ-साथ श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, इंडोनेशिया एवं मालदीव्स की मुद्रा रुपया है। रुपया संस्कृत का शब्द है, जिससे निकला है रुपए। इसका मतलब होता है चांदी।
जानिए अनिल बोकिल को
‘‘अर्थक्रांति’’ संस्थान (पुणे) के सदस्य श्री अनिल औरंगाबाद के मेकैनिकल इंजीनियर हैं। बहुत ही साधारण जीवन जीने वाले अनिल औरंगाबाद में अनेक सफल प्रोजेक्ट कर चुके हैं। उन्होंने सोशियो-इकोनॉमिक डेवलपमेंट पर अनेक सेमिनारों को संबोधित किया हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पूर्व वह मोदीजी से मिले थे। उन्हें केवल 9 मिनट का समय दिया गया था पर भ्रष्टाचार रोकने और नकली नोटों के जाल से निकलने के लिए अपना प्रपोजल सुनाया तब दो घंटे तक नरेंद्र मोदी उसे सुनते रहे। फर्स्टपोस्ट की माने तो इससे पहले अनिल बोकिल और उनकी टीम राहुल गांधी (उपाध्यक्ष, कांग्रेस) से भी इस संबंध में मिली थी, तब उन्हें 15 सेकंड का समय दिया था। यहां तक कि ब्लैक कैट कमांडो ने उन्हें प्रपोजल वाली सीडी ले जाने की अनुमति भी नहीं दी थी। उन्हें सीडी में ऐसा कोई प्रपोजल नहीं होने का भी शक था। तब राहुल ने सिर्फ इतना कहा था कि प्लीज आप डॉ. मोहन गोपाल से मिल लें, हम पहले इसे देखेंगे। गोपाल राजीव गांधी फाउंडेशन के डायरेक्टर थे। इसके बाद वे बीजेपी के पास पहुंचे।
जानिए अर्थक्रांति संस्थान को
चार्टर्ड अकाउंटेंट और इंजीनियर्स का ग्रुप अर्थक्रांति एक इकोनॉमिक एडवाइजरी बॉडी है। अर्थक्रांति द्वारा मोदीजी को सौंपा गया प्रपोजल कालेधन की रोकथाम, महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और आंतकवाद की फंडिंग को रोकने में बेहद कारगर बताया जा रहा है। अर्थक्रांति प्रपोजल को संस्थान ने पेटेंट कराया है।
जानिए अर्थक्रांति प्रपोजल के प्रमुख बिंदु
- इम्पोर्ट ड्यूटी छोड़ 56 प्रकार के कर या टैक्स वापस लिए जाएं।
- बड़ी करेंसी 1000, 500 और 100 रुपए के नोट वापस लिए जाएं।
- सारे बड़े ट्रांजैक्शन मात्र बैंक के द्वारा चैक, डी.डी. और ऑनलाइन हों।
- कैश ट्रांजैक्शन की सीमा निर्धारित की जाए। इनपर कोई टैक्स न लगे।
- सरकार के रेवेन्यू जमा करने का एक ही बैंक सिस्टम हो। क्रेडिट अमाउंट पर बैंकिंग ट्रांजैक्शन टैक्स (2 से 0.7 प्रतिशत) लगाया जाए।
- अभी देश में 2.7 लाख करोड़ का बैंकिंग ट्रांजैक्शन प्रतिदिन होता है यानि वार्षिक 800 लाख करोड़ रुपए।
- मात्र 20 प्रतिशत ट्रांजैक्शन बैंक से होता है शेष 80 प्रतिशत कैश से होता है, जिसको ट्रेस नहीं किया जा सकता।
- देश की 78 प्रतिशत आबादी रोज केवल 20 रुपए खर्च करती है फिर उन्हें 1000 रुपए के नोट की क्या जरूरत।
500 और 1000 के नोट वापस लेने से होगा यह
- अर्थक्रांति ने सरकार को दिए प्रपोजल में कहा था कि कैश ट्रांजैक्शन से होने वाला भ्रष्टाचार पूर्णतः समाप्त हो जाएगा। ब्लैकमनी व्हाइट हो जाएगी अथवा फिर बेकार और 1000 एवं 500 के नोट कागज के टुकड़े बन जाएंगे।
- जमीन, प्रॉपर्टी, ज्वैलरी और घर खरीदने में कालेधन के प्रयोग से दाम बढ़ जाते हैं जबकि मेहनत से बनाई कमाई कम हो जाती है। इसपर तुरंत नियंत्रण लगेगा।
- कुछ अपराध जैसेकि रिश्वतखोरी, किडनैपिंग, सुपारी लेकर हत्याओं पर रोक लगेगी।
- कैश ट्रांजैक्शन द्वारा आतंकवाद की फंडिंग पर रोक लगेगी।
