मंगलवार, 15 सितंबर 2015

इस किसान के खेत के चावल बढ़ाते हैं बड़ों-बड़ों की रसोई की शान

आपको जानकर हैरानी होगी कि एक किसान संजय चौधरी (अरकार गांव, बालोद) के खेत के चावल हमारे देश (मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, चंडीगढ़ व तमिलनाडु आदि ) के नामी-गिरामी हस्तियों, जिनमें बॉलीवुड एक्टर्स, पॉलिटिशियन्स, रिसर्चर्स और डॉक्टर्स शामिल हैं, के घरों की रसाइयों की शान बढ़ाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस खुशबूदार चावल का उत्पादन संजय चौधरी बिल्कुल ऑर्गेनिक तरीके से करते हैं जोकि प्रसिद्ध लोगों के घरों तक जाते हैं। एक बात और है कि चौधरी जी प्रतिस्पर्धा के डर से अपने ग्राहकों का नाम लेने से कतराते हैं।
कृषि रत्न पुरस्कार से सम्मानित संजय चौधरी का कहना हैं कि आजकल चाहे फल हों, अनाज हों या सब्जियां सबमें ज्यादा पैदावार के लालच में किसान भारी मात्रा में रसायनों का उपयोग करते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। वे कहते हैं कि आर्गेनिक खेती से आरंभ में उन्हें काफी नुकसान हुआ, लेकिन उन्होंने धैर्य नहीं खोया और आज बड़े-बड़े लोग उनके खेतों में उगाया गया चावल पसंद करते हैं।

आपको जानकारी दे दें कि संजय चौधरी की अरकार गांव में लगभग साढ़े तीन सौ एकड़ की उनकी पारिवारिक जमीन है जिसमें से 75 एकड़ में पर वह आर्गेनिक खेती करते हैं। शेष हिस्से में सेमी आर्गेनिक अर्थात् आवश्यकतानुसार रसायन का प्रयोग करते हैं। आर्गेनिक खेती में प्रति एकड़ 15 क्विंटल चावल का उत्पादन होता है।


संजय चैधरी फसल को कीटाणुओं से बचाने के लिए स्वयं आर्गेनिक खाद बनाते भी हैं। इसके लिए वे गोमूत्र, गोबर का खाद, गुड़, बेसन व मक्खन का इस्तेमाल करते हैं। वह बाजार से भी बीज नहीं खरीदते। बीजों के लिए भी वह स्वयं का भंडारणगृह रखते हैं जहां वे चावल, गेहूं और तिलहन के बीज को संभालकर रखते हैं।

सूखे से परेशान किसान के लिए संजय मिसाल हैं जिनके खेत में ऐसी स्थिति में भी फसल लहलहा रही हैं। उनका कहना है कि इसका प्रमुख कारण वाटरहार्वेस्टिंग सिस्टम है। इसके द्वारा वह बारिश के पानी को इकट्ठा कर लेते हैं। उन्होंने इसके लिए 100 फीट गहरा बोर भी करवा रखा है। इससे जहां एक ओर बारिश के पानी का सही इस्तेमाल होता है तो वहीं दूसरी ओर मिट्टी की नमी भी कायम रहती है। 

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