मंगलवार, 27 सितंबर 2016

ताजमहल, लाल किला, राष्ट्रपति भवन और संसद भवन 
तक को बेचने वाले इस शख्स को जानते हैं आप


देश की राष्ट्रीय धरोहर ताजमहल, लाल किला, राष्ट्रपति भवन और संसद भवन के बारे में शायद कोई ऐसा व्यक्ति हो जो न जानता हो। यह हमारे लिए सम्मानीय हैं। देश से लेकर विदेशों तक के लोग इन्हें देखने आते हैं। हम अगर आपसे कहे कि एक ऐसा भी शख्स था जिसने ताजमहल को तीन बार बेच दिया था तो शायद आपको यकीन न हो लेकिन यह सच है। विश्वास नहीं होता न तो चलिए जानते हैं कैसे।

इन कारनामों को अंज़ाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि मशहूर ठग नटवरलाल उर्फ मिथिलेश श्रीवास्तव (सीवान, बिहार निवासी) था। नटवरलाल ने ताजमहल को तीन बार बेच दिया था। इतना ही नहीं इसने लाल किला, राष्ट्रपति भवन एवं संसद भवन को भी बेच दिया था।

नटवरलाल वेश बदलने में दक्ष था। उसने एक बार राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का फर्जी हस्ताक्षर करके ठगी की थी। ऐसा भी कहा जाता है कि नटवरलाल ने धीरूभाई अम्बानी, टाटा एवं बिरला आदि उद्योगपतियों के साथ ही सरकारी अधिकारियों से भी ठगी की थी।

पुलिस द्वारा नटवरलाल उर्फ मिथिलेश श्रीवास्तव पर ठगी के 100 से भी अधिक मामले दर्ज किए थे और 8 राज्यों की पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। सत्तर-नब्बे के दशक तक अनेक धोखा-धड़ी की घटनाओं को अंजाम देने वाला नटवर लाल भारत के प्रसिद्ध ठग के रूप में जाना जाता था। उसे 9 बार गिरफ्तार किया गया पर हर बार वह पुलिस की पकड़ से भागने में कामयाब रहा। 84 साल की उम्र वह अंतिम बार पकड़ा गया।

जब 24 जून, 1996 को नटवरलाल को कानपुर जेल से एम्स अस्पताल ट्रांसफर किया जा रहा था तभी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पुलिस टीम को चकमा दे वह फिर से भागने में कामयाब रहा। इसके बाद से वह दिखाई नहीं दिया।

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