- महंगी जायदाद नकद से खरीदते समय रजिस्ट्री में कोई भी घालमेल नहीं कर पाएगा।
- जाली नोटों के लेन-देन पर रोक लगेगी।
56 तरह के टैक्स हटाने से होगा यह
- अर्थक्रांति के मुताबिक, सभी चीजों की कीमत घटेगी, नौकरी करने वाले लोगों के हाथ में अधिक रुपया होगा और परिवारों की खरीदारी क्षमता बढ़ेगी।
- समाज की खरीददारी की क्षमता बढ़ेगी। मांग और प्रोडक्शन बढ़ेगा तो कंपनियों में रोजगार बढ़ेगा।
- पेट्रोल, डीजल, एफएमसीजी आदि सभी कमोडिटीज 35-52 प्रतिशत तक सस्ती होंगी।
- जब टैक्स नहीं भरना होगा तो लोग ब्लैकमनी जमा नहीं कर पाएंगे।
- बिजनेस सेक्टर में उछाल आएगा और लोगों के पास स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- बैंकों से आसान और सस्ता लोन मिलेगा। ब्याज दर घटेगी।
- राजनीति में ब्लैकमनी का इस्तेमाल भी बंद होगा।
- व्यापार घाटे को पूरा करने के लिए बीफ एक्सपोर्ट की जरूरत नहीं होेगी।
- रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए पर्याप्त धन मौजूद होगा।
- आसामाजिक तत्वों पर लगाम कसेगी।
यह बात दूसरी है कि कुछ लोग मानने तो तैयार नहीं है कि इससे सुधार आएगा। इनमें इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टिट्यूट के प्रो. अभीरूप सरकार की माने तो देश में पहले हुए मोनेटाइजेशन से ब्लैक मनी के सर्कुलेशन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। लोग ब्लैक मनी को कैश में नहीं रखते, बल्कि स्विस बैंक के खातों में जमा कर देते हैं। इसलिए पड़ी मछलियों पर इसका असर नहीं होगा।
खैर, यह तो मतभेद रहेगा लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यहां पर सभी रास्ते बंद हो गए। कैश के अलावा भी आप लेन-देन के लिए दूसरे तरीके अपना सकते हैं। चलिए जानते हैं इन्हें भी
प्लास्टिक मनी यानि डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और प्री पेड कार्ड
बाजार में तीन तरह के कार्ड डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और प्री पेड कार्ड मौजूद हैं, जिससे आप अनेक ट्रांजैक्शंस कर सकते हैं।
ई-वॉलेट्स
बाजार में उपलब्ध क्लोज्ड, सेमी-क्लोज्ड और ओपन श्रेणी के ई-वॉलेट्स भुगतान का बेस्ट ऑप्शन है। बैंकों और अनेक प्राइवेट कंपनियां द्वारा इसका उपयोग किया जाता हैं। इसमें पहले से ही पैसे डाले जाते हैं। इसमें नेटबैंकिंग, क्रेडिट कार्ड अथवा डेबिट कार्ड से कैश लोड किया जा सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर
आप ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा का लाभ भी उठा सकते हैं। आप ऑनलाइन बैंकिंग द्वारा एनईएफटी, आरटीजीएस और आईएमपीएस द्वारा पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई)
इसी वर्ष बैंकों ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) सिस्टम आरंभ किया है। इसमें यूपीआई ऐप द्वारा मोबाइल पर ही बैंक अकाउंट्स द्वारा वन-क्लिक, टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन के बाद ट्रांजैक्शन्स की जा सकती हैं। बैंक अकाउंट और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के प्रयोग से आप इसका लाभ उठा सकते हैं। अधिकांश बैंकों ने अपने मोबाइल ऐप में ही यूपीआई ऑप्शन दिया हुआ है।
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