शनिवार, 26 सितंबर 2015

गूगल उतरेगी अब 
हेल्थकेयर सैक्टर में 


विश्व के प्रमुख एवं बड़े सर्च इंजन ‘‘गूगल’’ को कौन नहीं जानता होगा? खासकर तकनीक एवं कंप्यूटर से जुड़े लोग तो विशेषरूप से गूगल की सेवाओं का उपयोग करते ही रहते होंगे। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि गूगल ने अपने को यही तक सीमित नहीं रखा है। भविष्य की सोच को समझकर गूगल अनेक तकनीकों पर कार्य कर रही है। इसमें प्रमुख रूप से शामिल है हेल्थकेयर सेक्टर। इस अरबों डॉलर के सेक्टर में भी गूगल डायबिटिज, एंटी एजिंग आदि क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जोकि जनसाधारण से जुड़ा हुआ है।
डायबिटिज को तो लगभग सभी जानते होंगे लेकिन एंटी एजिंग से अधिकांश लोग अनजान होेगे, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गूगल अपने बायोटेक वेंचर ‘कैलिको’ के द्वारा एंटी एजिंग थैरेपी पर कार्यरत है। यह विशेषरूप से बुढ़ापे और उसकी बीमारियो पर अंकुश लगाने के नए शोध करने से संबंधित है। लेरी पेज (संस्थापक, गूगल) ने इस बारे में हाल में कहा है कि हम चाहते हैं कि मनुष्य कम से कम सौ वर्षों तक जीवित रहें।
विशेषज्ञों की माने तो एंटी एजिंग का बाजार 300 बिलियन डॉलर का है। 2013 में बनी एवं सैन फ्रांसिस्को (कैलिफोर्निया) में स्थित कैलिको या कैलिफोर्निया लाइफ गूगल की इंडिपेंडेंट रिसर्च एंड डवलपमेंट बायोटेक कंपनी है। अमेरिकी बिजनेसमैन आर्थर डी लेविनसन इसके सीईओ हैं। इसका उद्देश्य मानव आयु को बढ़ने से रोकना व बुढ़ापे के रोगों पर अंकुश लगाना है।
इसके अलावा, गूगल स्मार्ट कॉन्टैक्ट लैंस पर भी काम कर रही है। यह स्मार्ट कॉन्टैक्ट लैंस यूजर्स की आखों की रोशनी को बढ़ाने के अलावा भी अनेक दूसरे काम करेगा।
गूगल डायबिटीज के मरीजों के लिए भी स्मार्ट कॉन्टैक्ट लैंस बना रहा है। यह आंखों के आंसुओं से ही ब्लड में शुगर की मात्रा को चैक कर सकेगा। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि रोगियों को सुई की दर्द से छुटकारा मिलेगा। इसक लिए गूगल नोवार्टिस फार्मास्युटिकल कंपनी के साथ मिलकर काम कर रही है। इसके लिए उसे मार्च 2015 में पेटेंट भी मिल चुका है। इस स्मार्ट कॉन्टैक्ट लैंस का सेंसर आंसुओं के संपर्क में आते ही शुगर लेवल का एनालिसिस कर उसकी रिपोर्ट संबंधित ऐप पर भेज देगा। 

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