एक जानकारी देकर पाएं 15 लाख रुपए तक का सरकारी इनाम
किसी ने सच ही कहा है कि ‘‘पैसा ही है सबकुछ ऐसा तो नहीं, है खुदा से कम ऐसा भी नहीं।’’ मनुष्य के कर्म कहीं न कहीं पैसा कमाने से जुड़े ही होते हैं। यदि आपको यह कहा जाए कि आप भारत सरकार को मात्र एक जानकारी देकर 15 लाख रुपए कमा सकते हैं तो आपको आश्चर्य होना स्वाभाविक है। जी हां, यह बिल्कुल सच है। आपको करना भर इतना है कि यदि आपके पास टैक्स चोरों की जानकारी है तो आपको यह जानकारी सरकार को देनी होगी।वास्तव में सरकार इस तरह से टैक्स चोरी करने वालों पर इसलिए पकड़ बनाना चाहती है चूंकि वर्ष 2013-14 में देश-विदेश में 7,800 करोड़ रुपए की ब्लैकमनी का पता लगाया गया है। वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) की कार्यवाही में इस अवधि में आयकर विभाग ने 7,078 करोड़ रुपए की अन-अकाउंटेड पैसे की जानकारी प्राप्त की।
वहीं, कस्टम ड्यूटी व सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट ने 750 करोड़ रुपए का पता लगाया। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भी 20 करोड़ रुपए से जुड़े अपराध की जानकारी प्राप्त की है तथा 17 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त भी किया है। एफआईयू द्वारा बनाई गई इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस द्वारा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 163 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की और सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट ने इस अवधि में 17 करोड़ रुपए की कीमत की संपत्ति सील कर दी। वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक एफआईयू की ओर से पिछले वर्ष कुल 7,848 करोड़ रुपए का पता लगाया गया है।
आपको बताते चले कि इसीलिए भारत सरकार ने टैक्स चोरों को पकड़ने का यह नया तरीका अपनाया है। वित्त मंत्रालय के अनुसार इस कदम से सरकार की मंशा यह है कि इससे बड़े टैक्स चोरों को पकड़ने में सफलता मिल सकती है। सरकार द्वारा इस श्रेणी में टीडीएस तथा सेल्फ एसेसमेंट टैक्स को भी सम्मिलित किया गया है। दूसरी ओर, सर्विस टैक्स विभाग द्वारा टेलिकॉम व प्रॉपर्टी किराए आदि पांच प्रमुख सेक्टर्स की ओर ध्यान देने का फैसला किया गया है।
सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट की माने तो मैनपावर रिक्रूटमेंट व सिक्युरिटी एजेंसियों, एविएशन ऑपरेशन, वक्र्स कॉन्ट्रैक्ट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर्स सबसे अधिक टैक्स चोरी वाले क्षेत्र हैं। एक वरिष्ठ विभागीय अधिकारी के अनुसार, टैक्स कलेक्शन में सुधार करने के लिए सर्विस टैक्स विभाग द्वारा पांच प्रमुख क्षेत्रों की अलग-अलग प्रोफाइलिंग की गई है। इसका लक्ष्य सर्विस टैक्स ऑडिट और रिटर्न की जांच में सहायता करना है। सेक्टर केंद्रित प्रोफाइलिंग सर्विस टैक्स रिटर्न की मैनुअल स्क्रूटनी के अतिरिक्त है, जो 1 अगस्त से शुरू की गई है।
ऐसे लोगों की विस्तृत मैनुअल रिटर्न स्क्रूटनी होगी, जिन्होंने 2014-15 में 50 लाख रुपए से कम कुल टैक्स का भुगतान किया है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2.09 लाख करोड़ रुपए से अधिक सर्विस टैक्स इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा है। यद्यपि अप्रैल से जुलाई में सर्विस टैक्स रेवेन्यू 20.1 प्रतिशत बढ़कर 60,925 करोड़ रुपए रहा है।
जैसाकि सरकारी नियम है कि सूचना देने वालों को कुल बकाया टैक्स राशि से 10 प्रतिशत हिस्सा या अधिक का इनाम दिया जा सकता है। पिछले सप्ताह इनकम टैक्स विभाग द्वारा देश में फैले अपने सभी आफिसों में इनकी गाइडलाइन्स जारी कर दी गई है। इसमें कहा गया है कि घोषित टैक्स चोरों के खिलाफ सूचना देने वाले को उस इकाई या व्यक्ति से मिले टैक्स का 10 फीसदी इनाम के रूप में दिया जाएगा, लेकिन इसके लिए अधिकतम सीमा 15 लाख रुपए तय की गई है।
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