गुरुवार, 8 मार्च 2018

आज का विचार 

अक्‍लमंद इत्र के डिब्‍बे के समान है, जो चुप रहता है लेकिन गुण दिखाता है। 

मूर्ख नट के ढोल के समान है, जो शोर बहुत करता है, पर भीतर से पोला है।

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