मंगलवार, 9 अगस्त 2016

विदेशी तर्ज पर आधुनिक डेरी फार्म ने बदल डाली गांव की तस्वीर
 गांव के सभी घरों तक मुफ्त बायोगैस


किसी ने सच ही कहा है जहां चाह वहां राह। इसी तर्ज पर पंजाब के बहादुरपुर गांव के लोगों ने अपने गांव की ऐसी तस्वीर बदली कि वह बड़े शहरों तक को पीछे छोड़ता दिख रहा है। पहले जहां गांववाले एलपीजी सिलैंडर और कृषि के लिए उर्वरक खरीदते थे। वहीं आज यह गांव वाले इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन चुके हैं। सभी घरों में पाइप द्वारा बायोगैस की मुफ्त सप्लाई, शुद्ध पीने का पानी, सीवरेज, कंक्रीट की पक्की गलियां बनाई गई हैं। इसीलिए बेस्ट विलेज और बेस्ट पंचायत के तहत इस गांव को केंद्र सरकार की ओर से पांच लाख रुपए भी मिल चुके हैं।

गांव के विकास में आर.एस. फार्म और उसके मालिक दिलबार सिंह बारा और उसके भाइयों बलवीर सिंह तथा प्रीतम सिंह का विशेष योगदान रहा है। दिलबार की माने तो उन्होंने बहरगामों गांव (इटली) की तर्ज पर गांव विकसित किया है। तीनों भाइयों ने अपने खानदानी व्यवसाय को आगे बढ़ाते हुए वर्ष 2010 में दस गायों से डेरी फार्म की शुरूआत की और दूध की सप्लाई का काम करने लगे। इससे पहले उन्होंने विदेशों जैसेकि दुबई, इटली, यूरोप, साइप्रस आदि देशों में भी जाकर कृषि और डेरी फार्म की जानकारी ली। गांव आकर उन्होंने डेरी व्यवसाय को बढ़ावा दिया। उनका सपना था कि विदेशों में हमारे गांवों का दूध बिके। आज आर.एस. डेरी फार्म में 150 से अधिक गायें हैं। दिलबार सिंह बारा की माने तो वह डेरी फार्म के लिए अपनी फीड तैयार करते हैं, दूध, दही, लस्सी, मिठाई, पनीर आदि दुग्ध उत्पाद तैयार करते हैं। अभी यह दूध शहरों में सप्लाई होता है, पर शीघ्र ही इसे विदेशों तक पहुंचाया जाएगा।

आर.एस. डेरी फार्म में लगभग 150 दुधारू पशु हैं। गोबर गैस बनाने के लिए गांव में 65-65 मीटर के दो बायोगैस प्लांट बनाए हैं। इससे बनने वाली बायोगैस की सप्लाई घरों में फ्री की जाती है। गोबर गैस के बाद जो स्लरी बचती है, उसका प्रयोग खेतों में खाद के रूप में होता है।

गांव, आर.एस. डेरी और विकास के कार्य को आप निम्नलिखित लिंक्स पर जाकर स्वयं अपनी आंखों से देख सकते हैं। कृपया आर.एस. डेरी फार्म और गांव की बदलती तस्वीर को जरूर देखें:-



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