गुरुवार, 1 अगस्त 2024

आसमान से कहर बनकर क्यों गिरती है आसमानी बिजली
हवाई जहाज और हैलिकॉप्टर पर क्यों नहीं होता इसका प्रभाव

बरसात के मौसम में बिजली कड़कने के डर से लोग घरों में दुबक कर बैठ जाते हैं। बिजली कड़कने से होने वाली रोशनी इतनी तेज होती है कि हमारी आंखें कुछ देर के लिए पूर्णतः चौंधिया जाती है। इस मौसम में आपने एयरपोर्ट पर विमानों को लैंड नहीं करा पाने की बातें भी अक्सर सुनी होगी। यह बिजली की कड़क और चमक कई बार जानलेवा साबित होती है। आइए, जानते हैं कि आसमानी बिजली क्या है, यह कितनी खतरनाक हो सकती है, और इससे बचने के उपाय क्या हैं

क्या आपने कभी सोचा है कि तेज कड़कती बिजली आसमान में उड़ते किसी विमान को नुकसान क्यों नहीं पहुंचाती है? चलिए आपके इन सभी सवालों का जवाब आज हम आपको दे देते हैं।

आसमानी बिजली: क्या है और कितनी खतरनाक?

दुनिया में हर साल 24,000 लोगों की मौत आसमानी बिजली गिरने से होती है। एक दिन में औसतन 30 लाख बार बिजली गिरती है, और एक सेकेंड में यह संख्या 50 तक पहुँच जाती है। एक आसमानी बिजली का करंट 10 करोड़ वोल्ट तक हो सकता है, और यह 5 किलोमीटर लंबी हो सकती है। इसकी तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक बिजली से 3 महीने तक 100 वॉट का बल्ब जलाया जा सकता है।

क्यों प्लेन पर नहीं होता बिजली गिरने का असर?

आसमान में उड़ते हवाई जहाज पर भी बिजली गिर सकती है, मगर इससे कोई हादसा नहीं होता। हवाई जहाजों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बिजली उनके बाहरी हिस्से पर ही फैल जाती है और अंदर नहीं घुसती। ज्यादातर प्लेन एल्युमिनियम के बने होते हैं, जो बिजली को बाहर ही रोक देते हैं।

बिजली के झटकों से विमान सुरक्षित कैसे रहते हैं?

  1. बिजली की ऊर्जा: आसमान से गिरने वाली बिजली में 1 अरब वोल्ट तक की ऊर्जा हो सकती है। यह ऊर्जा एक 60 वॉट के बल्ब को 6 महीने तक जलाने के लिए पर्याप्त है और बड़ी पेड़ों को जला सकती है।

  2. विमान की संरचना:

    • धातु की सतह: विमान की बाहरी सतह विशेष मिश्रित धातु से बनी होती है, जिसमें एल्यूमिनियम शामिल है। यह धातु बिजली का अच्छा चालक होती है, जिससे बिजली आसानी से विमान से होकर गुजर जाती है।
    • धातु की जाली: विमान के नीचे धातु की एक जाली और तांबे की लेयर होती है, जो एक इलेक्ट्रिक कंडक्टर की तरह कार्य करती है।
  3. विमान के भीतर सुरक्षा:

    • तांबे के तार: विमान के अंदर तारों को तांबे से ढक दिया जाता है ताकि बिजली गुज़रने पर कोई परेशानी न हो।
    • फ्यूल टैंक: विमान के फ्यूल टैंक में न्यूट्रल गैस भरी जाती है और पंखों पर स्टैटिक इल्यूमिनेटर लगे होते हैं, जो बिजली को आकर्षित नहीं करते और चार्ज को हवा में छोड़ते हैं।
  4. परीक्षण और नियंत्रण:

