"जब चैट करते हैं आप, तो कौन और क्या देख रहा है?"
मई 2021 में, व्हाट्सऐप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट की, जिसके बाद दुनिया भर में उसके 2 अरब यूजर्स सवाल पूछने लगे: "क्या व्हाट्सऐप वाकई सुरक्षित है, या हमारे डेटा का गलत इस्तेमाल हो रहा है?" भारत में, जहाँ व्हाट्सऐप के 50 करोड़+ यूजर्स हैं, यह बहस और गंभीर हो जाती है। क्या यह ऐप "एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन" के दावों के बावजूद आपकी निजता को निशाना बना रहा है?
1. प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट का विवाद: क्या बदला?
- मेटा (फेसबुक) के साथ डेटा शेयरिंग: व्हाट्सऐप अब यूजर्स का फोन नंबर, लोकेशन, आईपी एड्रेस, और खरीदारी की जानकारी अपने पैरेंट कंपनी मेटा के साथ साझा कर सकता है।
- बिजनेस अकाउंट्स का खेल: बिजनेस अकाउंट्स से की गई चैट्स को व्हाट्सऐप के सर्वर पर स्टोर किया जा सकता है, जिसे थर्ड-पार्टी ऐप्स (जैसे फेसबुक) एक्सेस कर सकते हैं।
- यूरोप VS भारत: यूरोपीय यूनियन के GDPR कानूनों के तहत व्हाट्सऐप यूरोपीय यूजर्स का डेटा मेटा को नहीं भेज सकता, लेकिन भारत में ऐसी कोई सुरक्षा नहीं।
2. "एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन" का झूठा दावा?
व्हाट्सऐप कहता है कि चैट्स एन्क्रिप्टेड हैं, लेकिन:
- मेटाडेटा ट्रैकिंग: व्हाट्सऐप आपके कॉन्टैक्ट्स, ग्रुप्स, ऑनलाइन टाइमिंग, और डिवाइस की जानकारी इकट्ठा करता है, जिससे आपकी गतिविधियों का प्रोफाइल बनाया जा सकता है।
- बैकअप का खतरा: गूगल ड्राइव या iCloud पर सेव की गई चैट्स एन्क्रिप्टेड नहीं होतीं। 2022 में, हैकर्स ने iCloud हैक करके कई भारतीयों की चैट्स लीक की थीं।
- सरकारी निगरानी: IT Rules 2021 के तहत, व्हाट्सऐप को "संदिग्ध" चैट्स की पहचान करने के लिए मेटाडेटा साझा करना पड़ सकता है।
3. साइबर एक्सपर्ट्स की चेतावनी: "यह डेटा का दुरुपयोग है!"
- डॉ. अंकित गुप्ता (साइबर लॉयर): "मेटाडेटा से भी आपकी लोकेशन, आदतें और रिश्ते पता किए जा सकते हैं। यह निजता का उल्लंघन है।"
- एडवोकेट प्रशांत भूषण: "भारत में डेटा प्रोटेक्शन कानून न होने से कंपनियाँ यूजर्स को गिनती की मोहर समझती हैं।"
4. भारत सरकार और व्हाट्सऐप की टकराहट
- IT Rules 2021: सरकार ने व्हाट्सऐप से मांगा 'मैसेज ट्रैकर्स' सिस्टम लागू करने को, जिससे अफवाह फैलाने वाले संदेशों का पता लगाया जा सके।
- व्हाट्सऐप का विरोध: कंपनी ने सरकार के सामने केस किया, कहा— "यह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को खत्म कर देगा।"
- 2023 की स्थिति: दिल्ली हाई कोर्ट में मामला लंबित, लेकिन सरकार का दबाव बरकरार।
प्रतिक्रिया: 2021 में, व्हाट्सऐप के डाउनलोड्स में 70% गिरावट आई, जबकि सिग्नल और टेलीग्राम के यूजर्स बढ़े।
यूजर की आवाज़: "मैंने व्हाट्सऐप छोड़ दिया क्योंकि मुझे पता चला कि मेरी फोटोज मेटा के सर्वर पर जा रही थीं," – प्रियंका, बैंगलोर।
6. सुरक्षा के उपाय: "अभी भी समय है सावधान होने का!"
बैकअप बंद करें: सेटिंग्स > चैट्स > चैट बैकअप > ऑटोमैटिक बैकअप "नहीं" चुनें।
लास्ट सीन और ऑनलाइन स्टेटस हाइड करें: प्राइवेसी सेक्शन में जाकर "नो वन" सेलेक्ट करें।
वैकल्पिक ऐप्स: सिग्नल या टेलीग्राम को ट्राय करें, जो मेटाडेटा भी कम इकट्ठा करते हैं।
मेटा के साथ डेटा शेयरिंग रोकें: व्हाट्सऐप सेटिंग्स > अकाउंट > शेयर डेटा > "डोंट शेयर" चुनें।
"निजता या सुविधा—चुनाव आपका है!"
व्हाट्सऐप की नई नीतियाँ एक बड़े सवाल की तरफ इशारा करती हैं: "क्या हम टेक्नोलॉजी की सुविधा के लिए अपनी निजता बेचने को तैयार हैं?" जैसा कि एडवर्ड स्नोडेन ने कहा— "आपकी निजता तभी सुरक्षित है जब आप उसके लिए लड़ें।"
स्रोत:
- व्हाट्सऐप प्राइवेसी पॉलिसी डॉक्युमेंट (2023)
- IT Rules 2021 और दिल्ली हाई कोर्ट केस
- साइबर एक्सपर्ट डॉ. अंकित गुप्ता का इंटरव्यू
- Sensor Tower (ऐप डाउनलोड स्टैटिस्टिक्स)
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