यह है भारत का सबसे स्वच्छ शहर
कूड़ा बेचकर लोग करते हैं कमाई
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की मुहिम ‘स्वच्छ भारत अभियान’ को गति मिलती दिख रही है। जहां-तहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। आमजन हो या विशिष्ट जन सभी स्वच्छ भारत के लिए प्रयासरत हैं। यह बात दूसरी है कि इसको पूरी तरह से अमल में लाना बहुत मुश्किल है। इसके जीते जागते नमूने हैं हर जगह लगे गंदगी के ढ़ेर। पर आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में ही एक शहर ऐसा भी है जिसे भारत का सबसे साफ सुथरा शहर घोषित किया गया है। क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि यह कौन-सा शहर है। नहीं तो चलिए हम आपको इसकी जानकारी दिए देते हैं।
जी हां, ये शहर है मैसूर। शहर को इस मुकाम तक लाने में वहां के लोगों का विशेष योगदान रहा है। जैसाकि कहा भी जाता है कि कोई भी काम तभी सफल हो सकता है जबकि उसमें सभी का योगदान हो। इनाडुइंडिया की माने तो मैसूर के शहर कुंबर कोप्पल में लोग अपने शहर को साफ रखने के साथ ही कूड़ा बेचकर कमाई भी कर रहे हैं। वास्तव में, कुंबर कोप्पल के कार्यकर्ता और लोग जीरो वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की देखरेख करते हैं। आपको जानकरी हैरानी होगी लेकिन यह सच है कि मैसूर के इस छोटे से कस्बे में कूड़े-कचरे से होने वाली आय ही उनकी कमाई का मुख्य साधन है।
कुंबर कोप्पल में रोज 200 घरों से कूड़ा-कचरा एकत्र किया जाता है। इसमें गीला एवं सूखा कचरा अलग-अलग इकट्ठा किया जाता है जिसका 95 प्रतिशत भाग बेच दिया जाता है। फिर इसे वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में भेज दिया जाता है जहां प्रतिदिन पांच टन कचरे से खाद तैयार की जाती है। इसी तरह से एकत्रित गीले कचरे से कंपोस्ट बनाई जाती है, जिसको किसानों को उर्वरक के रूप में बेच दिया जाता है। सूखे कचरे जैसेकि प्लास्टिक और मैटल के सामान को अलग से बेच दिया जाता है। इससे होने वाली आय सफाई कार्यकर्ताओं में बांट दी जाती है। इसके अलावा, इन कार्यकर्ताओं को इस काम के बदले घर और स्वास्थ्य सुविधा भी दी जाती है। साथ ही इस कमाई का एक भाग जीरो वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की मैंटेनेंस के लिये खर्च किया जाता है।
मैसूर की सुंदर एवं स्वच्छता में में यहां की नारी शक्ति का विशेष योगदान है। यहां के महिला समूह प्रत्येक आवास से कूड़ा कचरा इकट्ठा करते हैं तथा लोगों को साफ सफाई के लिए जागरूक भी करते हैं। सराहनीय बात तो यह है कि वहां के सभी नागरिक सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं यही कारण है कि मैसूर का नाम सबसे स्वच्छ शहरों में आता है। मैसूर का कुंबर कोप्पल इसका जीता जागता उदाहरण है जिसका कहना है कि एक छोटा सा प्रयास बहुत कुछ बदल सकता है। जरूरत है तो बस जागरूक होने की।
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