टाटा से लेकर अंबानी तक
ये 5 बिज़नेस सीक्रेट्स B-schools नहीं सिखाते!
"B-schools के ग्लोसरी में नहीं मिलते वो 'देसी मसाले', जिनसे टाटा-अंबानी ने पकाया भारत का बिज़नेस फ्यूजन! 📚🔥 जानिए कैसे 'विरासत का विजन', 'गिरकर उठने का जुनून' और 'रिश्तों की रोटी' ने बनाया इन्हें बाज़ार के बादशाह..."
1. "दशकों का विजन, पल की कमाई नहीं"
- टाटा का स्टील से सॉफ्टवेयर तक सफ़र: 1907 में टाटा स्टील की स्थापना के समय जमशेदजी टाटा ने कहा था, "हम न सिर्फ़ इस्पात बनाएँगे, बल्कि राष्ट्र की रीढ़ गढ़ेंगे।" आज टाटा समूह 100+ कंपनियों के साथ ₹9.5 लाख करोड़ के राजस्व तक पहुँचा है।
- अंबानी का Jio क्रांति: 2016 में Jio के लॉन्च से पहले मुकेश अंबानी ने 5 साल तक ₹1.5 लाख करोड़ का निवेश किया। आज Jio के 45 करोड़ यूजर्स हैं।
- B-school से अलग: B-schools "क्वार्टरली प्रॉफ़िट" सिखाते हैं, लेकिन ये नेता दशकों के लिए निवेश करते हैं।
2. "बाज़ार के भूकंप में झुकें नहीं, बदल जाएँ"
- टाटा का Jaguar Land Rover डील: 2008 के वित्तीय संकट में जब फोर्ड ने JLR को बेचा, तब टाटा ने ₹10,000 करोड़ में खरीदकर इसे ₹2 लाख करोड़ की कंपनी बना दिया।
- अंबानी का पेट्रोकेम से रिटेल तक पलटवार: 2016 में तेल की कीमतें गिरीं, तो अंबानी ने रिटेल और डिजिटल बिज़नेस पर फोकस किया।
- सीख: B-schools "मार्केट रिस्क" के गणित सिखाते हैं, लेकिन "क्राइसिस को अवसर में बदलना" नहीं।
3. "ईमानदारी सबसे बड़ी IPO है"
- टाटा की 'नैतिकता' की डिक्शनरी: 2008 में टाटा स्टील ने यूरोप में 9,000 कर्मचारियों की छँटनी की, लेकिन उन्हें ₹1,300 करोड़ का "सेवानिवृत्ति पैकेज" दिया। रतन टाटा कहते हैं— "प्रॉफ़िट से पहले लोग आते हैं।"
- अंबानी का 'ग्रोथ विद गवर्नमेंट' फंडा: रिलायंस ने हमेशा सरकारी नीतियों के साथ चलकर विवादों से दूरी बनाई।
- B-school की कमी: एथिक्स पर कोर्स होते हैं, लेकिन "ट्रस्ट बनाने की कला" नहीं सिखाई जाती।
4. "रिश्ते बेचते नहीं, बनाते हैं"
- टाटा का 'कर्मचारी परिवार' वाला मॉडल: 1947 में जमशेदपुर दंगों के दौरान टाटा ने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए प्लांट बंद कर दिया, लेकिन पगार जारी रखी।
- अंबानी का नेटवर्किंग जादू: रिलायंस ने गुजरात सरकार के साथ जमीन डील से लेकर Facebook-Walmart जैसे ग्लोबल पार्टनर्स तक रिश्ते बनाए।
- सीख: B-schools में "सप्लाई चेन मैनेजमेंट" पढ़ाया जाता है, "सप्लायर्स के साथ भावनात्मक जुड़ाव" नहीं।
5. "नाकामयाबी को रिस्क नहीं, रिसर्च बनाएँ"
- टाटा नैनो फ्लॉप, लेकिन...: नैनो की असफलता के बाद टाटा ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (टाटा नेक्सन) में ₹3,000 करोड़ निवेश किया।
- अंबानी का 5G दांव: Jio ने 5G टेक्नोलॉजी पर ₹2 लाख करोड़ खर्च किए, जबकि Airtel और VI ने संकोच दिखाया।
- B-school की सीमा: "फेलियर एनालिसिस" पढ़ाया जाता है, पर "फेलियर से इनोवेशन निकालना" नहीं।
"किताबें नहीं, क़िस्से चलाते हैं बिज़नेस"
टाटा और अंबानी की सफलता "क्लासरूम थ्योरी" से नहीं, बल्कि भारतीय बाज़ार की गहरी समझ, सांस्कृतिक संवेदनशीलता और पारिवारिक विरासत से उपजी है। जैसा कि रतन टाटा ने कहा— "सक्सेस का फ़ॉर्मूला किताबों में नहीं, सड़कों पर लिखा होता है।"
(स्रोत: टाटा ग्रुप की वार्षिक रिपोर्ट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रेस विज्ञप्ति, रतन टाटा और मुकेश अंबानी के साक्षात्कार)
संदर्भ सामग्री:
टाटा समूह की आधिकारिक वेबसाइट: https://www.tata.com
रिलायंस इंडस्ट्रीज का जियो केस स्टडी: Harvard Business Review
रतन टाटा का TED टॉक: "The Heart of Business" [YouTube Link]
मुकेश अंबानी का इंटरव्यू: Economic Times, 2023
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