डेंगू बुखार है जरूर खतरनाक
पर उतने ही कारगर हैं ये आहार
आजकल हर तरफ डेंगू और चिनगुनिया फैला हुआ है। इसमें एइडेस एगिप्टी मच्छरों से फैलने डेंगू रोग एक खास किस्म के वायरस से होता है। इसका संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक प्रत्यक्ष तौर पर तो नहीं फैलता लेकिन डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छर के काटने से यह तेजी से फैलता है। मजे की बात तो यह है कि दूसरे मच्छरों से भिन्न एइडेस एगिप्टी मच्छर दिन में काटते हैं और इनके हमले का समय सुबह तड़के और गोधूली बेला का होता है।
डॉ. के.के. अग्रवाल (अध्यक्ष, हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया और ऑनरेरी सेक्रेटरी जनरल, आईएमए) की माने तो बहुत से लोगों को नहीं पता कि डेंगू का मच्छर गंदी-नालियों में नहीं वरन् साफ-सुथरे पानी में पनपता हैं। साफ सुथरे शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को इसका अधिक खतरा रहता है। बचाव इलाज से हमेशा बेहतर रहता है। डेंगू होने पर घबराएं नहीं, भरपूर मात्रा में तरल आहार लें, क्योंकि डिहाइड्रेशन से ही रोग खतरनाक होता है और अगर डेंगू के मरीज का प्लेटलेट्स काउंट 10,000 से अधिक हो तो प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता नहीं होती। बल्कि बेवजह प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन नुकसान कर सकता है।
रक्तस्रावी बुखार डेंगू का सबसे पहले सन् 1950 में फिलीपींस और थाईलैंड में संक्रमण दर्ज किया गया, अब भारत सहित कई एशियाई और लैटिन अमेरिकी देशों में डेंगू के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। जहां तक डेंगू के लक्षणों की बात करें तो रोगी को तेज ठंड लगती है, कमरदर्द, सिरदर्द एवं आंखों में तेज दर्द हो सकता है। रोगी को निरंतर तेज बुखार रहना, जोड़ों में दर्द, बेचैनी, उल्टियां, लो ब्लड प्रेशर आदि समस्याएं आती हैं। साथ ही साथ नाक बहना, खांसी, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों के दर्द एवं त्वचा पर हल्के रैश होते हैं। कई बार लाल और सफेद निशानों के साथ पेट खराब होने की भी शिकायत रहती है। कभी ऐसे लक्षण फ्लू से मिलकर कंफ्यूज भी उत्पन्न करते हैं। ऐसे में जरूरी है कि लक्षणों को पहचान करके शीघ्र चिकित्सक से मिले और उपचार करवाएं। इस दौरान अधिक से अधिक पानी व पेय लेना चाहिए और आराम करना जरूरी है। वरना यह डेंगू हेमोरेजिक फीवर (डीएचएफ) का रूप लेकर है अधिक खतरनाक हो सकता है। डीएचएफ की संभावना दस साल से कम उम्र के बच्चों में सबसे अधिक होती है जिसमें उन्हें तेज पेट दर्द, ब्लीडिंग और शॉक जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
अभी तक डेंगू से बचाव का कोई टीका नहीं है इसलिए इसके बचाव के लिए हमारी सजगता बेहद जरूरी है। मच्छरों को घर में बिल्कुल न होने दें। बाल्टियों व ड्रम में जमा पानी को सदैव ढककर रखें और आसपास के गड्ढे आदि में पानी न जमा होने दें। ध्यान दें कि घर में डेंगू से पीड़ित रोगी को काटने वाले मच्छर दूसरे सदस्यों को न काटे। रोगी को मच्छरदानी में सुलाएं। मच्छर प्रतिरोधक इस्तेमाल करें। पूरे शरीर को कपड़ों से ढककर रखें।
शरीर की इम्यूनिटी इंप्रूव करने के लिए विटामिन-सी से भरपूर इन फूड्स का प्रयोग करें ताकि प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम न हो और बुखार खतरनाक न बनें
काम के हैं ये फूड
1. पपीताः इसमें मौजूद अधिक विटामिन-सी खून में प्लेटलेट्स का लेबल बढ़ाकर डेंगू का प्रभाव कम करता है।2. अनार का जूसः एक-एक गिलास सुबह शाम पीने से कमजोरी और खून की कमी दूर होती है। प्लेटलेट्स बढ़ती हैं।
3. तुलसीः एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर तुलसी के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और यह कमजोरी को दूर करने में मददगार है।
4. नारियल पानीः इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर नारियल पानी प्लेटलेट्स को बढ़ाता है।
5. संतरे का रसः विटामिन सी से भरपूर संतरे का जूस शरीर की इम्युनिटी पाॅवर बढ़ाने के साथ-साथ कमजोरी को भी दूर करता है।
6. सीताफलः इसमें विटामिन ए और सी की भरपूर मात्रा होती है जोकि शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कमजोरी को दूर करती है।
7. हल्दीः करक्यूमिन से भरपूर हल्दी मेटाबाॅलिज्म को इंप्रूव करने के साथ-साथ प्लेटलेट्स भी बढ़ाती है।
8. टमाटरः विटामिन सी से भरपूर टमाटर को खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और कमजोरी दूर होती है। 100 ग्राम टमाटर में 100 मि.ग्रा. विटामिन सी होता है।
9. अदरक चायः एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर अदरक की चाय शरीर को ऊर्जा देती है और कमजोरी दूर करती है।
10. पालकः आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन के से भरपूर पालक खून में प्लेटलेट्स बढ़ाता है।
11. मछलीः प्रोटीन से भरपूर मछली शरीर में ऊर्जा भरती है और कमजोरी दूर होती है।
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