आसमान से गिरने वाली बिजली कहां और कब गिरेगी
पता लग सकेगा आपको आधा घंटे पहले ही
आपने बारिश के मौसम में चमचमाती तेज आवाज के साथ सर्पाकार आकाशीय बिजली को तड़तड़ाते देखा है। आकाश में चमकने वाली इस बिजली को तड़ित कहते हैं। साधारणतया इसमें 17,000 से 27,0000 डिग्री से. ताप होता है, जोकि सूर्य की सतह से तीन से पाँच गुना ज्यादा है। यही कारण है कि गत हजारों वर्षों से मनुष्यों एवं पशुओं को अपने प्राण खोने पड़ते हैं। अब स्विट्जरलैंड में ईपीएफएल (इकोल पॉलीटेक्निक फेडरल डि लौसाने) के अनुसंधानकर्ताओं ने फरहाद रशीदी के नेतृत्व में मौसम संबंधी डॉटा और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित सरल एवं सस्ती पद्धति विकसित की गई है, जोकि 30 किलोमीटर की सीमा में कहीं भी बिजली गिरने का पूर्वानुमान आधा घंटा पहले ही लगा सकती है। इस सन्दर्भ में व्यापक शोध अंतराष्ट्रीय जर्नल क्लाइमेट एंड एटमॉस्फियरिक साइंस में प्रकाशित हुआ है। यह तकनीक मशीन लर्निंग एल्गोरिथ्म की मदद से बिजली गिरने का पूर्वानुमान लगा सकती है। इसके लिए यह 4 तरह के मापदंडों पर निर्भर करती है-1. वायुमंडलीय दबाव, 2. हवा के तापमान, 3. सापेक्ष आर्द्रता और 4. हवा की गति। बिजली गिरने की परिस्थितियों से सम्बन्धी शर्तों की इन मापदंडों के आंकड़ों से मिलान करने पर उसके विश्लेषण से बिजली के बनने और गिरने के स्थान का पता लगाया जा सकता है। अध्ययन के अनुसार एक बार सिस्टम द्वारा इन सबका विश्लेषण कर लेने के बाद इसके द्वारा लगाया गया पूर्वानुमान 80 प्रतिशत तक सही पाया गया।
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