सोमवार, 27 नवंबर 2017


आज का विचार 

तू छोड़ दे कोशिशें; इन्सानों को पहचानने की !
यहाँ जरुरतों के हिसाब से; सब बदलते नकाब हैं !
अपने गुनाहों पर; सौ पर्दे डालकर,
हर शख़्स कहता है; “ज़माना बड़ा ख़राब है”

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