बुधवार, 28 फ़रवरी 2018


आज का विचार 

जो तुम्हारे मौन का अर्थ नहीं समझता वह सम्भवतः तुम्हारे शब्दों का अर्थ भी नहीं समझेगा!

मंगलवार, 27 फ़रवरी 2018



ईमानदारी आपकी बातों के साथ-साथ आपके काम में भी दिखनी चाहिए! जीवन के हर क्षेत्र में सफल होने के लिए ईमानदारी और सत्यनिष्ठा बहुत ही आवश्यक हैं और सबसे अच्छी बात ये हैं कि इन दोनाें गुणों को
कोई भी व्यक्ति अपने अंदर विकसित कर सकता है!

सोमवार, 26 फ़रवरी 2018

आज का विचार 

जितने अच्छे से आप दूसरों से, दूसरों की स्त्रियों से
दूसरों के माँ-बाप से दूसरों के बच्चों से बात करते हैं,
उतने ही अच्छे से यदि अपनों से बात करने लगे तो
घर में ही स्वर्ग उतर आयेगा!

रविवार, 25 फ़रवरी 2018


आज का विचार 

कभी पीठ पीछे आपकी बात चले, तो घबराना मत, 
क्योंकि बात तो उन्ही की होती है, जिनमें कोई बात होती है!

गुरुवार, 22 फ़रवरी 2018


आज का विचार 

भीड़ हमेशा उस रास्ते पर चलती है, 

जो रास्ता आसान लगता है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं 

कि भीड़ हमेशा सही रास्ते पर ही चलती है! 

अपने रास्ते खुद चुनिए क्योंकि 

आपको आपसे बेहतर और कोई नहीं जानता!

    आज का विचार 

                                          जिंदगी चाहे एक दिन की हो या चार दिन की,                                              उसे ऐसे जियो जैसे जिंदगी तुम्हें नहीं जिंदगी को तुम मिले हो!

मंगलवार, 20 फ़रवरी 2018

आज का विचार 

खुशी उनको नहीं मिलती जो अपनी शर्तो पे जिंदगी जिया करते हैं।
खुशी उनको मिलती है, जो दूसरों की खुशी के लिए अपनी शर्ते बदल लिया करते हैं।

सोमवार, 19 फ़रवरी 2018

आज का विचार 

उबाल इतना भी ना हो कि खून सूख कर उड़ जाए…
धैर्य इतना भी ना हो कि खून जमे तो खौल भी ना पाएं।

रविवार, 18 फ़रवरी 2018

आज का विचार 


इतनी मेहरबानी मेरे ईश्‍वर बनाये रखना, जो रास्‍ता सही हो] उसी पर चलाये रखना, ना दुखे दिल किसी का मेरे शब्‍दों से, इतनी कृपा मेरे ऊपर बनाये रखना।

शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2018

आज का विचार 

अच्‍छे इंसान की सबसे पहली और सबसे आखिरी निशानी ये है कि वो उन लोगों की भी इज्‍जत करता है, जिनसे उसे किसी किस्‍म के फायदे की उम्‍मीद नहीं होती ।

गुरुवार, 15 फ़रवरी 2018


आज का विचार 

जो लोग मन में उतरते हैं, उन्‍हें संभाल कर रखिए 
और जो मन से उतरते हैं, उनसे संभल कर रहिए।

बुधवार, 14 फ़रवरी 2018

आज का विचार 

“पैसा” मानव इतिहास की सबसे खराब खोज है, 

लेकिन मनुष्य के ‘चरित्र” को परखने की सबसे विश्वसनीय सामग्री है!

सोमवार, 12 फ़रवरी 2018

आज का विचार 

स्वार्थी इंसान को छोड़ देना चाहिए, क्योंकि उसमें सुधार की गुंजाइश न के बराबर होती है!

रविवार, 11 फ़रवरी 2018

आज का विचार 

किसी को गलत समझने से पहले एक बार उसके हालात समझने की कोशिश जरूर करना।

शनिवार, 10 फ़रवरी 2018

शिक्षा के क्षेत्र में हो रहा है सकारात्मक सुधार
नवयुवक बन रहे अब काम के लायक


भारतीय शिक्षा पद्धति पर प्रायः सवाल उठाएं जाते रहे हैं, जिसके निचोड़ की बात करें तो हम पाएंगे कि समय-समय पर शिकायत मिलती रही है कि विश्वविद्यालय से निकले स्नातक काम पर रखने लायक नहीं हैं। इस बारे में श्री रतन टाटा ने भी इंजीनियर्स के लिए कहा था कि उनमें अधिकांश रोजगार के लिए अपेक्षित पात्रता नहीं रखते। इस धारणा के विपरीत हाल ही में प्रतिष्ठित संस्थाओं ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन, कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज और यूनाइटेड नेशंस डिवेलपमेंट प्रोग्राम के साथ-साथ दो स्वतंत्र एजंसियों पीपलस्ट्रांग और वीबॉक्स के संयुक्त सर्वेक्षण से यह बात निकलकर आई है कि गत कुछ वर्षों में भारत के नए स्नातकों में रोजगार योग्यता में ठीक-ठाक ढंग से सुधार आया है।

