मेडिकल छात्र का देखें कमाल
गर्म मौसम में भी उगा डाला केसर
कमाई है लाख रुपए महीना
अब तक माना जाता रहा है कि केसर यानि क्रोकस साटिवस ठंडा, सूखा और धूप जलवायु पसंद फसल है तथा यह समुद्र स्तर से ऊपर 1500 से लेकर 2500 मीटर ऊंचाई में बढ़ता है। लेकिन इस मान्यता को अब 26 वर्ष के संदेश पाटिल ने बदल डाला है। संदेश ने ठंडे प्रदेश में होने वाली केसर को जलगांव (महाराष्ट्र) के गर्म क्षेत्र में उगाकर भूगोल को बदल डाला है।
हुआ यूं कि संदेश ने अपनी मेडिकल (बीएएमएस) पढ़ाई को बीच में ही छोड़कर जिद पकड़ ली कि वह अपने खेतों में केसर की खेती करेगे। इसी का नतीजा है कि केवल साढ़े पांच महीने में वह पांच लाख रुपए से अधिक लाभ कमा चुके हैं। यह बात दूसरी है कि इस काम को करने के लिए उन्हें अपने स्थानीय और परंपरागत फसल के तरीकों में बदलाव करना पड़ा। यह सब करने के लिए उन्होंने कृषि विशेषज्ञों एवं इंटरनेट से खेती की जानकारी ली।
केसर की खेती करने के पीछे एक कारण यह भी था कि जलगांव में केला एवं कपास आदि स्थानीय और परंपरागत फसलों की खेती होती थी जिससे किसानों को विशेष लाभ नहीं होता था। मजबूर होकर संदेश ने फसलों में नए तरीके के प्रयोग करने की ठानी। सबसे पहले संदेश ने मिट्टी की उर्वरक शक्ति का अध्ययन किया और फिर उसको बढ़ाकर कृषि पद्धति में नए प्रयोग करने की ठानी और राजस्थान में हो रही केसर की खेती की जानकारी इंटरनेट से प्राप्त की। जानकारी प्राप्त करके संदेश ने अपने परिवार को बताया। उनके पिता एवं चाचा इनके विरुद्ध थे पर वह उनकी जिद एवं लगन को देखकर बाद में राजी हो गए।
फिर क्या था संदेश ने पाली(राजस्थान) से 40 रुपए के हिसाब से 1.20 लाख रुपए के 3 हजार पौधे खरीदे और इन पौधों को उन्होंने अपनी आधा एकड़ जमीन में रोपा। फिर क्या था संदेश ने विशेष अमेरिकी क्षेत्रों और कश्मीर घाटी में होने वाली केसर की खेती को जलगांव में करने का जादू कर दिखाया है। सबसे बड़ी बात यह कि संदेश ने इस केसर की खेती में जैविक खाद का उपयोग किया। संदेश ने मई 2016 में 15.5 किलो केसर का उत्पादन किया जोकि 40 हजार रुपए किलो के हिसाब से बिका और उन्हें कुल 6.20 लाख रुपए मिले। पौध, बुआई, जुताई एवं खाद पर हुए खर्च को घटाकर उन्हे साढ़े पांच माह में लगभग पांच लाख रुपए का शुद्ध लाभ हुआ। इसी का नतीजा है कि केन्हाला, रावेर, निभोंरा, अमलनेर, अंतुर्की और मध्य प्रदेश के पलासुर गांवों के दस किसानों ने संदेश पाटिल से प्रेरणा लेकर केसर की खेती करने का निर्णय लिया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें