मंगलवार, 26 सितंबर 2017


आज का विचार 

ज़िन्दगी अपने आप को ढूंढने का नाम नहीं है, 
बल्कि ज़िन्दगी अपने आप को बनाने का नाम है।

सोमवार, 25 सितंबर 2017



जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं 
उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश ही नहीं की।

-अल्बर्ट आइंस्टीन

रविवार, 24 सितंबर 2017

आज का विचार 

यदि कोई कार्य कठिन है और आप उस कार्य को करने में बार-बार असफल हो रहे हैं तो कार्य को मत छोड़िये बल्कि उस कार्य को करने का तरीका बदल लीजिये। आप सफल हो जायेंगे। क्योकि असफलता  यह बताती है कि कार्य करने का तरीका ठीक नहीं है। तरीका बदल लीजिये, सफलता मिल जाएगी।

गुरुवार, 21 सितंबर 2017


आज का विचार 


वास्तव में भविष्य होता ही नहीं।
इसका हमें निर्माण करना है।

मंगलवार, 19 सितंबर 2017


आज का विचार 

जिन्दगी इतनी भी मुश्किल नहीं होती, 
मनुष्य इसमें खुद उलझ कर इसे मुश्किल बना देता है।


सोमवार, 18 सितंबर 2017

आज का विचार 


बोलने से पहले सोचना चाहिए क्योंकि 
बोले गए वचन केवल माफ किए जा सकते हैं 
भुलाए नहीं जा सकते।

रविवार, 17 सितंबर 2017



आज का विचार 



दुनिया की सबसे अच्छी किताब हम स्वयं होते हैं, 
खुद को समझ लीजिए सब समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

शुक्रवार, 15 सितंबर 2017


आज का विचार 

                                   भाग्यशाली वो लोग नहीं होते                               

        जिन्हे सब कुछ भाग्य से अच्छा-अच्छा मिलता है, 

बल्कि वो लोग होते हैं जिन्हे जो भी मिलता है उसे अच्छा बना लेते हों।



गुरुवार, 14 सितंबर 2017


आज का विचार 

हाथ की लकीरों की ताक़त का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है 
की वे मुट्ठी में बंद होकर भी काबू में नहीं होती।

मंगलवार, 12 सितंबर 2017


आज का विचार 


अगर आप के अंदर आत्मविश्वास की कमी हो जाती है 
तो ये दुनिया डरावनी नज़र आती है।

आज का विचार 


हमें आने वाले कल से अपने आप 
अच्छे होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए,
बल्कि आज की गयी मेहनत और 
तैयारी ही उसे अच्छा बना सकती है।


अब बिना रसायन केवल 2300 रुपए में 
गोदाम में रखे अनाज को, बचा सकेगे किसान


हाल में जारी कृषि मंत्रालय की फसल अनुसंधान इकाई सिफेट की रिपोर्ट को माने तो हमारे देश भारत में प्रतिवर्ष इतना अनाज बर्बाद होता है, जितना ब्रिटेन उगा भी नहीं पाता। भारत में हर साल 67 लाख टन खाना बर्बाद हो जाता है। स्टडी के अनुसार बर्बाद होने वाले खाने का मूल्य 92 हजार करोड़ रुपए है। यह रकम भारत सरकार की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत व्यय की जाने वाली राशि का दो-तिहाई है।

आगे रिपोर्ट में कहा गया है कि फल, सब्जियां और दालें सबसे अधिक बर्बाद होती हैं। अनाज का सड़ना, कीट, मौसम और भंडारण (स्टोरेज) की कमी बर्बादी के सबसे बड़े और प्रमुख कारण हैं। यदि बात फसलों की जाए तो 10 लाख टन प्याज खेतों से मार्केट में आने के रास्ते में ही बर्बाद हो जाती है। वहीं 22 लाख टन टमाटर भी बीच रास्ते में दम तोड़ देता है। इतना ही नहीं 50 लाख अंडे कोल्ड स्टोरेज में सड़ जाते हैं।
ऐसी समस्याओं के आड़े आने से किसान की खुशहाली में बाधाएं पड़ रही थीं जिसको एक किसान और उसके पुत्र ने समझा। अरुण का कहना हैं कि उधमपुर जिले में वर्ष 2008 में बीज गोदाम में रखे अनाज के सड़ने के बाद जिले के किसानों को करोड़ो रुपये का नुकसान हुआ था, इस नुकसान से मेरी तरह हजारों किसान आहत हुए थे। तब मैंने इस समस्या का उपाय खोजने का सोचा था।

