शनिवार, 1 मार्च 2025

क्या आपका व्हाट्सऐप 'स्पाई' है? नई प्राइवेसी पॉलिसी में छिपे हैं ये डरावने सच!

"जब चैट करते हैं आप, तो कौन और क्या देख रहा है?"

मई 2021 में, व्हाट्सऐप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट की, जिसके बाद दुनिया भर में उसके 2 अरब यूजर्स सवाल पूछने लगे: "क्या व्हाट्सऐप वाकई सुरक्षित है, या हमारे डेटा का गलत इस्तेमाल हो रहा है?" भारत में, जहाँ व्हाट्सऐप के 50 करोड़+ यूजर्स हैं, यह बहस और गंभीर हो जाती है। क्या यह ऐप "एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन" के दावों के बावजूद आपकी निजता को निशाना बना रहा है?

1. प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट का विवाद: क्या बदला?

  • मेटा (फेसबुक) के साथ डेटा शेयरिंग: व्हाट्सऐप अब यूजर्स का फोन नंबर, लोकेशन, आईपी एड्रेस, और खरीदारी की जानकारी अपने पैरेंट कंपनी मेटा के साथ साझा कर सकता है।
  • बिजनेस अकाउंट्स का खेल: बिजनेस अकाउंट्स से की गई चैट्स को व्हाट्सऐप के सर्वर पर स्टोर किया जा सकता है, जिसे थर्ड-पार्टी ऐप्स (जैसे फेसबुक) एक्सेस कर सकते हैं।
  • यूरोप VS भारत: यूरोपीय यूनियन के GDPR कानूनों के तहत व्हाट्सऐप यूरोपीय यूजर्स का डेटा मेटा को नहीं भेज सकता, लेकिन भारत में ऐसी कोई सुरक्षा नहीं।

2. "एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन" का झूठा दावा?

व्हाट्सऐप कहता है कि चैट्स एन्क्रिप्टेड हैं, लेकिन:

  • मेटाडेटा ट्रैकिंग: व्हाट्सऐप आपके कॉन्टैक्ट्स, ग्रुप्स, ऑनलाइन टाइमिंग, और डिवाइस की जानकारी इकट्ठा करता है, जिससे आपकी गतिविधियों का प्रोफाइल बनाया जा सकता है।
  • बैकअप का खतरा: गूगल ड्राइव या iCloud पर सेव की गई चैट्स एन्क्रिप्टेड नहीं होतीं। 2022 में, हैकर्स ने iCloud हैक करके कई भारतीयों की चैट्स लीक की थीं।
  • सरकारी निगरानी: IT Rules 2021 के तहत, व्हाट्सऐप को "संदिग्ध" चैट्स की पहचान करने के लिए मेटाडेटा साझा करना पड़ सकता है।

3. साइबर एक्सपर्ट्स की चेतावनी: "यह डेटा का दुरुपयोग है!"

  • डॉ. अंकित गुप्ता (साइबर लॉयर): "मेटाडेटा से भी आपकी लोकेशन, आदतें और रिश्ते पता किए जा सकते हैं। यह निजता का उल्लंघन है।"
  • एडवोकेट प्रशांत भूषण: "भारत में डेटा प्रोटेक्शन कानून न होने से कंपनियाँ यूजर्स को गिनती की मोहर समझती हैं।"

4. भारत सरकार और व्हाट्सऐप की टकराहट

  • IT Rules 2021: सरकार ने व्हाट्सऐप से मांगा 'मैसेज ट्रैकर्स' सिस्टम लागू करने को, जिससे अफवाह फैलाने वाले संदेशों का पता लगाया जा सके।
  • व्हाट्सऐप का विरोध: कंपनी ने सरकार के सामने केस किया, कहा— "यह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को खत्म कर देगा।"
  • 2023 की स्थिति: दिल्ली हाई कोर्ट में मामला लंबित, लेकिन सरकार का दबाव बरकरार।

5. यूजर्स का गुस्सा: "हम नहीं चाहते मेटा को अपना डेटा!"

प्रतिक्रिया: 2021 में, व्हाट्सऐप के डाउनलोड्स में 70% गिरावट आई, जबकि सिग्नल और टेलीग्राम के यूजर्स बढ़े।

यूजर की आवाज़: "मैंने व्हाट्सऐप छोड़ दिया क्योंकि मुझे पता चला कि मेरी फोटोज मेटा के सर्वर पर जा रही थीं," – प्रियंका, बैंगलोर।

6. सुरक्षा के उपाय: "अभी भी समय है सावधान होने का!"

बैकअप बंद करें: सेटिंग्स > चैट्स > चैट बैकअप > ऑटोमैटिक बैकअप "नहीं" चुनें।

लास्ट सीन और ऑनलाइन स्टेटस हाइड करें: प्राइवेसी सेक्शन में जाकर "नो वन" सेलेक्ट करें।

वैकल्पिक ऐप्स: सिग्नल या टेलीग्राम को ट्राय करें, जो मेटाडेटा भी कम इकट्ठा करते हैं।

मेटा के साथ डेटा शेयरिंग रोकें: व्हाट्सऐप सेटिंग्स > अकाउंट > शेयर डेटा > "डोंट शेयर" चुनें।

"निजता या सुविधा—चुनाव आपका है!"

व्हाट्सऐप की नई नीतियाँ एक बड़े सवाल की तरफ इशारा करती हैं: "क्या हम टेक्नोलॉजी की सुविधा के लिए अपनी निजता बेचने को तैयार हैं?" जैसा कि एडवर्ड स्नोडेन ने कहा— "आपकी निजता तभी सुरक्षित है जब आप उसके लिए लड़ें।"


स्रोत:

  • व्हाट्सऐप प्राइवेसी पॉलिसी डॉक्युमेंट (2023)
  • IT Rules 2021 और दिल्ली हाई कोर्ट केस
  • साइबर एक्सपर्ट डॉ. अंकित गुप्ता का इंटरव्यू
  • Sensor Tower (ऐप डाउनलोड स्टैटिस्टिक्स)


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