    • टेस्टिंग: विमानों को बिजली गुज़ार कर टेस्ट किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे बिजली से सुरक्षित हैं।
    • मौसम की जानकारी: पायलटों को खराब मौसम की जानकारी रडार और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) से मिलती है। पायलट अक्सर तूफान के बगल से होकर विमान को सुरक्षित रूप से निकालते हैं।

इस प्रकार, विमान की डिज़ाइन और सुरक्षा मानकों की वजह से उन्हें आसमान में बिजली के झटकों से कोई नुकसान नहीं होता और यात्रा में सवार यात्रियों को भी कोई खतरा नहीं होता।

हेलीकॉप्टर की वजह से भी गिरती है बिजली

लंदन स्थित मौसम विभाग की एक स्टडी के अनुसार, हेलीकॉप्टरों के उड़ते वक्त वे निगेटिव चार्ज को सोखते हैं। ऐसे में अगर ये हेलीकॉप्टर पॉजिटिव चार्ज वाले बादलों से गुजरते हैं, तो बिजली गिरने की आशंका बढ़ जाती है।

बिजली गिरने से बचाव के उपाय

  1. बाल खड़े होने लगें तो खतरा ज्यादा: अगर बिजली कड़कने के साथ आपके बाल खड़े हो जाएं, तो तुरंत सुरक्षित जगह पर जाएं।

  2. सुरक्षित स्थान का चुनाव:

    • पेड़ के नीचे, खंभों के पास, या खुले मैदान में कतई न रुकें।
    • चारों ओर से ढकी किसी इमारत के अंदर ही छिपें या रुकें।
    • अगर कई लोगों के साथ हैं, तो एक-दूसरे से 20 फीट की दूरी बनाएं।
  3. खुले मैदान और पानी से दूर रहें:

    • बिजली कड़कने के दौरान खुले मैदान में खेलना और पानी के पास होना खतरनाक है।
  4. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें:

    • जब भी अंदर रहें, तो बिजली कड़कने के दौरान टीवी, टेलीफोन, या मोबाइल का उपयोग न करें।
  5. वाहन में सफर:

    • वाहन में सफर करते समय यह जरूर देखें कि उसकी छत मजबूत है या नहीं।
  6. 30:30 का नियम:

    • अगर बिजली कड़कना बंद हो जाए तो 30 मिनट बाद ही उस जगह से जाएं।

महत्वपूर्ण आंकड़े और तथ्य

  • दुनिया में 1 दिन में 30 लाख बार गिरती है बिजली।
  • हर साल 24,000 लोगों की मौत बिजली गिरने से होती है।
  • 1 सेकेंड में औसतन 50 बार आसमानी बिजली गिरती है।
  • 1 बिजली से 3 महीने 100 वॉट का बल्ब जलाया जा सकता है।
  • 5 किलोमीटर लंबी होती है आसमानी बिजली।
  • 10 करोड़ वोल्ट का करंट होता है 1 आसमानी बिजली में।

विशेषज्ञ की राय

डॉ. सना रहमान, असिस्टेंट प्रोफेसर, दिल्ली यूनिवर्सिटी के अनुसार, आमतौर पर घरों में जो बिजली आती है, वह 120 वोल्ट की होती है। वहीं, आसमानी बिजली में 10 करोड़ वोल्ट का करंट होता है, जिससे यह सबसे ज्यादा खतरनाक होती है। इसका दायरा 5 किलोमीटर तक हो सकता है। ऐसे समय में घरों में ही रहना चाहिए। किसी पेड़ के नीचे शरण लेने से बचना चाहिए। अगर कहीं शरण ले रखी हो तो उस वक्त मोबाइल देखने से बचें।

वर्षा के मौसम में आसमानी बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जो जानलेवा साबित हो सकती हैं। सावधानियों का पालन करके आप और आपका परिवार सुरक्षित रह सकते हैं। आइए, मिलकर जागरूकता फैलाएं और इस प्राकृतिक आपदा से बचाव के उपाय अपनाएं।

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