पौधों का बाप यानि अल्फा-अल्फा
धरती के इस वरदान को जानते हैं आप
अल्फा-अल्फा अरबी शब्द है जिसका अर्थ है ‘पौधों का बाप’। यह पढ़कर शायद आपको हंसी आ रही हो लेकिन जब आप इसके गुणों के बारे में सुनेगे तो हैरान रह जाएगे। सुपर फूड और धरती का वरदान कहे जाने वाले अल्फा-अल्फा (ALFALFA) पर आज अनेकों देशी-विदेशी कंपनिया शोध कर चुकी हैं। इसे रिजका भी कहते हैं, जोकि सामान्यतः गाँवों में पशुओं के चारे हेतु प्रयोग की जाती है। इसकी जड़ें भूमि से लगभग 20-30 फीट नीचे होने से इसमें वे खनिज लवण रहते हैं, जोकि प्रायः जमीन की सतह पर उपस्थित नहीं होते।
जाने अल्फा-अल्फा के फायदे
अल्फा-अल्फा मिनरल का सबसे उच्च स्रोत है। स्वस्थ शरीर के रख-रखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने, विटामिन, मिनरल और दूसरे पोषक तत्वों से भरपूर अल्फा-अल्फा हड्डियों को शक्ति देने व उनके विकास में भी मदद करता है। यह प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी1, विटामिन बी6, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन के, कैल्शियम, पोटेशियम, कैरोटीन, आयरन एवं जिंक से भरपूर होता है। इसको बीज, पत्ते या गोलियों के रूप में लिया जा सकता है। आर्थराइटिस, किडनी, यूरीन, कोलेस्ट्रॉल स्तर, स्ट्रोक आदि समस्याओं के उपचार में इसका उपयोग किया जाता है।
गठिया रोग में करे प्रयोग
हड्डी गठन एवं मजबूत बनाने में मिनरल जरूरी है, जोकि अल्फा-अल्फा में भरपूर होता है। इसलिए यह गठिया उपचार में बहुत लाभप्रद है। अल्फा-अल्फा के बीज से बनी चाय गठिया उपचार में बेहतरीन है।
कैंसर पर नियंत्रण
अल्फा-अल्फा/रिजका में अमीनो अम्ल पैंक्रियाटिक, ल्यूकेमिया एवं कोलन होता है, जोकि कैंसर से लड़ने के लिए अच्छा है।
ब्लड शुगर में लाभकारी
ब्लड शुगर स्तर को कम करने के लिए अल्फा-अल्फा अच्छा है। यह डायबिटीज दूर करने का प्राकृतिक उपचार है।
किडनी की पथरी में फायदेमंद
अल्फा-अल्फा में विटामिन ए, सी, ई और जिंक होता है, जोकि किडनी की पथरी को गलाकर निकालने में सहायक होता है। यह विटामिन एवं मिनरल अल्फा-अल्फा पाउडर एवं स्प्राउट में पा सकते हैं।
गंजेपन एवं बाल झड़ने को रोकने का प्राकृतिक उपचार
पोषक तत्वों से समृद्ध अल्फा-अल्फा रस को समान मात्रा में गाजर और सलाद (स्मजजनबम) पत्तों के रस में मिलाकर रोज बालों में लगाइए। इसका रस बालों के विकास एवं बाल के झड़ने को रोकने में मदद करती है।
मासिक धर्म समस्याओं में लाभकारी
अल्फा-अल्फा में एस्ट्रोजेनिक गुण होने से यह महिलाओं में मासिक धर्म में होने वाले लक्षणों और दर्द को कम करने का बहुत ही प्रभावी होता है।
सांस रोग में लाभप्रद
अल्फा-अल्फा का जूस क्लोरोफिल का बढ़िया स्रोत है इसलिए यह श्वसन संबंधी समस्याओ के उपचार में बढ़िया होता है। सांस की परेशानी मुख्यतः फेफड़ो और साइनस से होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए इसके जूस का उपयोग होता है।
उच्च रक्तचाप में फायदेमंद
अल्फा-अल्फा कठोर धमनियों को नरम करने में सहायक है जिससे उच्च रक्तचाप प्राकृतिक रूप से कम होता है।
पेट रोगों में लाभकारी
नियमित रूप से थोड़ी मात्रा में अल्फा-अल्फा बीजों के सेवन से पेट संबंधी रोगों से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्युनिटी बढ़ती है। इसका प्रयोग चाय के रूप में भी किया जा सकता है।
मोटापा कम करने में सहायक
अल्फा-अल्फा स्प्राउट्स स्वस्थ एवं स्वादिष्ट होने के साथ-साथ आदर्श कम कैलोरी आहार है, जोकि चीनी, वसा, संतृप्त वसा अथवा कोलेस्ट्रॉल रहित है। साथ ही कुरकुरा खाद्य फाइबर तथा प्रोटीन से भरपूर है इसीलिए इसके सेवन से परिपूर्णता का अनुभव लंबे समय तक होता रहता है।
सफेद दाग का उपचार
सौ ग्राम रिजका में ककडी का रस मिलाकर पीने से सफेद दागों में बहुत लाभ होता हैं।
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