मस्तिष्क के बारे में इन बातों को नहीं जानते होंगे आप
- हमारे शरीर की तरह दिमाग में भी 75 प्रतिशत पानी होता है।
- मस्तिष्क में विचार आने पर मस्तिष्क में एक नेटवर्क बनता है। एक जैसे विचार या घटनाएं फिर से उसी नेटवर्क को सक्रिय कर देती हैं।
- अक्सर जब हम किसी को उबासी लेते देखते हैं तो हमें भी उबासी आ जाती है क्योंकि हमारे मस्तिष्क में कुछ ऐसी कोशिकाएं हैं जो शीशे की तरह कार्य करती हैं। यह हमें मेलजोल बढ़ाने को भी प्रेरित करती हैं।
- सामान्यतः हमारे मस्तिष्क में लगभग 70 हजार विचार आते हैं जिनमें से बहुत सारे विचार बार-बार आते हैं।

- हमारे दिमाग को दर्द महसूस नहीं होता है। सिर दर्द में नसों व पेशियों में दर्द का आभास नहीं होता है। अतः आप सिरदर्द के लिए अपने को दिमाग जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते।
- हमारे दिमाग की बहुत सारी रक्त वाहिनियां इतनी लम्बी होती हैं कि यदि इनको एक साथ नापा जाए तो इनकी लंबाई लगभग एक लाख मील तक होती है।
- तनाव में रहने से आपके दिमाग की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। तनाव से मस्तिष्क में ऐसे हार्मोन्स बनते हैं जो थोड़े समय में ही मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट कर सकते हैं।
- मानसिक स्थिति का शरीर पर भी प्रभाव पड़ता है। प्यार में पड़ने या स्त्रियों के मां बनने पर मस्तिष्क में ऑक्सीटॉक्सिन रसायन पैदा होता है जोकि किसी दूसरे व्यक्ति के साथ अथवा माँ अपने बच्चों के साथ गहरा संबंध बना पाती हैं।

- कहा जाता है कि मनुष्य अपने दिमाग का मात्र 10 फीसदी ही इस्तेमाल करता हैं पर यह भ्रांति है। चूंकि मस्तिष्क के प्रत्येक भाग का एक सुनिश्चित काम है। उस काम के लिए दिमाग का हर भाग इस्तेमाल किया जाता है।
- मस्तिष्क का वजन तो मात्र सवा से डेढ़ किलो है पर इसमें अपार रहस्य छिपे हैं।
- दिमाग में सौ अरब न्यूट्रॉन या एक खरब एकल कोशिकाएं होती हैं। सबके काम अलग हैं जैसेकि अचानक डर लगने पर मस्तिष्क के एक भाग के न्यूट्रॉन सक्रिय होते हैं व 400 कि.मी./प्रतिघंटा की गति से इलेक्ट्रिक सिग्नल भेजने लगते हैं।
- एक निश्चित आयु के बाद हमारे दिमाग का वजन घटने लगता है। हर वर्ष लगभग एक-दो ग्राम एकल कोशिकाएं मरने लगती हैं।
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