ऐसा है गजेंद्र ठाकुर का आयुर्वेदिक पान
विदेशी तक खाने आते हैं दुकान पर अश्वंगधा पान
हमारे देश की सभ्यता व संस्कृति में पान का विशेष योगदान है। वर्षों से हमारी धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कारिक तथा तांत्रिक आदि क्रियाओं में पान का उपयोग शुभ माना जाता रहा है। इतना ही नहीं मंुह का स्वाद बदलना हो या रोगों की रोकथाम सभी में इसका इस्तेमाल सदियों से होता रहा है।
इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए ग्वालियर के गजेन्द्र ठाकुर ने पान के साथ अनेक अनोखे प्रयोग किए। आयुर्वेद के बारे में पढ़ाकर उसका उपयोग उन्होंने पान के साथ करते हुए अश्वगंधा, दालचीनी, हल्दी आदि जड़ी-बूटियों, ड्राई फ्रूट व मिठाई से उसे मिलाया जोकि देशी-विदेशी शौकीनों को अपनी ओर खींच लाता है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि उनके पान का जायका लंदन की सरजमीं पर जा पहुंचा है। विदेशी जब भी ग्वालियर आते तो उनके पान का स्वाद लेने दुकान पर जरूर जाते हैं। यही कारण है कि गजेंद्र कामयाबी के नए-नए शिखरों को छूते चले जा रहे हैं।
गजेंद्र ने केवल अपने आयुर्वेदिक पान की क्वालिटी पर ही ध्यान नहीं दिया बल्कि पान की आकर्षक पैकिंग को भी नजरअंदाज नहीं किया। पान पैकिंग ऐसी है कि पान तीन दिनों तक भी खराब नहीं होता। उनके पान के प्रेजेंटेशन, आकर्षक पैकिंग व स्वाद ने देशी-विेदेशी लोगों को पान का दीवाना बना दिया है।
आज गजेंद्र के पान मेन्यू काॅर्ड में 80 तरह के पान शामिल हो चुके हैं। इसमें प्रमुख हैं-अश्वगंधा पान, नवरत्न पान, चॉकलेट पान, ड्राई फ्रूट पान, मीठा पाना, सादा पान, चोको चिप्स पान, काजू पान, आइसक्रीम पान, बटर स्कॉच पान, मैंगो पान, हॉट चॉकलेट पान, मिंट पान, स्ट्राबेरी पान, मिक्स फ्रूट पान, एप्पल पान, केसर पिस्ता पान, दालचीनी पान, शाही गुलाब जामुन पान, रोज, केवड़ा आदि। सबसे बड़ी बात यह है कि गजेन्द्र तंबाकू, गुटका व सिगरेट आदि अपनी दुकान पर नहीं रखते।
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