मंगलवार, 1 नवंबर 2016

नौकरी से निकाले गए दो लोगों का कमाल
बना डाली 700 करोड़ की कंपनी


किसी सच ही कहा है कि आदमी की सफलता के पीछे की अंधेरी रातों को कोई नहीं देखता। जगमगाते प्रकाश को सब देखते हैं लेकिन यह कोई नहीं देखता कि इसकी बुनियाद में कितने बुरे दिन भी रहे हैं। वास्तव में, सफलता की पहचान इसी से आंकी जा सकती है कि हमने बुरे समय में कितने नए मौके को पैदा किया। ऐसा ही कुछ किया दो अमेरिकी दोस्तों ने। और नौकरी से निकालने जाने के बावजूद खड़ी कर दी 700 करोड़ की कंपनी, जोकि आज फेसबुक, गूगल, कोका कोला की पहली पंसद बन चुकी है।

हुआ यूं कि वर्ष 2009 में जूनियर एनालिस्ट के पद पर काम करने वाले दो दोस्तों रॉबी व्‍हाइट्स एवं जेरेमी रिनकॉन  की काबिलियत पर अमेरिका की एक कंसल्टिंग कंपनी को भरोसा नहीं था, इसलिए कंपनी ने छंटनी के नाम पर इन दोनों को नौकरी से निकाल दिया। नौकरी छूटने के बाद इन दोनों दोस्तों ने बिजनेस का प्लान करना शुरू किया। इन्होंने ग्लास व्हाइटहबोर्ड बनाने का बिजनेस शुरू किया। फिर क्या था आज यह बिजनेस 700 करोड़ रुपए को पार कर चुका है।

वास्तव में, दोनों दोस्तों के मन में शुरू से ही यह था कि कुछ हटकर किया जाए। ऐसे में उन्होंने देखा कि बड़ी-बड़ी कंपनियों के मीटिंग रूम, कॉन्फ्रेंस रूम में लिखने के लिए अधिकांशतः कार्डबोर्ड का उपयोग किया जाता है। इसी से उन्हें ग्लासबोर्ड का आइडिया आया। अब दोनों ने अनेक प्रमुख कंपनियों पर रिसर्च किया। फिर क्या था दोनों दोस्तों की समझ में आया कि यह प्रोडक्ट मार्केट में अच्छा-खासा चल सकता है। अब समस्या आई बिजनेस के लिए फंड की। बड़ी राशि न होने के कारण उन्‍होंने अपने परिजनों, दोस्तों एवं बैंक से कर्ज लिया। आरंभ में दोनों दोस्तों ने प्रातः 5 बजे उठकर एक गैराज में स्वयं ग्लासबोर्ड बनाना शुरू किया। इतना ही नहीं दिन में टेलीकॉलिंग करके नए ग्राहक ढूंढने का काम भी खुद ही किया।

राशि जुटाने के बाद दोनों ने निर्णय लिया कि ये ऐसा ग्लासबोर्ड बनाएंगे जो मार्केट में किसी और के पास न हो। फिर क्या था अपनी सोच को वास्तविकता में बदलते हुए 3डी टेक्‍नोलॉजी से ऐसा प्रोडक्ट बनाया जो मार्केट में बिल्कुल नया था। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि इसे हर साल बदलने की आवश्यकता नहीं थी। साथ ही इनके बनाए ग्लासबोर्ड का पता ही नहीं चलता था कि वह दीवार पर लगा हुआ है। यही कारण है कि आज मात्र 5 वर्ष बाद क्लेरस ग्लासबोर्ड कंपनी 700 करोड़ की बन चुकी है। सबसे बड़ी बात तो इन पांच वर्षों में इस कंपनी ने बाजार पर मजबूत पकड़ के साथ-साथ अनेक ग्लोबल कंपनियों जैसेकि फेसबुक, गूगल, कोका-कोला को भी अपनी प्रियजनों की लिस्ट मंे शामिल कर लिया है।  

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