आज का विचार
मनुष्य कितना भी गोरा क्यों ना हो परंतु उसकी परछाई सदैव काली होती है…“मैं श्रेष्ठ हूँ” यह आत्मविश्वास है, लेकिन “सिर्फ मैं ही श्रेष्ठ हूँ” यह अहंकार है…”इच्छा पूरी नहीं होती तो क्रोध बढ़ता है, और इच्छा पूरी होती है तो लोभ बढ़ता है। इसलिये जीवन की हर स्थिति में धैर्य बनाये रखना ही श्रेष्ठता है।
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