सन् 2009 में उत्तराखंड के उधमपुर जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर चकरपुर गाँव के अरुण कुमार काम्बोज (60 वर्ष) एवं उसके सुपुत्र शोभित काम्बोज ने मिलकर एक ऐसा यंत्र बनाया जिससे भण्डार गृह में ऑक्सीजन को अंदर जाने से रोका जाता है। वास्तव में यह एक यंत्र है, जिससे बीज गोदाम में रखे अनाज को कीटों एवं चूहों से बिना रसायनों के उपयोग से कम लागत में बचाया जा सकता हैं।
अरुण का कहना हैं कि मैंने अनेक अनुभवी बुजुर्ग किसानों से इस संबंध में बात की, जाना कि पुराने समय में अनाज का भण्डारण कैसे होता था और कौन-कौन से तरीकों को अपनाया जाता था। जानकारी मिली कि पहले धुएं से किसान अपना बीज भण्डारण करते थे। इसी सोच को और विकसित करते हुए मैंने अंगीठीनुमा एक यंत्र बना डाला, जिसको “हवन पात्र तकनीक” नाम दिया गया।

वैसे तो अरुण काम्बोज द्वारा तैयार अंगीठीनुमा यंत्र विज्ञान के बहुत ही साधारण नियम पर आधारित है। उनकी माने तो, किसी बीज भंडारगृह से यदि ऑक्सीजन को खत्म कर दिया जाए, तो अनाज को कीटों तथा चूहों से बचाया जा सकता है। इस अंगीठीनुमा यंत्र को इस तरह से फिट करके, उसमें लकड़ी जलाई जाती है कि जिससे भंडारगृह में कार्बन डाई ऑक्साइड गैस प्रवाहित हो सके। इस पात्र में लकड़ी तब तक जलाई जाती है, जब तक भंडारगृह की पूरी ऑक्सीजन खत्म न हो जाये।

अरुण का आगे कहना हैं कि जैसे ही भंडारगृह की पूरी ऑक्सीजन समाप्त हो जाती वैसे ही पात्र में जल रही लकड़ियां स्वतः ही बंद हो जाती हैं। ऑक्सीजन की कमी होते ही यहां के कीटों और सूक्ष्म जीवों की श्वसन क्रिया बाधित होने लगती है और ये मर जाते हैं। इससे भंडारण में रखा बीज जैविक ढंग से सुरक्षित किया जा सकता है।
इस तकनीक के अविष्कारक अरुण काम्बोज को अनेक सरकारी विभागों द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है। अरुण की माने तो 100 क्विंटल अनाज भण्डारण के लिए ये यंत्र मात्र 2300/- रुपये में तैयार हो जाता है। इस यंत्र के आकार के अनुसार ही इसकी लागत भी आती है।
कृषि विज्ञान केंद्र काशीपुर के प्रभारी वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सी. तिवारी का कहना है कि ये यंत्र कम लागत में तैयार किया गया है। इस यंत्र को विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग को रिसर्च के लिए भेज दिया है, जिससे व्यापक स्तर पर बीज गोदामों में इस यंत्र का उपयोग किया जा सके।...केमिकल फ्री वातावरण वाला ये यंत्र अभी छोटे गोदामों के लिए कारगर है, अगर ये बड़े स्तर पर सफल हुआ तो देश में बीज गोदामों में हजारों टन सड़ रहे अनाज को बर्बाद होने से रोका जा सकता है।

सोमवार, 11 सितंबर 2017

आज का विचार 

हमें आने वाले कल से अपने आप अच्छे होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए,
बल्कि आज की गयी मेहनत और तैयारी ही उसे अच्छा बना सकती है।

रविवार, 10 सितंबर 2017

आज का विचार 



सफलता की वह ऊंचाई किसी अभिशाप से कम नहीं,
जो इंसानियत और दयाभाव खोकर प्राप्त की गई हो।

गुरुवार, 7 सितंबर 2017

आज का विचार 

अपनी ज़िन्दगी को सिर्फ आप स्वयं बदल सकते हो, और ये कार्य आपके लिए कोई और नहीं कर सकता।

बुधवार, 6 सितंबर 2017

आज का विचार 



ज़िन्दगी काफी तेज़ी से आगे बढ़ती रहती है और अगर आप थोड़े समय के लिए भी रुके तो ज़माने से पीछे छूट जाओगे।

मंगलवार, 5 सितंबर 2017

आज का विचार 


खुद में वह बदलाव लाइए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं।
-महात्मा गाँधी

सोमवार, 4 सितंबर 2017

आज का विचार 

जीवन एक गीत है, इसे गाइए। 

जीवन एक खेल है, इसे खेलिये। 

जीवन एक चुनौती है, इसे पूरा कीजिये। 

जीवन एक सपना है, इसे साकार कीजिये। 

जीवन एक बलिदान है – यह प्रस्ताव रखिये। 

जिंदगी इश्क है – इसका आनंद लीजिये। 

रविवार, 3 सितंबर 2017

आज का विचार 

हर कोई मिलता है यहाँ,
पहन के सच का नकाब,
कैसे पहचाने कोई,
कौन है अच्छा कौन खराब

शुक्रवार, 1 सितंबर 2017



आज का विचार 


हम ये तो जानते है कि हम क्या है लेकिन ये नहीं कि क्या हो सकते है |