Thursday 18 February 2021

 खाली पेट उबालकर पीजिए 

डायबिटीज में मिलेंगे बेहतरीन लाभ

शुगर की राजधानी कहे जाने वाले भारतवर्ष में लगभग 70 मिलियन लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। आप भी बार-बार मूत्र विसर्जन, थकान, मुंह सूखना, त्वचा समस्याएं एवं पैर सुन्न होना आदि लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो ब्‍लड शुगर स्तर की जांच जरूर करवाएं।


रक्तप्रवाह के साथ-साथ शरीर के दूसरे भागों को भी प्रभावित करने वाले डायबिटीज रोग में लोग लापरवाही करते हैं, जिससे शरीर के अंग खराब होने शुरू हो जाते हैं। मानव शरीर में ब्लड शुगर अग्न्याशय (पेंक्रियाज) द्वारा तैयार इंसुलिन कंट्रोल करता है। इंसुलिन के अपर्याप्त उत्पादन से शुगर होती है। शुगर रोगियों को क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाओं से त्वचा समस्याएं होती है। सामान्यतः हाथ-पैर पर काले धब्बे इसका प्रथम लक्षण है। उच्च रक्त शर्करा दिल से हृदय रोग का सबसे अधिक खतरा होता है। पैर की रक्‍त वाहिकाओं में ब्लॉकेज होने से पैर सुन्‍न हो जाते हैं व शरीर में ब्‍लड सर्कुलेशन बिगड़ जाता है। आंखों का संक्रमण, आंख कमजोर होना, आंखों की रोशनी जाना एवं रेटिना में रक्तवाहिकाएं क्षतिग्रस्त होना आदि नेत्रों के लिए खतरनाक हो सकता है। हाई ब्‍लड शुगर में गुर्दे फेल होने की संभावना भी रहती है। 


शुगर यानि डायबिटिज रोगी को अपनी साधारण जिंदगी व्यतीत करने हेतु खान-पान में बड़े बदलाव करने होते हैं। भोजन में ब्लड शुगर लेवल को कम एवं नियंत्रित करने वाले पदार्थ लेने होते हैं। आपको जानकार आश्चर्य होगा, लेकिन यह सत्य है कि पेक्टिन, विटामिन-सी और फाइबर से भरपूर आम के पत्ते ब्लड शुगर लेवल एवं डायबिटीज को  नियंत्रित करने में बढ़िया काम कर सकते हैं।


आम पत्ती प्रमुखतः ग्लूकोज के इंसुलिन उत्पादन और वितरण को बेहतर कर ब्‍लड शुगर लेवल को स्थिर करने में सहायक हैं। एंजाइम अल्फा ग्लूकोसिडेज प्रवाहित करने की क्षमता वाले आम पत्ती अर्क आंत में कार्बोहाइड्रेट मेटाबॉलिज्‍म को कम कर ब्‍लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में भी सहायक हैं। शरीर के खराब कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने, बार-बार मूत्र विसर्जन, धुंधला दिखने एवं वजन कम होने आदि समस्‍याओं में भी मददगार हैं। 


​अब जानते हैं आम पत्तियों की प्रयोग विधि। 100-150 मि.ली. पानी में 10-15 आम पत्तियां उबालें। उबालकर रातभर ऐसे ही रहने दें और प्रातः खाली पेट पानी को छानकर पीजिए। प्रतिदिन कुछ माह तक ऐसा करने से आप अद्भुत लाभ देखेंगेे। यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि यह दवा या उपचार का विकल्प नहीं है। इसलिए सावधानीपूर्वक अपने डॉक्‍टर के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए स्वास्थ्यवर्द्धक और संतुलित आहार लें। वजन न बढ़ने दें, नियमित व्यायाम करें और तनाव से दूर रहें। दवाइयों का सेवन नियमित रखें। हरी सब्जी, मोटे अनाज और फलों का सेवन करें। 


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