नोटबंदी के बाद अब गुजरात में आया गोबरबंदी का अजब फरमान
अब बड़े पशु सड़क पर कर सकेंगे केवल 3 कि.ग्रा. गोबर
जी हां, आपने जो भी पढ़ा बिल्कुल सही पढ़ा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के काला धन बाहर आने की नोटबंदी योजना के बाद गुजरात मेें एक अजब फरमान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि अब बड़े पशु सड़कों पर केवल 3 कि.ग्रा. गोबर ही कर पाएंगे। चलिए जानते हैं इस फरमान को...
गुजरात की अमरेली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत बेहद अजीबोगरीब फरमान जारी कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि सड़क पर कोई भी पशु अब 3 किलो से अधिक गोबर नहीं कर सकता है। बछड़ा-पाड़ा जैसे पशुओं के लिए यह सीमा एक कि.ग्रा. निश्चित की गई। इसमें आगे कहा गया है कि आवारा पशु भी पहले से निश्चित जगह पर ही गोबर करेंगे। यदि वह कहीं और गोबर करते हैं तो नियम के मुताबिक कार्रवाई होगी। यह व्यवस्था 1 दिसंबर 2016 की आधी रात से लागू कर दी गई है। कुछ लोगों का ऐसा कहना है कि केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को हास्यास्पद ठहराने की दृष्टि से यह फरमान लाया गया है। चूंकि अमरेली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन पर कांग्रेस का कब्जा है।
चलिए आपको इस नियम के बारे मंे विस्तार से बताते हैं। 1 दिसंबर 2016 को जारी ‘स्वच्छ शहर, स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत’ शीर्षक से जारी आदेश पर अमरेली के म्यूनिसपल कॉर्पोरेशन प्रमुख के हस्ताक्षर हैं। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार के महात्मा गांधी स्वच्छ भारत अभियान के तहत अमरेली शहर में आवारा घूमने वाले पशुधन के गोबर करने से होने वाली गंदगी से लोगों को छुटकारा दिलाने हेतु यह आदेश लाया गया है। स्थानीय लोगों से अपील करते हुए कहा गया है कि स्वच्छ भारत अभियान के समर्थन में नगर पालिका के इस आदेश को मानें।
इस आदेश में कानून तोड़ने वालों के लिए सजा का भी प्रावधान किया गया है। इसके लिए सार्वजनिक स्थानों पर पशुओं द्वारा किए गए गोबर की तौल हेतु अलग से फ्लाइंग स्कॉड बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, इस ऑर्डर को लागू करने के लिए विस्तार से नियम स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श के बाद आने वाले दिनों में बनाए जाएंगे। आदेश के उल्लंघन पर सजा का प्रावधान भी रखा गया है। इसमें बताया गया है कि यदि कोई पशु निश्चित सीमा से अधिक गोबर करेगा तो पशु के मालिक को गधे पर उल्टा बिठाकर शहर में घुमाया जाएगा।
परेशभाई धानाणी (कांग्रेस विधायक, अमरेली) की माने तो अगर नोटबंदी से कालाधन बाहर आ सकता है, तो गोबरबंदी से स्वच्छता क्यों नहीं आ सकती? स्वच्छता के लिए यह कठोर निर्णय है। इस निर्णय का विरोध केवल कालामन और कालाधन वाले कर रहे हैं। यह हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का सपना साकार करने की कोशिश है। नोटबंदी से कालाधन बाहर आएगा, तो गोबरबंदी से स्वच्छता।
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