Thursday 13 February 2020

वायु प्रदूषण से भारत झेल रहा  1 लाख करोड़ रुपए का बोझ


भारत में वायु प्रदूषण ने लोगों के नाक में दम कर रखा है। देश की अर्थव्यवस्था भी इससे अछूती नहीं रही। इसे लेकर एक नया अध्ययन सामने आया है, जिसमें कहा गया कि प्रतिवर्ष देश में होने वाली लगभग 10 लाख असमय मौतों के लिए वायु प्रदूषण उत्तरदायी है। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर और ग्रीनपीस ने नई रिपोर्ट दी है, जिसमें कहा गया है कि इसके कारण प्रतिवर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था को 15,000 करोड़ डॉलर (1.05 लाख करोड़ रुपए) का अतिरिक्त बोझ सहना पड़ रहा है। सकल घरेलू उत्पाद के रूप में देखने पर हानि कुल जीडीपी के 5.4 फीसदी के बराबर है। वही प्रतिवर्ष वायु प्रदूषण देश में होने वाली लगभग 9 लाख 80 हजार असमय मृत्यु, प्रतिवर्ष 350,000 बच्चे के अस्थमा ग्रस्त होने और 24 लाख लोगों को प्रतिवर्ष श्वांस रोग के चलते अस्पताल जाना पड़ता है। साथ ही भारत में प्रतिवर्ष 49 करोड़ काम के दिनों का नुकसान भी होता है। 

वैश्विक आधार पर जीवाश्म ईंधन से होने वाले वायु प्रदूषण से विश्व में प्रतिवर्ष 40 लाख लोग मौत की नींद सो जाते हैं, तो वहीं वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर देखें तो यह लगभग 2 लाख 92 हजार करोड़ डॉलर के बराबर होता है। भारत के साथ-साथ विश्व के अनेक देश भी इसका गंभीर प्रभाव सह रहे हैं। चीन की अर्थव्यवस्था को 90,000 करोड़ डॉलर और अमेरिका को लगभग 60,000 करोड़ डॉलर का नुकसान हो रहा है। इसके मूल में प्रतिदिन फॉसिल ईंधन का बढ़ता प्रयोग है। वायु प्रदूषण के 2.5 माइक्रोमीटर से छोटे कण (पीएम 2.5) से होने वाले रोगों से कामगार अपने कामों पर नहीं जा पाते, जिससे लगभग प्रतिवर्ष 180 करोड़ दिनों के बराबर काम का नुकसान होता है। बिजली संयंत्र, कारखाने, पेट्रोल एवं डीजल वाहन से निकली नाइट्रोजन डाइऑक्साइड प्रतिवर्ष 40 लाख बच्चों को अस्थमा का मरीज बना रही है। जीवाश्म ईंधन से प्रदूषण के चलते लगभग 1 करोड़ 60 लाख बच्चे बिगड़ते स्वास्थ्य का सामना कर रहे हैं। रिपोर्ट स्टेट ऑफ़ ग्लोबल एयर 2019 ने भी इसकी पुष्टि की है। इसके अनुसार देश के 12.4 लाख लोग प्रतिवर्ष वायु प्रदूषण से ग्रस्त होते हैं। हमें भविष्य और आने वाली नस्लों को इस प्रदूषण के जहर से बचाना है, तो ठोस नीति बनाने की जरुरत है। स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण अनुकूल परिवहन प्रणाली आर्थिक बोझ को कम कर स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी लाभदायक होगी।

No comments:

Post a Comment