22 वर्षीय इस युवक ने खड़ा कर दिया करोड़ों का व्यवसाय
देश-विदेश में बना चुका है अपनी धाक
बचपन में एक मशहूर फिल्मी गाना था जिसके बोल थे, ‘‘पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब, जो खेलोगे कूदोगे तो होंगे खराब।’’ हो सकता है गीतकार ने उस समय की सामाजिक स्थिति के हिसाब से ऐसे बोल लिखे हो पर आज की स्थिति में अनेक ऐसी हस्तियों ने साबित कर दिया है कि पढ़ाई के अतिरिक्त भी बहुत से क्षेत्र हैं जिसमें अपनी प्रतिभा से लोहा मनवाया जा सकता है। सचिन तेंदुलकर ऐसा ही एक बहुत ही बड़ा उदाहरण हमारे सामने हैं। इसी तरह के एक अन्य नवयुवक हैं लुधियाना(पंजाब) के त्रिशनित अरोड़ा हैं जिन्होंने केवल 22 वर्ष की उम्र में करोड़ों का व्यवसाय देश से विदेश तक खड़ा कर दिया है। दुबई व यूके में उनके वर्चुअल ऑफिस है। लगभग 40 प्रतिशत क्लाइंट्स इन्हीं ऑफिसेस से डील करते हैं। विश्व में 50 फॉर्च्यून व 500 कंपनियां क्लाइंट हैं। फिलहाल त्रिशनित अपनी कंपनी के बिजनेस को यूएस तक ले जाना चाहते हैं। यही नहीं उनका सपना है कि कंपनी का टर्नओवर दो हजार करोड़ रुपए तक पहुंचे।
त्रिशनित की शुरू से ही कम्प्यूटर में गहन रुचि रही। यही कारण है कि वह अपनी पढ़ाई पर न तो ध्यान दे पाए और न ही परीक्षा में पास हो पाए। घर वालों के लाख समझने पर भी यह न माने। कुछ अलग, पर अपने मन मुताबिक करने की ललक ने इन्हें 22 वर्ष की उम्र में करोड़ों का मालिक बना दिया हैं। त्रिशनित की माने तो आठवीं कक्षा में ही उन्हें कम्प्यूटर व एथिकल हैकिंग में दिलचस्पी हो गई थी। इसलिए कम्प्यूटर व हैकिंग की लगातार नई जानकारियां एकत्र की। आरंभ में लोग उनपर हंसते थे व गंभीरता से नहीं लेते थे। पर उन्होंने अपने काम के बल पर दिखा दिया कि कैसे विभिन्न कंपनियों का डाटा चुराया जा रहा है व फिलहाल हैकिंग के क्या तरीके प्रयोग में लाए जा रहे हैं। धीरे-धीरे लोगों व कंपनियों ने उनकी प्रतिभा को पहचाना।
अभी एक वर्ष पूर्व ही उन्होंने टीएसी सिक्युरिटी नामक साइबर सिक्युरिटी कंपनी बनाई है। इतना ही नहीं वह ‘हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा’ ‘दि हैकिंग एरा’ एवं ‘हैकिंग विद स्मार्ट फोन्स’ पुस्तकें भी लिख चुके हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि आज त्रिशनित रिलायंस, सीबीआई, पंजाब पुलिस, गुजरात पुलिस, अमूल और एवन साइकिल आदि कंपनियों को साइबर से संबंधित सेवाएं दे रहे हैं। आप कहेंगे जैसे तो चलिए हम आपको बता देते हैं कि त्रिशनित एथिकल हैकर (नेटवर्क या सिस्टम इन्फ्रास्ट्रक्चर की सिक्युरिटी इवैल्युएट की जाती है) का काम करते हैं। सर्टिफाइड हैकर्स इसकी निगरानी करते हैं ताकि कोई नेटवर्क या सिस्टम (कम्प्यूटर) इन्फ्रास्ट्रक्चर की सिक्युरिटी तोड़कर कॉन्फिडेन्शियल चीजें न तो उड़ा सके और न ही वायरस या दूसरे मीडियम्स द्वारा कोई हानि पहुंचा सके।
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