किसानों को खुशहाल बनाने के लिए
आया कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग ऐक्ट
केंद्र सरकार द्वारा किसानों की आय दुगुनी करने के उद्देश्य को लेकर वर्ष 2017-18 के बजट में घोषणा की गई थी कि किसानों को कृषि उद्योग के साथ जोड़कर उनकी फसल के लिए बेहतर दाम दिलाने के लक्ष्य से एक कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग ऐक्ट बनाया जाएगा। अब सरकार द्वारा इस अधिनियम के ड्राफ्ट पर अपना परामर्श देने के लिए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और वैल्यू चेन से जुड़ी कंपनियों, किसान संगठन और किसानों को 6 जनवरी तक का समय दिया है।
श्री अनिल जैन (प्रबंध निदेशक, जैन इरिगेशन सिस्टम्स ) की माने तो इस ऐक्ट से छोटे किसानों की हित रक्षा सहित मंडियों के बिना इंडस्ट्री को कच्चे माल की बेहतर आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा जाएगा। हालांकि, सभी स्टेकहोल्डर्स की हित रक्षा और लालफीताशाही से बचाव को पक्का करने के लिए ड्राफ्ट अधिनियम की कुछ शर्तों को ध्यानपूर्वक पढ़ने की आवश्यकता है। साथ ही इस तरह के कॉन्ट्रैक्ट में विवादों को निपटाने की प्रक्रिया को व्यावहारिक और शीघ्र होना चाहिए।
श्री योगेश बेलानी (सीईओ, फील्डफ्रेश फूड्स) का कहना है कि देश की 58 पर्सेंट जनसंख्या के लिए कृषि आय का प्रमुख माध्यम है। कृषि उत्पादन में निवेश बढ़ने से देश के किसानों को काफी लाभ होगा। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर अधिनियम बनने से निजी क्षेत्र को कृषि में निवेश करने और तकनीक के अधिक प्रयोग के लिए कदम उठाने का प्रोत्साहन मिलेगा। उनकी माने तो फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में इन्वेस्टमेंट से कटाई के बाद होने वाले नुकसान को बहुत कम किया जा सकेगा। इससे रोजगार भी बढ़ेगा। कृषि मंत्रालय का कहना है कि देश में लगभग 12 करोड़ कृषि परिवारों में से 86 प्रतिशत से अधिक छोटे (खेती की 2 हेक्टेयर या इससे कम जमीन) और सीमांत (खेती की 1 हेक्टेयर या इससे कम जमीन) किसान हैं। देश में भूमि का औसत स्वामित्व 1.1 हेक्टेयर है। श्री अश्विनी अरोड़ा (सीईओ और प्रबंध निदेशक आईएलटी फूड्स) के अनुसार, ’इससे खेती अधिक संगठित बनेगी और किसानों को बीजों, फर्टिलाइजर और अन्य संबंधित चीजों के बारे में बेहतर फैसले करने में मदद मिलेगी। इससे फसल की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होगा।’ श्री जसमीत सिंह (प्रमुख, फिक्की, कृषि विभाग) की माने तो देश में गन्ने, बागवानी की फसलों, आलू आदि फसलों के लिए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की जा रही है और इस वजह से किसानों को मार्केट के उतार-चढ़ाव की मुश्किलों से बचाना जरूरी है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें