गुरुवार, 11 अगस्त 2016

सरकारी इंजीनियर ने नौकरी छोड़ की एलोवेरा खेती
जिसने बना दिया उसे करोड़पति 


अगर आपसे कोई कहे कि एक जूनियर इंजीनियर ने सरकारी नौकरी छोड़ खेती करने की ठानी और वही आइडिया इतना हिट हुआ किया आज वह करोड़पति है तो आपको शायद ही यकीन हो लेकिन यह सच है। हर इंसान की तरह राजस्थान के जैसलमेर निवासी हरीश के लिए भी नौकरी छोड़ना कठिन और किसान बनना चुनौती भरा था। चूंकि आए-दिन घाटे का सौदा साबित होती कृषि और आत्महत्या करते किसान की खबरे उनतक भी पहुंच चुकी थी। इतना ही नहीं दूसरे किसान ने भी उनसे खेती से दूर रहने की बातें कहीं पर धनदेव ने अपने श्रम और दूरदर्शिता से वह कर दिखाया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी।

हरीश का पुश्तैनी व्यवसाय कृषि था। इसके बावजूद हरीश को जैसेलमेर म्युनिसिपल काउंसिल में जूनियर इंजीनियर की नौकरी मिल गई पर उसमें उनका मन न रमा। इसी दौरान उनकी मुलाकात बीकानेर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के एक सज्जन से हुई। उन्होंने हरीश को एलोवेरा की खेती करने को कहा। फिर दिल्ली में आयोजित खेती-किसानी एक्सपो में हरीश को नई तकनीक की जानकारी मिली। अब हरीश ने एलोवेरा की कृषि का निर्णय लिया। हरीश बीकानेर पहुंचे और एलोवेरा के 25 हजार प्लांट लेकर जैसलमेर आ गए। एलोवेरा खेत में लगाते समय अनेक लोगों ने कहा कि इसमें कायमाबी नहीं मिलेगी पर हरीश की मार्केटिंग स्किल ने सफलता कायम की।

हरीश की माने तो 2013 के आखिर में 10 बीघे से शुरू की गई एलोवेरा की खेती आज 700 सौ बीघे में फैल चुकी है जिसमें कुछ अपनी जमीन पर है तो बाकी लीज पर। फिर जयपुर की कुछ एजेंसियों ने एलोवेरा के पत्तों की बिक्री का एग्रीमेंट किया। बाद मेें सेंटर पर ही एलोवेरा लीव्स से पल्प निकालना शुरु किया। हरीश बताते हैं कि धीरे-धीरे खेती बढ़ी तो मैंने पतंजलि को मेल भेजकर बताया। पतंजलि का प्रतिनिधि आया। फिर तो चीजें ही नहीं आमदनी भी बदली। साथ हम अधिक प्रोफेशनल ढंग से काम करने लगे। हरीश लगभग डेढ़ वर्षों से  एलोवेरा पल्प की सप्लाई पतंजलि को कर रहे हैं।

देश और विदेश की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए हरीश ने जैसलमेर से 45 किलोमीटर दूर धहिसर में अपनी कंपनी ‘नेचरेलो एग्रो’ बना ली है जिसका सालाना टर्नओवर करोड़ों में जा पहुंचा। इतना ही नहीं उन्होंने आधुनिक प्रोसेस यूनिट भी लगा लिया है। हरीश का कहना है कि हम विशेषकर उत्पाद की क्वालिटी कंट्रोल पर फोकस करते हैं। आज हरीश करोड़ों किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुके हैं।

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