अपने दम पर बन गया है यह गांव बेहतरीन टूरिस्ट स्पाॅट
गोबर न उठाने पर हो जाता है जुर्माना
गांव के बारे में सोचते ही हमारे मन में गंदगी और गोबर की तस्वीर उभरकर सामने आती है। यह बात ओर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का असर भले ही सब ओर दिख रहा हो लेकिन ऐसे में एक गांव ऐसा भी जिसने अपने दम पर वह कर दिखाया है जोकि दूसरे गांवों के लिए मिसाल है। ऐसा नहीं है कि इस गांव में स्वच्छता के प्रति जागरूकता शुरू से ही थी बल्कि यह केवल डेढ़ साल की मेहनत का असर है कि यह गांव आज इतना शानदार टूरिस्ट स्पाॅट बन गया है। गांव के विकास की सराहना करते हुए सरकार द्वारा भी गांव की पंचायत को 26 जनवरी पर बेस्ट विलेज के पुरस्कार से नवाजा गया।
हम बात कर रहे हैं पंजाब राज्य के दो सौ वर्ष पुराने कृषि प्रधान गांव सक्कांवाली (मुक्तसर, अमृतसर)। लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व यहां का गंदा पानी एकत्र होने वाला स्थान छप्पर बहुत ही गंदा था जिससे कि यहां बीमारियां फैलती रहती थीं पर आज यह छप्पर ट्रीटेड वाटर के कारण सुंदर लेक में बदल चुका है। हुआ यूं कि गांव के गंदे पानी की सफाई करने के लिए पंचायत ने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर छप्पर के गंदे पानी की सफाई की व्यवस्था करवाई। साथ ही छप्पर को नीचे से ऊपर तक पक्का कर लेक बना दिया गया। जहां पर सैलानी बोटिंग करते हैं। आसपास हरियाली करके सुंदरता को बढ़ाया गया है। यातायात को सुविधाजनक बनाने के लिए पक्के और मजबूत रोड़ तैयार किए गए। सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गएं। यही कारण है कि आज यह गांव सैलानियों का पसंदीदा गांव बन चुका है। टूरिस्टों को गांव के लोग अपने घरों में ही ठहराते हैं।
जहां तक स्वच्छता बनाएं रखने का प्रश्न है तो यहां नियम कानून भी बहुत सख्त हैं। अगर किसी ग्रामीण की भैंस सड़क पर गोबर करती है और उसे बीस मिनट में नहीं उठाया जाता तो उस आदमी को सौ रुपए जुर्माना देना पड़ता है। इतना ही नहीं पंचायत ने गोबर उठाने के लिए विशेष रूप से एक इंसान को रखा हुआ है जोकि फोन आने पर गोबर उठाने पहुंच जाता है। साथ ही भैंसों को लेक में ही नहाया जाता है परंतु उसके लिए सुबह और शाम के दो-दो घंटे का समय नियत कर दिया गया हैं। नियम न मानने पर पचास रुपए का जुर्माना लगाया जाता है। बैठने के लिए बेंच व कैंटीन बनाने की भी तैयारी की जा रही है।
आपको बताते चले कि रोजी बरंकदी के अनुसार पंसारी गांव (साबरकांता, गुजरात) को देश का सबसे विकसित गांव होने का सम्मान प्राप्त है। वहां पर मिनरल वाटर सप्लाई, बैंकिंग, टोल फ्री कंप्लेंट रिसेप्शन सिस्टम एवं सीवर एंड ड्रेनेज प्रोजेक्ट इत्याादि अनेक सुविधाएं हैं। इसके बावजूद भी वह सक्कांवाली गांव की तरह शानदार टूरिस्ट स्पाॅट नहीं बन पाया।
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