120 कंपनियों और 510,000 छात्रों पर हुए इस सर्वेक्षण के सकारात्मक नतीजे बताते हैं कि शिक्षा प्रणाली और नवयुवकों के स्किल में पहले की अपेक्षाकृत अच्छा सुधार देखने को मिला है। रोजगार योग्यता अथवा नियोजनीयता मैनेजमेंट अवधारणा को हाल ही में शामिल किया गया है। वर्ष 1997 में सुमंत्र घोषाल ने इसे सर्वप्रथम प्रस्तुत किया, जिसका अर्थ है मूल्य उत्पादक कार्य करके धन कमाना और काम करते हुए अपनी क्षमताओं या निपुणता में वृद्धि करना ताकि भविष्य में अधिक बेहतर संभावनाओं को तलाशा जा सके।

हमारे देश में तकनीकी शिक्षा के अलावा दूसरे क्षेत्रों को इस दायरे से बाहर रखा जाता था। दूसरे अर्थों में कहे तो स्नातक सरकारी नौकरियों के लिए चाहे अच्छे से फिट हो जाते हैं, किंतु उत्पादक कार्यों के लिए वे उपयोगी नहीं होते। हाल में आया सर्वेक्षण इसके उल्ट यह प्रदर्शित करता है कि फिलहाल ऐसे में स्नातकों में कॉरपोरेट नौकरियों के लिए योग्यता पैदा हुई है।

गत वर्ष की अपेक्षा इस साल इसमें काफी वृद्धि देखी गई है जैसेकि इंजीनियरिंग क्षेत्र में रोजगार क्षमता 2016-17 में 50.69 प्रतिशत थी, जोकि 2017-18 में 51.52 प्रतिशत हो गई। फार्मास्युटिकल्स में गत वर्ष 42.3 फीसदी रहने वाली रोजगार क्षमता इस साल 47.78 प्रतिशत हो गई। कंप्यूटर ऐप्लिकेशंस में आश्चर्यजनक तरीके से यह क्षमता 31.36 प्रतिशत से बढ़कर 43.85 फीसदी तक हो गई। बीए में 35.66 फीसदी रहे वाली रोजगार क्षमता इस वर्ष 37.39 प्रतिशत हो गई। वहीं दूसरी ओर 2014 से शुरू उछाल पर रही एमबीए और बीकॉम की रोजगार योग्यता (34 प्रतिशत से 46 प्रतिशत पर पहुंच गई थी) में गिरावट दर्ज की गई। मोटा मोटी देखे तो यह निकलकर आया कि प्रत्येक दो नए स्नातकों में से एक को रोजगार दिया जा सकता है। इंजीनियरों के रोजगार में भी 52 प्रतिशत रोजगार लायक पाएं गए हैं। सर्वाधिक योग्य कंप्यूटर साइंस विद्यार्थी माने गए।

सर्वेक्षणकर्ताओं की माने तो अनेक संस्थानों ने बदलते समय की नब्ज के हिसाब से अपने कोर्सों को बदला है, इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार लाया है और अपने छात्रों को रोजगार दक्ष बनाने के लिए लीक से हटकर प्रयत्न किए हैं। ऐसे में, सरकार के समक्ष एक नई चुनौती आ खड़ी हुई है, चूंकि दक्ष कर्मचारी बेरोजगारी को सरलता से सहन नहीं कर पाएगे।

शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2018

आज का विचार 

चरित्र अगर कपड़ों से तय होता, तो कपड़ों की दुकान मंदिर कहलाती!

आईटीआर स्क्रूटनी के समय अब करदाताओं से 
5 सवाल से ज्यादा नहीं पूछ पाएंगे आयकर अधिकारी 


विश्वसनीय सूत्रों की माने तो अब आयकर विभाग ने आयकर रिटर्न स्क्रूटनी के समय करदाताओं से पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रक्रिया में परिवर्तन किया है। अब कोई भी अधिकारी करदाताओं से 5 से अधिक प्रश्न नहीं पूछ पाएंगे। यहां तक प्रश्न क्या होंगे यह भी आयकर विभाग अधिकारी नहीं, वरन् विभाग निश्चित करेगा। अब सरकार ई-असेसमेंट और ई -स्‍क्रूटनी लागू करने कर सकती है।

