बुधवार, 17 फ़रवरी 2016

वकालत छोड़ खेती कर रहा है यह किसान
कमाई है लाख रुपए महीना


आज जहां कृषि में निरंतर होते नुकसान से किसान खेती से किनारा करते जा रहे हैं। वहीं कुछ किसानों ने वो कर दिखाया है जोकि दूसरों के लिए पथ प्रदर्शन का कार्य कर सकता है। आज हम आपको ऐसे ही एक किसान से रूबरू करवाने जा रहे हैं।

गढ़चिरोली (नागपुर) के संजय गटाडे ने लाॅ की डिग्री हासिल की। इसके बावजूद भी उन्होंने वकालत छोड़कर अजीविका के लिए कृषि को चुना परंतु कुछ हटकर। संजय ने खेती तो शुरू की लेकिन मोतियों की। इसके लिए, उन्होंने अपने गांव में एक छोटे से तालाब में मोतियों की खेती आरंभ की। इसी की बदौलत आज वह प्रतिमाह लगभग एक लाख रुपए कमा रहे हैं। वास्तव में संजय की बचपन से ही मोतियों में रुचि थी। इसी वजह से वे गढ़चिरोली एग्रीकल्चर कॉलेज जा पहुंचे। वहां एक प्रोफ़ेसर के मार्गदर्शन में संजय ने मीठे पानी में मोती बनाने की तकनीक का पता लगाया।

संजय ने मोतियों की खेती 10x10 फीट के तालाब में शुरू की। इसके लिए सबसे पहले उन्होंने बंद सीपों में खांचे लगाकर उनमें मोतियों का बीज डाला। इसके बाद उन सीपों को थैलीनुमा बैगों में बंद करके जाली द्वारा तालाब के पानी में उतार दिया है। 5-6 माह बाद ही इसमें मोती तैयार होने लगे है। मोती की इस खेती से संजय आज प्रतिवर्ष लगभग 11-12 लाख रुपए सरलता से कमा लेते हैं।

इतना ही नहीं संजय ने साधारण मोतियों के साथ-साथ विशेष डिज़ाइनर मोतियों को बनाने की भी तकनीक खोज निकाली है। उन्होंने डिज़ाइनर मोतियों को तैयार करने के लिए विशेषरूप से खांचे तैयार किए हैं जिनमें वह महात्मा बुद्ध, गणेशजी, होली क्रॉस साइन आदि डिज़ाइनर मोती भी बना चुके हैं। इन मोतियों से वह अच्छी खासी राशि कमाते हैं।




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