पाकिस्तान से बड़ी महाराष्ट्र की इकॉनमी
भारतीय राज्यों की दौड़: कौन बनेगा पहला ट्रिलियन डॉलर का दावेदार?
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, और 2027 तक इसके 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसी क्रम में, देश के विभिन्न राज्य भी 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दौड़ में शामिल हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, और तमिलनाडु प्रमुख राज्यों में से हैं जो इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अग्रसर हैं।
महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था का आकार 439 अरब डॉलर है, जो पाकिस्तान की 338 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था से कहीं अधिक है। राज्य का औद्योगिक उत्पादन देश में सबसे ज्यादा है और मुंबई को देश की आर्थिक और वित्तीय राजधानी माना जाता है। राज्य की जीडीपी में महाराष्ट्र का योगदान 13.24% है। महाराष्ट्र सरकार ने 2030 तक अपनी अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए राज्य की अर्थव्यवस्था को 11% की दर से बढ़ना होगा।
तमिलनाडु: औद्योगिक विकास का केंद्र
तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था 294 अरब डॉलर है और राज्य सरकार ने 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य निर्धारित किया है। तमिलनाडु में देश की सबसे अधिक फैक्ट्रियाँ हैं और यह ऑटोमोबाइल, टैक्सटाइल, लेदर, फार्मा, कैमिकल, और प्लास्टिक उद्योगों में अग्रणी है। देश की जीडीपी में तमिलनाडु का योगदान 8.82% है।
उत्तर प्रदेश: कृषि से लेकर सेवाओं तक
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था 281 अरब डॉलर है और राज्य ने 2027 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राज्य को अपनी जीडीपी ग्रोथ 32% तक ले जानी होगी। वर्तमान में राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि का 23%, मैन्युफैक्चरिंग का 27%, और सेवाओं का 50% योगदान है। देश की जीडीपी में यूपी का योगदान 8.41% है।
कर्नाटक: इनोवेशन और स्टार्टअप्स का हब
कर्नाटक की अर्थव्यवस्था 279 अरब डॉलर है और राज्य ने 2027 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। कर्नाटक को ग्लोबल इनोवेशन और स्टार्टअप्स का हब माना जाता है, और यहां बायोटेक्नोलॉजी, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है। देश की जीडीपी में कर्नाटक का योगदान 8.36% है।
गुजरात: व्यापार और उद्योग का गढ़
गुजरात की अर्थव्यवस्था 277 अरब डॉलर है और राज्य ने 2027 तक अपनी जीडीपी को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राज्य को 14.5% की दर से विकास करना होगा। गुजरात में ऑटो, फार्मा, केमिकल, टेक्सटाइल, और पेट्रोलियम उद्योगों का वर्चस्व है। देश की जीडीपी में गुजरात का योगदान 8.25% है।
कौन जीतेगा रेस?
ग्रोथ की दृष्टि से कर्नाटक 6.2% की दर से सबसे आगे है, इसके बाद गुजरात 6.1% पर है। तमिलनाडु की ग्रोथ दर 5.3%, उत्तर प्रदेश की 4.7%, और महाराष्ट्र की 3.8% है। उच्च ग्रोथ रेट को देखते हुए, कर्नाटक और गुजरात के अगले 22 वर्षों में 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि महाराष्ट्र को इस मुकाम तक पहुंचने में 28 साल का समय लग सकता है।
इन राज्यों की आर्थिक प्रतिस्पर्धा भारत की समग्र आर्थिक प्रगति को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यदि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती है, तो यह समीकरण बदल सकता है। इस दौड़ में कौन आगे निकलेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
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