नई प्रक्रिया का उद्देश्य
आयकर दाताओं और आयकर अधिकारी के बीच सीधे संपर्क को कम करना। प्रायः शिकायतें मिलती थीं कि अधिकारी करदाताओं को धमकाते एवं परेशान करते हैं। 
एक वरिष्ठ अधिकारी की माने तो अब सब ऑनलाइन होगा। अधिकारी टैक्स स्क्रूटनी से जुड़े प्रश्न टैक्सपेयर्स को ऑनलाइन ही भेज  सकेगा। ये सवाल 5 से ज्यादा नहीं होंगे। 

अब तक होती थी यह प्रक्रिया
आयकर अधिकारी किसी भी आयकरदाता को टैक्स स्क्रूटनी के नाम पर बुलाकर अनेक पेपर और जानकारी मांगते थे। ऑफिस के अनेक चक्कर लगवाते थे। 

नहीं लगेगी टैक्स चोरी पर लगाम 
आयकर विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि सभी फील्ड पर काम करने वाले अधिकारी को आदेश दिए गए हैं कि आयकरदाताओं को परेशान न किया जाए। सीधे करदाताओं के पास जाकर उसकी आय और टैक्‍स प्रोफाइल के बारे में पूछताछ अथवा सर्वे न करें। इससे करदाताओं का एक बड़ा वर्ग जो अपनी आय के हिसाब से कर नहीं देता है, उसका डर खत्‍म हो जाएगा और टैक्‍स की चोरी पर अंकुश नहीं लग पाएगा।

अधिकारी की माने तो अगर किसी बाजार में एक दुकानदार के यहां आयकर विभाग अधिकारी सर्वे करते हैं तो पूरे बाजार के दुकानदारों पर इसका असर होता है और वे टैक्‍स नियमों का पालन करते हैं, परंतु अब कहा जा रहा है कि आपको दुकानदार के पास जाने की जरूरत नहीं है।

पूरे देश में लागू होगा ई -असेसेमेंट 
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2018-19 भाषण में कहा गया था कि हम देशभर में ई -असेममेंट लागू करने के लिए तैयार हैं। केंद्र ने 2016 में पायलट बेसिस पर ई-असेसमेंट लागू किया था। 2017 में इसे बढ़ा कर 102 शहरों में कर दिया गया था। अब इनकम टैक्‍स विभाग ने ई-असेसमेंट प्रक्रिया पूरे देश में लागू करने का फैसला किया है। इसके तहत असेसमेंट की पूरी प्रकिया ऑनलाइन होगी और टैक्‍सपेयर्स और असेसिंग ऑफीसर के बीच संपर्क की जरूरत नहीं होगी।

टैक्‍स नेट में आए 8 करोड़ टैक्‍सपेयर्स 
सुशील चंद्रा (चेयरमैन, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्‍ट टैक्‍सेज अर्थात् सीबीडीटी) ने हाल में दावा किया है कि देश में टैक्‍सबेस 8 करोड़ तक पहुंच गया है अर्थात् 8 करोड़ टैक्‍सपेयर्स आयकर रिटर्न फाइल कर रहे हैं। ऐसा डायरेक्‍ट टैक्‍सेज के क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर सुधारों को लागू करने से हुआ है। 

गुरुवार, 8 फ़रवरी 2018

आज का विचार 

मनुष्य कितना भी गोरा क्यों ना हो परंतु उसकी परछाई सदैव काली होती है…“मैं श्रेष्ठ हूँ”  यह आत्मविश्वास है, लेकिन “सिर्फ मैं ही श्रेष्ठ हूँ”  यह अहंकार है…”
इच्छा पूरी नहीं होती तो क्रोध बढ़ता है, और इच्छा पूरी होती है तो लोभ बढ़ता है। इसलिये जीवन की हर स्थिति में धैर्य बनाये रखना ही श्रेष्ठता है।

मंगलवार, 6 फ़रवरी 2018

आज का विचार 

दुखी सब है संसार में कौन है जो सुखी है,
किसी को अपना दुख दर्द देता है
तो किसी को दूसरों का सुख दर्द देता है!

सोमवार, 5 फ़रवरी 2018

आज का विचार 

परिस्थितियां जब विपरीत होती है,
तब व्यक्ति का ‘‘प्रभाव और पैसा’’
नहीं ‘‘स्वभाव और संबंध’’ काम आते हैं!

रविवार, 4 फ़रवरी 2018

आज का विचार 

किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल उस मक्‍खी की तरह है जो सारे खूबसूरत जिस्‍म को छोड़कर केवल जख्‍म पर ही बैठती है!!

गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018

आज का विचार 

जरूरत से ज्यादा मिले उसको कहते है नसीब,
भगवान का दिया सब कुछ है!

फिर भी रोता है उसे कहते है बदनसीब,
और कुछ भी ना होकर भी खुश रहता है!

उसको कहते है खुशनसीब ख्वाईश मनुष्य को जीने नहीं देती,
और मनुष्य ख्वाईश को मरने नहीं देता!