मंगलवार, 8 सितंबर 2015

डाॅलर-आखिर क्यों है विश्व की शक्तिशाली मुद्रा 


हाल ही में ऐसी खबरें आ रही हैं कि अमेरिकी मुद्रा डॉलर के मुकाबले हमारा रुपया निरंतर कमजोर होता जा रहा है। गत दिनों तो रुपया गिरकर एक डॉलर के मुकाबले 66.80 तक जा पहुंचा। हमारा रुपया ही नहीं अनेक देशों की दूसरी मुद्राओं जैसे येन, युआन, यूरो, पाउंड का आंकलन भी डॉलर से ही लगाया जाता है और विश्व में व्यापार भी डॉलर से होता है। इसीलिए इसे अंतरराष्ट्रीय करंसी भी माना जाता है। अतः डॉलर विश्व की शक्तिशाली मुद्रा कही जाती है। इसके पीछे अनेक कारण हैं जिनमें से कुछ प्रमुख हैंः
सोनाः विश्व में सर्वाधिक सोना अमेरिका से ही निकालता है। किसी राष्ट्र द्वारा सोना खरीदने पर अमेरिका डॉलर में ही भुगतान चाहता है। विवश होकर अन्य राष्ट्रों को भी इसे मानना पड़ता है।
तेलः अरब देशों जैसे इराक, ईरान आदि में तेल निकलना हो या शेल टेक्नोलॉजी से तेल उत्पादन सभी में अधिकंाश अमेरिकी कंपनियां  अग्रणी हैं जोकि डॉलर में ही भुगतान चाहती हैं।
अस्त्र-शस्त्रः विश्व में हथियार निर्माता अधिकांश बड़ी कंपनियां अमेरिका की ही हैं। ऐसे में, जब किसी देश को अस्त्र-शस्त्र की जरूरत पड़ती है तो वह अमेरिका की शरण में ही जाने को मजबूर हो जाता है और हथियारों के बदले डॉलर में पेमेंट करना पड़ता है।

डाॅलर के बारे में रोचक जानकारीः
1. नेशनल डॉलर डे 08 अगस्त को मनाया जाता है। चूंकि 8 अगस्त 1786 को वहां की सरकार ने अमेरिकी मौद्रिक प्रणाली स्थापित की थी।
2. 1862 में एक डॉलर का पहला नोट छापा गया।
3. आरंभ में डॉलर पर जॉर्ज वाशिंगटन के स्थान पर राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के अधीन रहे मुद्राकोष के सचिव सेलमोन पी. चैस की फोटो को प्रकाशित किया जाता था।
4.1929 के पूर्व प्रकाशित डॉलर का आकार आज के डॉलर की अपेक्षा में बड़ा था जिसकी लंबाई 7.5 इंच व चैड़ाई 3 इंच होती थी। 1929 में इसमें परिवर्तन किया गया और उसके आकार को छोटा किया गया, जो आज दिखाई देता है।
5. डॉलर को छापने के लिए कपड़े का प्रयोग किया जाता है, जिसमें 75 प्रतिशत कॉटन तथा 25 प्रतिशत लिनन होता है।
6. डाॅलर बनने के पूर्व इस पेपर को 8 हजार बार फोल्ड किया जाता है।
7. डॉलर आपको बीमार भी कर सकता हैं, चूंकि इसमें खतरनाक बैक्टीरिया हो सकते हैं।
8. 19वीं शताब्दी के अंत में अमेरिकी नोट के इतिहास में एक दो डॉलर के नोट पर मात्र एक बार महिला, जॉर्ज वाशिंगटन की पत्नी मार्था की, फोटो प्रकाशित हुई थी।
9. अमेरिका के कुल नोटों में 45 प्रतिशत एक डॉलर के ही नोट होते हैं, जिनपर जॉर्ज वाशिंगटन के चित्र प्रकाशित होते हैं।

10. इस समय 100 डॉलर के नौ अरब नोट व्यापार के चलन में हैं। इनपर बेन्जामिन का चित्र छापा है, जोकि अमेरिकी संस्थापकों में से हैं। इनमें से भी करीब दो-तिहाई दूसरे देशों में हैं। 100 डॉलर के नोट कुल नोटों में मात्र 7 प्रतिशत ही होते हैं। इसका वितरण न्यूयॉर्क रिजर्व कैश ऑफिस से होता है। 10 डॉलर के नोट पर अलेक्जेंडर हेमिल्टन की फोटो होती है।
11. एक लाख डॉलर का नोट 1934 में फेडरल नोट प्रेस द्वारा प्रकाशित किया गया जिसपर अमेरिकी राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन का चित्र प्रकाशित हुआ। वह अभी तक का सर्वाधिक मूल्य वाला नोट था। इसका उपयोग रिजर्व बैंक के आंतरिक लेन-देन के किया जाता था। इसी कारण इसका उत्पादन केवल 25 दिन तक किया गया।
12. अमेरिकी बैंकों द्वारा उन नोटों को वापिस ले लिया जाता है जो कट-फट जाते हैं, अधिक पुराने हो जाते हैं या फिर जिनकी छपाई में कमियां रह जाती हैं। प्रतिवर्ष ऐसे करोड़ों नोट नष्ट किए जाते हैं। 

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